यह उदगार व्यक्त करते हुये राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेष अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेष में डेंगू से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है परन्तु प्रदेष सरकार व स्वास्थ महानिदेषक का दावा है कि डेंगू काबू में है और इसका प्रकोप केवल मध्य उत्तर प्रदेष में है जबकि जमीनी हकीकत इसके विपरीत है। पूर्वांचल में दिमागी बुखार के साथ डेंगू ने भी दस्तक दी है।
श्री चौहान ने कहा कि मा0 उच्च न्यायालय ने सरकार को नोटिस जारी किया है कि सरकार बताये कि डेंगू की रोकथाम तथा डेंगू के मरीजों को स्वस्थ्य करने के हेतु कौन कौन से उपाय किये गये हैं। इससे यह साफ जाहिर होता है कि सरकार से ज्यादा मा0 उच्च न्यायालय प्रदेषवासियों के स्वास्थ्य के प्रति गम्भीर है जबकि यह दायित्व जनता द्वारा चुनी गयी सरकार का है। उन्होंने कहा कि राजधानी के अस्पतालों में ही डेंगू के मरीजों को बेड नहीं उपलब्ध हो पा रहा है ओैर न ही उनकी देखरेख के लिए कुछ विषेष इंतजाम किया गया है। साथ ही जनता को डेंगू से बचाव के प्रति जागरूक करने का न तो कोर्इ इंतजाम है न ही कोर्इ ठोस कार्ययोजना है।
श्री चौहान ने कहा कि जब राजधानी में ही गंदगी व डेंगू से लड़ने में सरकार व प्रषासन दोनों अक्षम दिखार्इ दे रहे हैं तो पूरे प्रदेष के बारे में सोचना ही बेमानी है। उन्होंने प्रदेष सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुये कहा कि प्रदेष सरकार कानून व्यवस्था, किसानों, छात्रों, बुनकरों, अल्पसंख्यकों, नौजवानों, अधिवक्ताओं, सहित समाज के सभी वर्गों के हितार्थ प्रत्येक मुददे पर फेल है और चुनाव पूर्व किये गये अपने वादों को भूल चुकी हैं।
श्री चौहान ने प्रदेष सरकार से मांग की कि डेंगू व दिमागी बुखार से निपटने के लिए कोर्इ ठोस कार्ययोजना बनाकर प्रदेषवासियों को निजात दिलाये तथा अस्पतालों व अन्य स्वास्थ सेवाओं को सुदृढ़ करे जिससे प्रदेषवासी स्वस्थ रह सके।
यह जानकारी राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेष प्रवक्ता ने एक प्रेस विज्ञपित में दी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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