उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी ने निर्देश दिए हैं कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम कि्रयान्वयन हेतु दायित्वों का निर्धारण करते हुए विस्तृत गाइड लाइनशासनादेश समस्त मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों तथा संबंधित विभागों को तत्काल निर्गत कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के निर्देशानुसार कक्षा 01 से 12 तक के राजकीय एवं एडेड विधालयों में अध्ययनरत 19 वर्ष तक के बच्चों को लाभानिवत कराने के साथ-साथ प्रदेश के अन्य विधालयों में अध्ययनरत अर्थात समस्त अध्ययनरत 19 वर्ष तक के बच्चों को स्वास्थ्य परीक्षण राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत कराने हेतु प्रस्ताव भेजकर अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य परीक्षण मिड-डे-मील के समय गठित टीमों द्वारा कराया जाए ताकि अधिक से अधिक बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण हो सके तथा बच्चों को खाने हेतु दी जाने वाली दवाओं का प्रतिकूल असर भी न पड़े। उन्होंने कहा कि प्रत्येक बच्चे को फोटो सहित स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि विधालयों में गठित टीम द्वारा निरीक्षण के दिन सुनिशिचत किए जाएं तथा अभिभावकों से उस निर्धारित दिवस को पहुंचने हेतु अवश्य अनुरोध किया जाए।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन सिथत अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम क्रियान्वयन हेतु अंतर्विभागीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विधालयों में मासिक स्वास्थ्य एवं पोषण सत्र आयोजित किए जाएं, जिससे शिक्षकों द्वारा बच्चों को व्यकितगत स्वच्छता, पोषण तथा अन्य स्वास्थ्य संबंधी जानकारी उपलब्ध कराते हुए अच्छे स्वास्थ्य के लिए जागरूक किया जाए। उन्होंने कहा कि मिड-डे-मील के स्थानीय नोडल अधिकारियों को यह अवश्य देखना होगा कि बच्चों को खाने के समय या बाद में ही आर्इ.एफ.ए. की गोली खिलार्इ जाए, जिससे साइड इफेक्ट की आशंका कम हो जाए। उन्होंने कहा कि आर्इ.एफ.ए. की साप्ताहिक गोली खिलाए जाने की रिपोर्ट मासिक रूप से निर्धारित प्रपत्र पर ब्लाक शिक्षाधिकारी तथा ब्लाक चिकित्सा प्रभारी द्वारा संयुक्त रूप से बना कर अवश्य प्रस्तुत की जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी जनपदों के समस्त ब्लाकों में डेडिकेटेड मेडिकल टीमों की तैनाती एवं क्रियाशीलता सुनिशिचत करार्इ जाए ताकि ग्रामीण क्षेत्रों के समस्त सरकारीसहायतित विधालयों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों पर वर्ष में दो बार स्वास्थ्य परीक्षण एवं सेवाओं का आच्छादन सम्भव हो सके। उन्होंने कहा कि मानसिक रूप से बीमार बच्चों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने हेतु योजना के अंतर्गत आच्छादित कराए जाने की योजना बनार्इ जाए।
प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, श्री प्रवीर कुमार ने बताया कि प्रदेश के समस्त जनपदों में योजना का क्रियान्वयन सुनिशिचत कराने हेतु 1503 मेडिकल टीमों का गठन कर 1.51 लाख विधालयों को कवर किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि लगभग 23.59 कमजोर बच्चों को चिनिहत कर आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करार्इ जा रही हैं। उन्होंने बताया कि 1.70 लाख आंगनबाड़ी केन्द्रों के लक्ष्य के सापेक्ष 0.913 लाख आंगनबाड़ी केन्द्र कवर किए जा चुके हैं।
बैठक में सचिव अल्पसंख्यक कल्याण श्री देवेश चतुर्वेदी सहित सम्बनिधत विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण उपसिथत थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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