समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता एवं कारागार मंत्री श्री राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि सामाजिक न्याय की लड़ार्इ समाजवादी आंदोलन का मुख्य हिस्सा रही है जिसके लिए डा0 राम मनोहर लोहिया से लेकर श्री मुलायम सिंह यादव संघर्शशील रहे है। मण्डल कमीशन की रिपोर्ट को लागू करने के लिए श्री मुलायम सिंह यादव ने हर वर्ष जेल भरो आंदोलन किया था। आज भी उनकी प्रेरणा से सत्ता और सम्मान से वंचित पिछड़ी जातियों को चिनिहत कर उनमें जागृति पैदा करने के लिए Þअधिकार रथयात्राÞ और सामाजिक न्याय रथयात्राÞ शुरू की जा रही है।
श्री चौधरी ने पत्रकारवार्ता में आगे कहा कि नाइंसाफी को समाप्त करने और राष्ट्र रचना में पिछड़ों और वंचितों की क्षमताओं को सम्मानजनक अवसर मिले। समाजवादी पार्टी इस पर बराबर जोर देती रही है। प्रेसवार्ता को राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री गायत्री प्रसाद प्रजापति ने भी सम्बोधित किया। इस मौके पर सर्वश्री नरेश उत्तम, एमएलसी एवं अध्यक्ष समाजवादी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ, प्रदेश सचिव श्री एस0आर0एस0यादव, श्री सुनील यादव एवं डा0 राजपाल कश्यप (राज्यमंत्री) श्री रामसुन्दर दास निषाद, एमएलसी तथा श्रीमती विधावती राजभर (राज्यमंत्री दर्जा) एवं श्री लालता प्रसाद निषाद भी मौजूद थे।
रथयात्रा कार्यक्रम के संयोजक श्री गायत्री प्रसाद प्रजापति ने कहा कि बसपा, भाजपा और कांग्रेस ये भी पिछड़ी जातियों को उनके हक देने के पक्ष में नहीं हैं। जिन 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति की सुविधाएं देने की पहल समाजवादी पार्टी और इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव ने की है उसका संदेश गांव-घर तक पहुचाने के लिए 24 अक्टूबर,2013 से पार्टी कार्यालय से रथयात्राएं शुरू होगी जिन्हें नेताजी तथा मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव हरी झण्डी दिखाकर रवाना करेगें। ये यात्राएं 07 दिसम्बर,2013 तक चलेगी और 14 दिसम्बर,2013 को लखनऊ में सामाजिक न्याय की विशाल रैली होगी जिसे नेताजी, मुख्यमंत्री तथा अन्य वरिष्ठ समाजवादी पार्टी नेता सम्बोधित करेगें।
प्रेस कान्फ्रेस में कहा गया कि देश में कुछ ऐसी पिछड़ी जातियां है जिनकी आर्थिक, राजनैतिक एवं सामाजिक सिथति अनुसूचित जातियों से भी दयनीय है। राजकीय सेवाओं, निजी संस्थाओं में इनका प्रतिनिधित्व नहीं के बराबर है। राजनैतिक सत्ता में भागीदारी बिल्कुल भी नहीं है। प्रदेश की 17 जातियों को सम्मानजनक जीवन यापन एवं सभी क्षेत्रों में भागीदारी सुनिशिचत करने के उददेश्य से समाजवादी पार्टी की सरकार में इनको अनुसूचित जाति की सूची में शामिल करने का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा गया था जिसको 2007 में बसपा की सरकार के आते ही निरस्त कर दिया गया था। प्रदेश में पिछड़ी जातियों की जनसंख्या इस समय लगभग 60 प्रतिशत है परन्तु उनको 27 प्रतिशत आरक्षण तक ही सीमित कर दिया गया है। इसके कारण इनकी अधिकांश आबादी आर्थिक दृषिट से बहुत कमजोर है और उनकी सामाजिक एवं राजनैतिक सिथति भी अच्छी नहीं है।
जब तक समाज के सभी वर्गो को विकास एवं उत्थान के समान अवसर प्राप्त नहीं होते तब तक समाज में विषमता बनी रहेगी। ऐसी सिथति में पिछड़ी जातियों को समाज में बराबरी का हक मिलना चाहिए। इसलिए ऐसे समाज को अपनी आर्थिक सामाजिक एवं राजनैतिक सिथति को आगे बढ़ाने हेतु जागरूक होना पड़ेगा। इसी उददेश्य से 17 पिछड़ी जातियों को केन्द्र सरकार द्वारा अनुसूचित जाति की सूची में शामिल कराने तथा अन्य पिछड़ी जातियों को समाज में उत्थान हेतु समान अवसर देने के उददेश्य से निर्णय लिया गया है कि प्रदेश में रथ यात्राओं के माध्यम से जगह-जगह पहुचकर लोगों को अपने कर्तव्यों एवं अधिकारो के प्रति जागरूक किया जाय।
दिनांक 24 अक्टूबर,2013 से 17 पिछड़ी जातियों की ÞअधिकारÞ रथयात्रा पिछड़ी जातियों के सम्मेलनों के संयोजक श्री गायत्री प्रसाद प्रजापति, (राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार) डा0 राजपाल कश्यप, अध्यक्ष मत्स्य विकास निगम (राज्यमंत्री दर्जा) तथा अन्य पिछड़ी जातियों की सामाजिक न्याय रथयात्रा श्री नरेश उत्तम, सदस्य विधान परिषद एवं प्रदेश अध्यक्ष समाजवादी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ और श्री राम आसरे विश्वकर्मा अध्यक्ष पिछड़ा वर्ग आयोग (राज्यमंत्री दर्जा) के नेतृत्व में प्रारम्भ होगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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