Categorized | लखनऊ.

सार्वजनिक, निजी एवं सहकारी क्षेत्र की नयी आवासीय योजनाओं में आर्थिक दृषिट से दुर्बल एवं अल्प आय वर्गों के व्यकितयों के लिए

Posted on 04 October 2013 by admin

आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने से सम्बनिधत नीति में संशोधन समाज के आर्थिक दृषिट से कमजोर वर्गों की मकान खरीदने की क्रय-क्षमता पर विशेष ध्यान देने हेतु शासनादेश दिनांक 26 सितम्बर 2011 द्वारा निर्गत नीति के कतिपय प्राविधान अव्यवहारिक होने के कारण इसमें इस दृषिट से संशोधन किया जाना आवश्यक पाया गया कि उक्त आय वर्गों हेतु ‘सेल्फ सस्टेनेबल आधार पर आवासों का निर्माण संभव हो सके और विकासकर्ता ऐसे भवनों का निर्माण करने हेतु स्वत: प्रेरित हों। उक्त के परिप्रेक्ष्य में मंत्रिपरिषद द्वारा ये निर्णय लिए गए कि हडको के पुनरीक्षित मानकोें के अनुसार र्इ0डब्ल्यू0एस0 परिवार की वार्षिक आय सीमा 1 लाख रुपये तक एवं एल0आर्इ0जी0 परिवार की 1 लाख रुपए से अधिक, परन्तु 2 लाख रुपए तक निर्धारित की गयी है, जो प्रत्येक वर्ष कास्ट-इन्डेक्स के आधार पर पुनरीक्षित की जायेगी।
र्इ0डब्ल्यू0एस0 के लिए भूखण्डीय विकास में भूखण्ड का क्षेत्रफल 30-50 वर्ग मीटर एवं एल0आर्इ0जी0 का 40-50 वर्ग मीटर तथा ग्रुप हाउसिंग में आवासीय इकार्इ का बिल्ट-अप एरिया र्इ0डब्ल्यू0एस0 के लिए 25-35 वर्ग मीटर तथा एल0आर्इ0जी0 के लिए 36-48 वर्ग मीटर निर्धारित की गयी है। इस नीति में भूखण्डीय विकास (प्लाटेड डेवलपमेंट) तथा ग्रुप हाउसिंग दोनों प्रकार के विकास में विकासकर्ता द्वारा र्इ0डब्ल्यू0एस0 एवं एल0आर्इ0जी0 भवनों का निर्माण करना अनिवार्य है।
04 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल की समस्त नर्इ आवासीय योजनाओं में र्इ0डब्ल्यू0एस0 तथा एल0आर्इ0जी0 के लिए न्यूनतम 10-10 प्रतिशत (कुल 20 प्रतिशत) भवनों का निर्माण उसी योजना के अन्तर्गत अनिवार्य किया गया है। 04 हेक्टेयर से कम क्षेत्रफल की योजनाओं में र्इ0डब्ल्यू0एस0 एवं एल0आर्इ0जी0 भवनों का निर्माण यथासम्भव उसी स्थल पर अथवा 10 लाख एवं अधिक जनसंख्या वाले नगराें में योजना स्थल के 05 किलोमीटर के अद्र्धव्यास व अन्य नगरों में 02 किलोमीटर के अद्र्धव्यास के अन्दर किया जायेगा। यदि भवनों का निर्माण संभव न हो, तो उसके एवज में विकासकर्ता द्वारा विकास प्राधिकरणआवास एवं विकास परिषद को ‘शेल्टर फीस देय होगी।
एकल आवासीय भवन र्इ0डब्ल्यू0एस0 एवं एल0आर्इ0जी0 भवन निर्माण के प्राविधानों से मुक्त रहेंगे। एक से अधिक भूखण्डफ्लैट की आवासीय परियोजनायोजना पर यह प्राविधान लागू होंगे। हडको द्वारा पुनरीक्षित मानकों के अनुसार र्इ0डब्ल्यू0एस0 भवन का सीलिंग मूल्य 3.25 लाख रुपये तथा एल0आर्इ0जी0 भवन का 07 लाख रुपये निर्धारित किया गया है, जिसे प्रत्येक वर्ष कास्ट इण्डेक्स के आधार पर पुनरीक्षित किया जायेगा।
र्इ0डब्ल्यू0एस0 एवं एल0आर्इ0जी0 भवनों का समयबद्ध निर्माण सुनिशिचत करने हेतु उक्त भवनों के सापेक्ष बैंक गारण्टी देय होगी, अथवा विकासकर्ता द्वारा योजना की आंशिक भूमि शासकीय अभिकरण के पक्ष में बंधक रखी जा सकती है। विकासकर्ता द्वारा यदि र्इ0डब्ल्यू0एस0 एवं एल0आर्इ0जी0 भवनों का निर्माण नहीं किया जाता है अथवा अधूरा छोड़ा जाता है, तो प्राधिकरणपरिषद द्वारा बैंक गारण्टी को जब्त कर एवं भुना कर अथवा बन्धक रखी गर्इ भूमि को जब्त कर उसके विक्रय से प्राप्त धनराशि से र्इ0डब्ल्यू0एस0 एवं एल0आर्इ0जी0 भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण कराया जाएगा। इसके अतिरिक्त डिफाल्टर विकासकर्ता के विरुद्ध प्राधिकरणआवास एवं विकास परिषद द्वारा नियमानुसार यथोचित दण्डात्मक कार्यवाही करने पर भी विचार किया जायेगा।
इस नीति के अनुसार र्इ0डब्ल्यू0एस0 एवं एल0आर्इ0जी0 भवनों का निर्माण योजना के अन्य आवासीय स्टाक की भौतिक प्रगति के अनुपात में किया जाएगा। यह व्यवस्था हार्इटेक टाउनशिप तथ इन्टीग्रेटेड टाउनशिप योजनाओं में भी लागू होगी। र्इ0डब्ल्यू0एस0 एवं एल0आर्इ0जी0 भवनों की लागत को क्रास-सबिसडार्इज करने हेतु विकासकर्ता को उक्त भवनों के तल क्षेत्रफल के समतुल्य आवासीय उपयोग का नि:शुल्क एल0ए0आर0 उसी योजनान्तर्गत अनुमन्य होगा। र्इ0डब्ल्यू0एस0 एवं एल0आर्इ0जी0 भवनों का आवंटन शासन द्वारा उपाध्यक्षआवास आयुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति के माध्यम से किया जायेगा।
सार्वजनिक, निजी एवं सहकारी क्षेत्र की योजनाओं में र्इ0डब्ल्यू0एस0 एवं एल0आर्इ0जी0 भवनों का आवंटन लीज होल्ड के आधार पर किया जायेगा, जिसके विक्रयहस्तान्तरण पर आवंटन की तिथि से 5 वर्षों अथवा देय लागत जमा करने की तिथि, जो भी बाद में हो, तक प्रतिबन्ध रहेगा और उक्त अवधि के पश्चात लाभार्थी के पक्ष में स्वत: फ्री-होल्ड माना जाएगा, जिसके संबंध मेें प्राधिकरणआवास एवं विकास परिषद द्वारा औपचारिक आदेश निर्गत किया जाएगा। र्इ0डब्ल्यू0एस0 एवं एल0आर्इ0जी0 भवनों ‘हेरिटेबल होंगे। एक से अधिक र्इ0डब्ल्यू0एस0 अथवा एल0आर्इ0जी0 भवनों का अमलगमेशन अथवा उन्हें जोड़कर एक इकार्इभवन बनाना प्रतिबनिधत होगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

May 2024
M T W T F S S
« Sep    
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031  
-->









 Type in