उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी ने निर्देश दिये हैं कि प्रदेश द्वारा वाहय सहायता हेतु प्रस्तावित नवीन परियोजनाएं- यू0पी वाटर सेक्टर, रिस्ट्रक्चरिंग परियोजना-2, बीहड़ भूमि सुधार परियोजना, प्रो-पुअर टूरिज्म डेवलपमेन्ट प्रोजेक्ट, उ0प्र0 कोर रोड नेटवर्क डेवलपमेन्ट परियोजना, उ0प्र0 मुख्य जिला सड़क विकास कार्यक्रम, सालिड वेस्ट मैनेजमेन्ट परियोजना, उ0प्र0 ऊर्जा क्षेत्र क्षमतावद्र्धन परियोजनाओं को विश्व बैंक पोषित स्वीकृत कराने हेतु आवश्यक कार्यवाही यथाशीघ्र सुनिशिचत करायी जाय। उन्होंने कहा कि उ0प्र0 कोर रोड नेटवर्क डेवलपमेन्ट परियोजना का कि्रयान्वयन अक्टूबर 2014 से प्रारम्भ कराकर मागोर्ं का लगभग 2388 किमी0 उच्चीकरण तथा 1261 किमी0 सतह सुधार कराया जाना प्रस्तावित किया जाय। यह परियोजना पाच-पाच वषोर्ं के तीन चरणों में प्रस्तावित कर परियोजना की अवधि 10 वर्ष तथा लागत लगभग 11807 करोड़ रूपये की होगी। उन्होंने कहा कि घरेलू पर्यटन स्थलों का विकास, स्थानीय जनता के जीवन स्तर को सुधारने हेतु रोजगार के अवसर सृजित करने तथा ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित करने के उददेश्य से बुद्धिस्ट सर्किट एवं ब्रज आगरा हेतु 2218 करोड़ रूपये की प्रो-पुअर टूरिज्म डेवलपमेन्ट प्रस्तावित परियोजना मेंं योजना का 30 प्रतिशत प्रदेश सरकार द्वारा वहन किया जायेगा। इस परियोजना का उददेश्य चयनित पर्यटन स्थलों पर आने वाले पर्यटकोें की संख्या को बढ़ाकर दो वषोर्ं में दोगुना कराना तथा पर्यटकों के ठहराव को एक दिन और बढ़ाना है।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन सिथत अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में वाहय सहायता हेतु प्रस्तावित नवीन परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यू0पी वाटर सेक्टर, रिस्ट्रक्चरिंग परियोजना-2 के द्वितीय चरण मेें प्रदेश के कुल 16 जनपदों में सिंचार्इ विभाग के अधीनस्थ कतिपय खण्डों के अतिरिक्त स्टेट इन्स्टीटयूट आफ रूरल डेवलपमेन्ट, रिमोट सेंसिंग, कृषि विभाग, भूजल आदि विभागों को धनराशि आवंटित कर आवश्यक कार्य कराये जायेंगे। उन्होंने कहा कि बीहड़ भूमि सुधार परियोजना के अन्तर्गत लगभग एक लाख हेक्टेयर बीहड़ भूमि उपचारित की जायेगी। यह परियोजना वर्ष 2015 से 2020 अर्थात पाच वर्ष तक प्रभावी रहेगी। विश्व बैंक द्वारा बीहड़ सुधार पर प्रस्तावित वित्त पोषण की सहमति के दृषिटगत प्रदेश के 13 जनपदों में एक लाख हे0 बीहड़ भूमि सुधार हेतु एडिशनल फाइनेंसिंग के लिये संशोधित कान्सेप्ट पेपर तथा अब्स्ट्रेक्ट आफ प्रोपोजल भारत सरकार को प्रदेश सरकार की तरफ से भेजा गया है। उन्होंने कहा कि निरंतर अनुश्रवण कर कार्य की प्रगति से मासिक रिपोर्ट प्रस्तुत की जाय।
श्री उस्मानी ने बताया कि उत्तर प्रदेश मुख्य जिला सड़क विकास कार्यक्रम परियोजना के अन्तर्गत प्रदेश के लगभग 1138 किमी0 लम्बार्इ के 27 प्रमुख जिला मागोर्ं का उच्चीकरण हेतु 3092.60 करोड़ रूपये का प्रस्ताव प्रस्तावित किया गया है। इस परियोजना में 30 प्रतिशत धनराशि अर्थात 928 करोड़ रूपये की धनराशि प्रदेश सरकार द्वारा वहन की जायेगी। यह परियोजना अक्टूबर 2014 से प्रारम्भ कराकर दो चरणों में प्रभावी होगी, प्रत्येक चरण की अवधि 04 वर्ष होगी। प्रदेश के कोर रोड नेटवर्क परियोजना के अन्तर्गत आच्छादित कुल 3279 किमी0 सड़क में से 1138.50 किमी0 सड़कों का विकास इस परियोजना के तहत किया जाना प्रस्तावित किया गया है। उन्होंने बताया कि सालिड वेस्ट मैनेजमेन्ट परियोजना के अन्तर्गत प्रदेश के 65 जिलों के 177 शहरोंनगरों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सुधार कार्य कराये जायेंगे। परियोजना का कि्रयान्वयन 05 चरणों में और 05 वषोर्ं में कि्रयानिवत कराया जायेगा। इस परियोजना की कुल लागत 24100.00 मिलियन होगी जिसका 70 प्रतिशत धन विश्व बैंक से वाहय सहायता के रूप में तथा शेष 30 प्रतिशत धन राज्य सरकार द्वारा वहन किये जाने का प्रस्ताव किया गया है। उत्तर प्रदेश ऊर्जा क्षेत्र क्षमतावद्र्धन परियोजना के अन्तर्गत प्रदेश के 10 जनपदों में विधुत नेटवर्क के सुधार, तकनीकी एवं वाणिजियक सुधार तथा नेटवर्क सुदृढ़ीकरण हेतु एवं पारेषण क्षेत्र में नयी लाइनों एवं उपकेन्द्रों का निर्माण तथा लोड फ्लो स्टडीज के लिये ऋण उपलब्ध कराया जायेगा। प्रारम्भ में नोयडा एवं मथुरा के लिये एक तकनीकी अध्ययन विश्व बैंक अपने खर्च से करायेगी। इन शहरों में आवश्यक सुधार हेतु निवेश वितरण कम्पनियों द्वारा कराया जायेगा। इस परियोजना की अवधि 05 वर्ष प्रस्तावित की गयी है।
बैठक में प्रमुख सचिव वित्त श्री आनन्द मिश्रा, प्रमुख सचिव ऊर्जा श्री संजय अग्रवाल, प्रमुख सचिव नगर विकास श्री सी0बी0 पालीवाल, सचिव सिंचार्इ श्री एस0पी0 गोयल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपसिथत थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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