उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने आज यहां पुलिस लाइन में आयोजित पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर अपने प्राणों की आहुति देने वाले पुलिसजनों को श्रद्धापूर्वक नमन करते हुए उन्हें अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि दी। उन्होंने शहीद पुलिसजनों के परिवार के सदस्यों को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार उनके कल्याण के लिए सभी जरूरी कदम उठाने के लिए हमेशा तत्पर रहेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस व्यवस्था को मजबूत करना राज्य सरकार की मुख्य प्राथमिकता है। जनता को पुलिस बल से सबसे अधिक अपेक्षा होती है। इसके दृषिटगत प्रत्येक पुलिसकर्मी को अपने कार्य के महत्व को समझना होगा तथा अपने पद की गरिमा एवं कर्तव्य को ध्यान में रखते हुए पीडि़त व्यकित को तत्काल सहायता देकर उनकी उम्मीदों पर खरा उतरना होगा। उन्होंने समाज के कमजोर एवं अल्पसंख्यक वर्गों की ओर विशेष ध्यान दिए जाने पर बल देते हुए कहा कि आज समय बहुत तेजी से बदल रहा है। बदलते समय के साथ-साथ अपराध करने के तरीके भी बदल रहे हैं। इसलिए पुलिस बल को भी तेजी से बदलना होगा तथा अपराध नियंत्रण एवं अन्वेषण की नर्इ तकनीकों में दक्ष होना होगा।
इसके लिए पुलिस बल के प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिए जाने का उल्लेख करते हुए श्री यादव ने कहा कि भर्ती के समय प्रशिक्षण के साथ-साथ सेवा के दौरान भी विशेष प्रशिक्षण कार्यशालाओं आदि का भी समय-समय पर आयोजन किया जाना बेहद जरूरी है। उन्होंने प्रमुख सचिव गृह एवं पुलिस महानिदेशक से पुलिस बल के प्रशिक्षण की ओर विशेष ध्यान दिए जाने और इस सम्बन्ध में शीघ्र कार्य योजना तैयार करने की अपेक्षा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज अपराध नियंत्रण के लिए सी.सी. टी.वी. कैमरा, जी.पी.एस. युक्त पेट्रोल वाहन तथा अन्य आधुनिक तकनीकों से सुसजिजत कण्ट्रोल रूम का महत्व बढ़ गया है। इसकी शुरुआत प्रदेश में कानपुर नगर से की गर्इ है। शीघ्र ही 03 महानगरों-इलाहाबाद, लखनऊ एवं गाजियाबाद में भी अत्याधुनिक कण्ट्रोल रूम की शुरुआत कर दी जाएगी। उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से कण्ट्रोल रूम के दक्ष संचालन की ओर ध्यान देने की अपेक्षा करते हुए कहा कि यह सुनिशिचत किया जाए कि जनता को यह महसूस हो कि उनके संकट की घड़ी में पुलिस सबसे पहले उनकी सहायता के लिए पहुंचेगी। तभी कण्ट्रोल रूम की परिकल्पना सफल होगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास होगा कि कण्ट्रोल रूम में अधिक से अधिक महिला कर्मियों की डयूटी लगार्इ जाए। उन्होंने कहा कि यहां तैनात पुलिस अधिकारियों को प्रतिमाह विशेष भत्ता दिया जाएगा तथा सभी पुलिस कण्ट्रोल रूम को पर्याप्त संख्या में वाहन उपलब्ध कराए जाएंगे।
श्री यादव ने कहा कि पुलिस कर्मियों को समाज में पुलिस की अहम भूमिका के महत्व को आत्मसात करना होगा। जनता को पुलिस से त्वरित सहायता की अपेक्षा होती है, चाहे अपराध नियंत्रण हो या फिर दैवीय आपदा। आम नागरिकों के मानवाधिकार के साथ ही महिलाओं और बच्चों पर विशेष ध्यान देना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस का कार्य अत्यन्त चुनौतीपूर्ण है। पुलिस कर्मियों को जहां एक ओर संगठित गिरोह एवं अपराधियों से लड़ना होता है वहीं आम जनता के दु:ख-दर्द में सदव्यवहार के साथ सहायता पहुंचाना भी उनके कर्तव्यों में शामिल है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में साम्प्रदायिक सौहार्द बनाए रखने से लेकर राज्य में पूंजी निवेश का माहौल तैयार करने तक में पुलिस महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने पुलिस कर्मियों से इस भूमिका का निर्वहन पूरी निष्ठा से करने की अपेक्षा की। उन्होंने पुलिस बल के सदस्यों का आहवान किया कि वे पूरी र्इमानदारी, कानून के प्रति निष्ठा, कर्तव्य परायणता व सेवा भाव से कार्य करके प्रदेश की आम जनता के मन में सुरक्षा की भावना पैदा करें। उन्होंने प्रदेश सरकार के बेहतर कानून व्यवस्था और साम्प्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के संकल्प को पूरा करने के लिए पुलिस कर्मियों से नए उत्साह के साथ काम करने की अपेक्षा भी की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गत वर्ष पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के वर्दी धुलार्इ भत्ते में 10 गुना वृद्धि किए जाने की घोषणा की गर्इ थी। इसके सापेक्ष अब इन कर्मियों को 125 रुपए प्रतिमाह वर्दी धुलार्इ भत्ता दिया जा रहा है। बैरकों में रहने वाले पुलिस कर्मियों के लिए मकान किराया भत्ता भी पिछले वर्ष की घोषणा के अनुरूप कर दिया गया है। कम्प्यूटर आपरेटरों की भर्ती प्रक्रिया लगभग पूर्ण कर दी गर्इ है। उपनिरीक्षक से निरीक्षक पद पर पदोन्नति 50 प्रतिशत वरिष्ठता के आधार पर करने की घोषणा की गर्इ थी, जिसके सापेक्ष 100 प्रतिशत पद वरिष्ठता के आधार पर प्रोन्नति से भरे गए। 1995 उपनिरीक्षकों को निरीक्षक पद पर प्रोन्नत किया जा चुका है। प्रान्तीय पुलिस सेवा के सभी रिक्त पदों पर पदोन्नति की जा चुकी है।
श्री यादव ने कहा कि गत वर्ष मुख्य आरक्षी तथा उपनिरीक्षक पदों के लिए विभागीय परीक्षा के तहत 10 कि.मी. दौड़ की अर्हता को कम करने की घोषणा भी की गर्इ थी, जिसके सापेक्ष कार्रवार्इ की गर्इ और इस दौड़ को घटाकर 4.8 कि.मी. कर दिया गया। उन्होंने कहा कि पी.ए.सी. में कार्यरत 50 वर्ष से अधिक आयु के जवानों को डिसिट्रक्ट आम्र्ड रिजर्व में स्थानांतरित करने तथा विशिष्ट महानुभावों की सुरक्षा में तैनात सुरक्षा कर्मियों के लिए रिजर्व पुलिस लाइन की भांति सुरक्षा लाइन की स्थापना के लिए गम्भीरता से कार्रवार्इ की जा रही है। इस सम्बन्ध में अतिशीघ्र आदेश जारी किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस कर्मियों को प्रोन्नति के अधिक अवसर उपलब्ध कराने के लिए मौजूदा पुलिस आरक्षियों के कुछ पदों को उच्चीकृत करके सहायक उपनिरीक्षक के नए पद सृजित किए जाएंगे तथा उपनिरीक्षक एवं निरीक्षक के पद बढ़ाए जाएंगे। उपनिरीक्षक के सीधी भर्ती से भरे जाने वाले पदों में नागरिक पुलिस, सशस्त्र पुलिस, माउण्टेड पुलिस एवं पी.ए.सी. के पात्र मुख्य आरक्षी एवं आरक्षियों को अधिकतम आयु सीमा में 05 वर्ष की छूट दी जाएगी। प्रत्येक थाने पर पुलिस कर्मियों के लिए चरणबद्ध रूप से हास्टल एवं जनता की सुविधा के लिए आगन्तुक कक्ष बनवाया जाएगा। चरणबद्ध रूप से सेण्ट्रल हवालात का निर्माण भी कराया जाएगा। पुलिस जवानों एवं अराजपत्रित अधिकारियों की कठिन सेवा के दृषिटगत पौषिटक आहार भत्ते में 200 रुपए की वृद्धि की जाएगी। पुलिस की कार्य क्षमता बढ़ाने के लिए उपनिरीक्षक स्तर के सभी अधिकारियों को सी.यू.जी सिम उपलब्ध कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर स्मारक स्थल पर पुष्पचक्र अर्पित कर शहीद पुलिसजनों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कर्तव्य पालन के दौरान शहीद हुए पुलिस कर्मियों के परिजनों से भेंट कर उन्हें सम्मानित भी किया।
पुलिस महानिदेशक श्री देवराज नागर ने अपने सम्बोधन में पुलिस स्मृति दिवस के इतिहास पर प्रकाश डाला तथा शहीद पुलिस कर्मियों को नमन किया। उन्होंने कहा कि 01 सितम्बर, 2012 से 31 अगस्त, 2013 की अवधि में सम्पूर्ण भारत में कर्तव्य की वेदी पर अपने प्राणों को न्योछावर करने वाले पुलिसजनों मेें उत्तर प्रदेश के 117 पुलिसजन समिमलित हैं। उन्होंने कहा कि कर्तव्य पालन में आत्म बलिदान करने वाले इन वीरों के पराक्रम से प्रदेश का सम्पूर्ण पुलिस बल गौरवानिवत है।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री राकेश गर्ग, प्रमुख सचिव गृह श्री अनिल कुमार गुप्ता सहित अन्य गणमान्य व्यकित भी उपसिथत थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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