उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी ने निर्देश दिये हैं कि त्वरित सिंचार्इ लाभ कार्यक्रम के अन्तर्गत वित्त पोषित सरयू नहर परियोजना, बाण सागर नहर परियोजना, अजर्ुन सहायक परियोजना, शारदा नहर परियोजना, मध्य गंगा नहर परियोजना-द्वितीय चरण तथा कचनौधा बांध परियोजना के कार्यों को यथाशीघ्र पूर्ण कराने हेतु माइलस्टोन निर्धारित कर कार्य निर्धारित मानक एवं गुणवत्ता के साथ कराये जाय। उन्होंने कहा कि जिन परियोजनाओं में अवशेष कार्यों को शीघ्र पूर्ण कराने हेतु धनराशि भारत सरकार से अवमुक्त की जानी है, को प्रयास कर अवशेष धनराशि अवमुक्त करायी जाय। उन्होंने कहा कि अर्जुन सहायक परियोजना के कायोर्ं को पूर्ण कराने हेतु अवमुक्त 200 करोड़ रूपये की धनराशि का उपयोग पारदर्शिता के साथ कराकर कार्यों को यथाशीघ्र पूर्ण कराया जाय। उन्होंने कहा कि जल प्रबंधन समितियां गठित कर प्रत्येक कुलाबों से सिंचार्इ हेतु पानी की आपूर्ति सुनिशिचत करायी जाय। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड में कुलाबे के माध्यम से जल आपूर्ति हेतु प्रस्तावित 10 प्रस्ताव अनुमोदनार्थ एक सप्ताह में भेज दिये जाय।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन सिथत अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में विकास एजेण्डा के अन्तर्गत त्वरित सिंचार्इ लाभ कार्यक्रम के अन्तर्गत वित्त पोषित परियोजनाएं तथा कमाण्ड एरिया डेवलपमेन्ट एण्ड वाटर मैनेजमेन्ट वक्र्स के कायोेर्ं की समीक्षा कर रहे थे।
प्रमुख सचिव सिंचार्इ श्री दीपक सिंघल ने बताया कि सरयू नहर परियोजना से बहराइच, श्रावस्ती, गोण्डा, महाराजगंज, संतकबीरनगर, बलरामपुर, बस्ती, सिद्धार्थनगर, गोरखपुर जनपद लाभानिवत होेंगे तथा 14.40 लाख हे0 की सिंचन क्षमता में वृद्धि होगी। उन्होंने बताया कि विगत मार्च 2013 तक इस परियोजना से 9.36 लाख हे0 सिंचन क्षमता सृजित हुर्इ है। उन्होंने बताया कि इस परियोजना को विगत 2012-13 में राष्ट्रीय परियोजना में समिमलित किया गया है, जिसमें 90 प्रतिशत धनराशि केंद्रीय अनुदान के रूप में केंद्र सरकार द्वारा दिया जाना प्रस्तावित हैै। उन्होंने बताया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष 2013-14 में 750 करोड़ रूपये के बजट की व्यवस्था प्रस्तावित है। अभी तक परियोजना हेतु 137.50 करोड़ रूपये की धनराशि अवमुक्त की गयी है। उन्होंने बताया कि मार्च 2016 तक परियोजना को पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित है। उन्होंने बताया कि बाणसागर नहर परियोजना से इलाहाबाद एवं मिर्जापुर जनपद लाभानिवत होंगे तथा 150132 हे0 सिंचन क्षमता की वृद्धि होगी। उन्होंने बताया कि वित्त पोषित अन्य सिंचार्इ परियोजनाओं को समय से पूर्ण कराने हेतु भारत सरकार से धनराशि प्राप्त करने के प्रयास किये जाय।
बैठक में प्रमुख सचिव नियोजन श्री संजीव मित्तल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपसिथत थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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