प्रदेश के गृह सचिव द्वारा जारी पत्र में बतौर विषय गुजरात के सोमनाथ मंदिर की तर्ज पर अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनवाने का जिक्र करना और बाद में प्रदेश की सपा सरकार द्वारा उस पत्र के विषय को गलत बताया जाना, प्रशासनिक और राजनीतिक दोनों ही –षिटकोण से संदेहात्मक है और इसमें भी कहीं न कहीं सपा और भाजपा के फिक्स मैच की बू आ रही है ।
उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता जीशान हैदर ने यहाँ जारी एक बयान में कहा कि उक्त चर्चित पत्र में उत्तर प्रदेश प्रशासन की भाषा संदेह पैदा करने वाली है जिससे राजनीतिक बू भी आ रही है। उन्होंने कहा कि उ0प्र0 शासन के पत्र की गलती को सुधारते हुए प्रदेश सरकार ने जिस विषय पर बैठक बुलाने की बात कहते हुए पत्र में विषय गलत छपने की बात कही है, इन दोनों विषयों में काफी विरोधाभास है। उन्होंने कहा कि पत्र में एक - दो शब्द में गलती हो सकती है लेकिन यहाँ तो पूरा का पूरा वाक्य ही गलत है और विषय का सन्दर्भ और अर्थ दोनों ही भिन्न हैं।
श्री हैदर ने कहा कि उ0प्र0 शासन द्वारा इतनी बड़ी गलती कैसे हो सकती है। प्रदेश सरकार अगर इसे प्रशासन की गलती मानती भी है तो इसका मतलब उ0प्र0 प्रशासन आँख बंद करके काम कर रहा है। इससे यह भी अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश का प्रशासन अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कितनी गंभीरता से कर रहा है? अगर ऐसा है तो गलती करने वाले अधिकारी के खिलाफ कोर्इ कार्यवाही क्यों नहीं की गयी? उन्होंने यह भी कहा कि इस गलती से प्रदेश में हालात भी बिगड़ सकते थे, उसके लिए कौन जिम्मेदार होता? प्रदेश सरकार द्वारा सिर्फ गलती स्वीकार कर लेना ही काफी नहीं है.। इस पूरे प्रकरण में उ0प्र0 के प्रशासन और प्रदेश की सपा सरकार की भूमिका दोनों संदेह के घेरे में है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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