उत्तर प्रदेश के स्टाम्प तथा न्यायालय शुल्क एवं पंजीयन मंत्री राजा महेन्द्र अरिदमन सिंह ने निबंधन कार्यालयों का अभी तक पूरी तरह कम्प्यूटराइजेशन नहीं होने पर गहरा असन्तोष व्यक्त करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे शीघ्रातिशीघ्र कम्प्यूटरीकरण का कार्य पूरा करें। उन्होंने कहा कि यह दु:ख की बात है कि विगत 10 वर्षों से कम्प्यूटराइजेशन का कार्य चल रहा है लेकिन अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि जब तक कम्प्यूटराइजेशन का कार्य पूरा नहीं होगा तो पूरे प्रदेश में र्इ-स्टामिपंग का कार्य कैसे शुरू हो सकेगा।
स्टाम्प एवं पंजीयन मंत्री ने आज यहां अपने आवास पर आयोजित विभागीय समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभाग में 60 प्रतिशत कार्यालय ऐसे हैं, जो किराये के भवनों में चल रहे हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि तहसीलों में स्थानीय स्तरपर ऐसे लोगों से सम्पर्क स्थापित कर कार्यालय भवन के लिए जमीन की तलाश करें जो स्वेच्छा से अपनी जमीन देने को तैयार हों। इस प्रकार से प्राप्त जमीन पर समयबद्ध ढंग से कार्यालय भवन का निर्माण किया जा सकता है।
बड़े स्टाम्प विलेखों के स्थलीय निरीक्षण के संबंध में श्री सिंह ने अधिकारियेां को निर्देश दिए कि वे नोएडा, गे्रटर नोएडा या गाजियाबाद को छोड़कर अन्य जनपदों का भी गहन स्थलीय निरीक्षण करें, ताकि स्टाम्प शुल्क की चोरी को रोका जा सके। उन्होंने अभिलेखों के बेतरतीब रख-रखाव पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए निर्देश दिए कि अभिलेखों को सुरक्षित ढंग से ऐसी जगह रखा जाय, जहां दीमक आदि नुकशान न पहुंचा सकें। उन्होंने कहा कि ये अभिलेख अत्यन्त महत्वपूर्ण होते हैं जिन्हें लम्बे समय तक सुरक्षित रखना आवश्यक होता है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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