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नवअन्वेशण के लिए शिक्षक रोल माडल बने-डा0 हरशरण दास

Posted on 16 October 2013 by admin

पूर्व राष्ट्रपति डा0 ए0 पी0 जे0 अब्दुल कलाम के जन्म दिवस के अवसर पर आज विज्ञान भवन में उत्तर प्रदेश नव प्रवर्तन दिवस का आयोजन किया गया। विज्ञान एवं प्रौधोगिकी परिषद, उ0 प्र0, द्वारा आयोजित कार्यक्रम में लगभग 50 विधालयों के विधार्थियों ने ओरिगामी पर प्रशिक्षण व प्रतियोगिता में भाग लिया। कार्यक्रम में उपसिथत लगभग 200 विधार्थियों ने अपने ज्ञान को आर्थिक रूप से लाभप्रद बनाने की आवश्यकता को बेहतर ढंग से समझा।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डा0 एम0 एस0 सोढ़ा, पूर्व कुलपति लखनऊ विश्वविधालय ने अपने सम्बोधन में गैलैक्सी, प्लाज्मा, ब्रहमाण्ड, करोना, ऊर्जा, तापमान आदि के बारे में विस्ताार पूर्वक बताया और अपने प्राचीन वैज्ञानिकों के अन्वेषणों व अनुसंसाधनों को रोचक ढंग से प्रस्तुत कर के उपसिथत बच्चों, शिक्षकों शोधार्थियों सहित सभी वैज्ञानिकों को उत्प्रेरित किया।
विज्ञान एवं प्रौधोगिकी विभाग, उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव एवं परिषद के महानिदेशक, डा0 हरशरण दास ने अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में बच्चों को अपना एक रोल माडल बनाकर आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। डा0 दास ने ध्यान केनिद्रत कराया कि नवअन्वेषण के लिए दैनिक जीवन की जरूरते समय और शुद्धता के साथ पूरी होने चाहिए। भारत की वर्तमान विज्ञान एवं प्रौधोगिकी पालसी में इनोवेशन को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। नोबल पुरस्कार के लिए भारत में महान विभूतियों की अत्यन्त जरूरत है जो वर्तमान में नहीं है। हमें बिना किसी का पिछलग्गू बने निरन्तर नये आविष्कार, अन्वेषण और शोध करते हुए आगे बढ़ते रहना चाहिए। इस के लिए अपने पर्यावरण को बिना कोर्इ क्षति पहुचाएं अपनी जरूरतों को पूरा करने का प्रयास करना चाहिए। डा0 दास ने प्रायमरी स्तर से लेकर उच्च शिक्षा के विज्ञान शिक्षकों से अपेक्षा की कि अपनी शिक्षण पद्धति में और अधिक सुधार लाकर व्यवहारिक ढंग से नवअन्वेषणों को बढ़ावा दें।
परिषद के निदेशक एवं सचिव डा0 एम0 के0 जे0 सिददीकी ने कहा कि भारत की समग्र प्रगति एवं विकास के लिए प्रदेश में उपलब्ध अथाह प्रतिभा विशेष रूप से बच्चों को इनोवेटिव बनाने की जरूरत है। सुदूर सम्वेदन उपयोग केन्द्र के निदेशक डा0 पी0 एन0 शाह, बी0 एस0 आर्इ0 पी0 के वैज्ञानिक डा0 सी0 एम0 नौटियाल तथा विज्ञान प्रसार नर्इ दिल्ली के वैज्ञानिक डा0 निमिष कपूर ने भी नवअन्वेषण के प्रति बच्चों को अभिप्रेरित किया।
कक्षा-09 से 12 तक विधार्थियों के लिए ओरिगामी पर प्रशिक्षण व इनोवेशन पर किवज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। विजेता 26 छात्र-छात्राओं को प्रथम, द्वितीय, तृतीय व सान्तवना पुरस्कार रूप में विज्ञान पुस्तकों से सम्मानित किया गया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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