अपर जिलाधिकारी (नागरिक आपूर्ति) एवं कर निर्धारण प्राधिकारी (सुख साधन कर) राजकुमार ने अवगत कराया है कि सराय एक्ट 1867 की धारा 3 के अंतर्गत किसी भी ऐसे होटल, गेस्ट हाउस, सराय एवं प्रतिष्ठान जहां पर पर्यटकयात्री रात्रि विश्राम अथवा क्षणिक विश्राम हेतु भुगतान के आधार पर ठहरा करते हैं, ऐसे समस्त प्रतिष्ठानों का उक्त धारा के अंतर्गत पंजीकरण होना आवश्यक है। यदि कोर्इ भी होटलप्रतिष्ठान बिना सराय एक्ट पंजीकरण के संचालित होता है तो सराय एक्ट अधिनियम की धारा 14 के अंतर्गत उस प्रतिष्ठान के विरूद्ध दण्डनीय कार्यवाही की जा सकती है।
उन्होंने समस्त होटल, गेस्ट हाउस, सराय, प्रतिष्ठानों के स्वामियों, संचालकों, व्यवस्थापकों तथा प्रबंधकों को सूचित किया है कि यदि उनका होटल प्रतिष्ठान सराय एक्ट में पंजीकृत नहीं है तो यथाशीघ्र अपने होटल, गेस्ट हाउस, सराय एवं प्रतिष्ठान का पंजीकरण तत्काल करा लें अन्यथा की सिथति में सभी अपंजीकृत होटल, अधिष्ठानप्रतिष्ठान के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी। ऐसे होटलों में किसी व्यकित, वाहन आदि का ठहराना अथवा रखा जाना वर्जित होगा।
इसके अतिरिक्त ऐसे स्वामियोंसंचालकों के ऊपर अर्थदण्ड निरूपित किये जाने के साथ-साथ ऐसे किसी भी अधिष्ठानप्रतिष्ठान के व्यवस्थापक के रूप में कार्य करने से प्रतिबंधित किया जा सकेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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