समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि भाजपा, कांग्रेस और बसपा एक दूसरे के कारनामों में अक्सर संगी साथी की भूमिका में रहे हैं लेकिन अब लोकसभा चुनाव के नजदीक आने पर ये सभी मिलकर जिस तरह समाजवादी पार्टी के खिलाफ हमलावर हो रहे है, उससे लगता है कि इनकी कोर्इ मिलीजुली गहरी साजिश चल रही हैं। भाजपा और कांग्रेस की नीतियां अलग हैं और बसपा तो बिना किसी नीति नियम के चलनेवाली प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी है फिर भी इनके सुर एक जैसे निकल रहे हैं। समाजवादी पार्टी के प्रति इनके बयान बेसिरपैर के, ऊलजुलूल तथा राजनीति की सामान्य मर्यादा के भी प्रतिकूल है।
समाजवादी पार्टी प्रारम्भ से ही सांप्रदायिकता की विरोधी और धर्मनिरपेक्षता के लिए प्रतिबद्ध रही है। उत्तर प्रदेश में भाजपा की सांप्रदायिकता को रोकने का काम समाजवादी पार्टी ने ही किया है। कांग्रेस भले ही धर्मनिरपेक्ष होने का ढोंग करे लेकिन उसका आचरण ठीक इसके उलट ही रहा है। बाबरी मसिजद का जब 1992 में ध्वंस हुआ तब केन्द्र में कांग्रेस और राज्य में भाजपा की सरकार थी। आज कांग्रेस समाजवादी पार्टी पर हमलावर है तो फायदा भाजपा को ही देने की साजिश लगती है। बसपा तो भाजपा के अक्सीजन पर ही जिन्दा रहती आर्इ है। बसपा की पूर्व मुख्यमंत्री ने तो गुजरात जाकर श्री नरेन्द्र मोदी के पक्ष में चुनाव प्रचार तक किया था।
मुजफफरनगर में भाजपा ने आग लगार्इ, यही साम्प्रदायिकता का नंगा सच हैं। वहां शांति कायम हो और परस्पर विश्वास का वातावरण बने इसके लिए समाजवादी पार्टी ने पहल की और सदभावना एकता का संदेश लेकर पार्टी कार्यकर्ता गांव-घरों तक गए। अब भाजपा द्वारा इसे जुर्म का कबूलनामा बताना सिर्फ क्षुद्र मानसिकता का परिचायक है। भाजपा का मुसिलम द्वेष छुपा नहीं है, इसलिए उन्हें समाजवादी पार्टी का हर किसी को साथ लेकर चलना तुष्टीकरण लगता हैं और समाजवादी पार्टी के नेता मोहम्मद आजम खा उन्हें फूटी आंखो नहीं सुहाते हैं। लेकिन आश्चर्य है कि कांग्रेस के प्रवक्ता भी वहीं भाषा बोलना सीख रहे हैं। कांग्रेस की तरफ से यह पूछा जाना कि श्री आजम खा सरकार में क्यों बने हुए हैं, निहायत बचकाना सवाल है।
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में प्रदेश को विकास के पथ पर ले जाने की जो सफल कोशिशें हो रही है और जनता का विश्वास जिस तरह उनके प्रति गहराता जा रहा है, उससे विपक्षी खेमे में बेचैनी स्वाभाविक है और वे किसी भी तरह से प्रदेश की शांति व्यवस्था में खलल डालने की साजिशों में लगे हैं। प्रदेश में कर्इ महत्वपूर्ण त्यौहार मनाए जाने हैं और इसमें फिर हिन्दू-मुसिलम तनाव पैदा करने की आशंकाओं को देखते हुए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के निर्देश राज्य सरकार ने दिए है। किसी भी तरह की गड़बड़ी अब बर्दाश्त नहीं होगी और उपद्रवियों से सख्ती से निपटा जायेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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