उत्तर प्रदेश के स्टाम्प तथा न्यायालय शुल्क एवं पंजीयन मंत्री राजा महेन्द्र अरिदमन सिंह ने कहा है कि स्टाम्प शुल्क की चोरी पर प्रभावी नियंत्रण हेतु यह आवश्यक है कि जिलाधिकारी सहित सभी सम्बनिधत अधिकारी बड़े लेख पत्रों का प्रतिमाह स्थलीय निरीक्षण सुनिशिचत करें। उन्होंने कहा कि प्राय: यह देखा जा रहा है कि शासन स्तर से निर्देश दिए जाने के बाद भी न तो जिलाधिकारी तथा अपर जिला अधिकारी (वित्त एवं राजस्व) और न ही सहायक आयुक्त स्टाम्प निर्धारित संख्या के अनुसार स्थलीय निरीक्षण कर रहे हैं, जो अत्यन्त ही खेदजनक है।
बड़ी सम्पतितयों का जिला निबंधन अधिकारी (ए0 डी0 एम0 वित्त एवं राजस्व) द्वारा धारा 31 के तहत कम मूल्यांकन किए जाने की शिकायत को गम्भीरता से लेते हुए स्टाम्प शुल्क एवं पंजीयन मंत्री ने कहा कि ऐसे अधिकारियों के विरूद्ध नियुकित विभाग को कड़ी कार्रवार्इ करने के लिए लिखा जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसे अधिकारी न केवल राजस्व की क्षति करा रहे हैं, बलिक सरकार को स्टाम्प शुल्क की वसूली के लिए उच्च न्यायालय में वाद दायर करने के लिए मजबूर होना पड़ा रहा है। इस प्रकार दो तरह से राजस्व की हानि हो रही है। उन्होंने सभी जिला निबंधन अधिकारियों से कहा है कि वे अपनी अद्र्धन्यायिक शकितयों का कार्यहित में सदुपयोग करें न कि राजस्व हानि पहुंचाने में दुरूपयोग।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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