Categorized | आगरा

त्वरित, सस्ते व सर्व सुलभ न्याय के लिए लोक अदालतों की उपयोगिता बढी-जिला न्यायाधीश विधिक सेवा प्राधिकरण ने किया विधिक साक्षरता एवं जागरूकता गोष्ठी का आयोजन

Posted on 23 September 2013 by admin

पारिवारिक न्यायालय से पुनर्मिलन हुये चार दम्पतितयों को किया सम्मानित
लोक अदालतों के माध्यमों से त्वरित,सस्ता व सर्व सुलभ न्याय की उपलब्धता के कारण आम जनता को इस सम्बन्ध में व्यापक रूप से जागरूक किये जाने का निर्णय लिया गया है ताकि विशेषत: सामाजिक, पारिवारिक तथा जन उपयोगी सेवाओं की शिकायत से सम्बनिधत वादकारियों को अनावश्यक रूप से थाने और न्यायालयों में चक्कर न काटने पडे़ और उन्हें अपने प्रकरण में समय से राहत मिले जिससे समाज में समरसता बने।
यह बात स्थानीय विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष तथा जिला न्यायाधीश शशिकान्त ने आज स्थानीय दीवानी कचहरी में आयोजित विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर द्वारा आयोजित गोष्ठी में कही।
उनका कहना था कि लोक अदालतों के माध्यम से पारिवारिक वादों के निस्तारण का उनका वेहतर अनुभव रहा है।  इससे पति-पत्नी के मध्य नये सिरे से सुखद जीवन को आरम्भ करने में मदद मिलती है । आज उन्होंने इस अवसर पर आठ ऐसे युगलों को आमंत्रित भी किया था जो किन्ही कारणों से वर्षो से एक दूसरे से अलग रहकर न्यायालयों में केस लड़ रहे थे। आज ऐसे चार जोड़ो को आपसी सुलह के उपरान्त नव दाम्पत्य जीवन की वधार्इ देते हुए पुष्प मालाओं तथा मिष्ठान वितरित कर सम्मानित भी किया गया। साथ ही उनके अधिवक्ताओं को भी इस वेहतर कार्य के लिए वधार्इ दी गर्इ।
जिला न्यायाधीश ने गोष्ठी में अपने विचार प्रकट करते हुए स्थानीय यूको बैंक के वरिष्ठ प्रबंधक अजर्ुन सिंह को भी वधार्इ दी कि उन्होंने लगभग 6 करोड़ रूपये के वादों का निस्तारण लोक अदालत के माध्यम से कराते हुए दो करोड़ रूपये की धनराशि की रिकवरी करने में सफलता प्राप्त की । उन्होंने वादकारियों से अपील की कि वे इस मुहिम का लाभ उठायें तथा स्थायी लोक अदालतों के माध्यम से इसकी सीमा के अन्दर आने वाले वादों का त्वरित निस्तारण करायें।
इससे पूर्व अपर जिला जज संगीता श्रीवास्तव ने महिला उत्पीड़न के मामलों पर चर्चा करते हुए बताया कि ऐसे मामले बच्चों में संस्कारों के अभाव के कारण होते हैं। आज का समाज बदल रहा है। प्रतिशोध, निष्ठा, एवं विश्वास की कमी, धनलोलुपता, भ्रष्टाचार, जालसाजी और यौन शोषण आदि का कारण यही है कि ऐसे अपराधियों को उचित संस्कार नही मिले हंै या वह विधिक एवं नैतिक रूप से अशिक्षित है। उन्होंने सुझाव दिया कि यदि बच्चों को नैतिकता का पाठ पढ़ायें तो उपरोक्त प्रकृतित के वाद थाने और न्यायालय में कम से कम आयेंगे।
नरेन्द्र कुमार सिंह एडवोकेट ने विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा किये जा रहे कार्यो की सराहना करते हुए दावा किया कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी इस सम्बन्ध में काफी जागरूकता बढ़ी है। उन्होंने कहा कि मध्यस्ता केन्द्र के माध्यम से पारिवारिक एवं घरेलू हिस्सा के प्रकरण जो कि क्षणिक आवेश में हो जाते है उनका निस्तारण सफल रहा है।
न्यायिक अधिकारी श्रीमती संध्या चौधरी,  स्थानीय यूकों बैंक के वरिष्ठ प्रबंधन अजर्ुन सिंह स्थानीय बार के सचिव एवं अध्यक्ष, अपर जिलाधिकारी (प्रशासन ) हरनाम सिंह ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए सुझाव दिये।
कार्यक्रम के आरम्भ में विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव चन्द्र प्रकाश तिवारी द्वारा प्रगति रिपोर्ट से अवगत कराया गया । उन्होंने बताया कि प्रत्येक तहसील में 25 पैरा लीगल वालनिटयर्स कार्यरत हैं जिनकी संख्या भविष्य में बढाकर 50 किये जाने की योजना है।
उन्होंने बताया कि प्राधिकरण के अन्तर्गत मध्यस्ता केन्द्र भी कार्यरत हंै जिसमें 2009 से अब तक काफी मामलों को सुलझाया जा चुका है तथा परामर्श केन्द्र के माध्यम से पारिवारिक मामलों से वर्ष 2013 में ही लगभग 150 मामलों में समझौता कराया जा चुका है।
कार्यक्रम में पारिवारिक न्यायाधीश सुदीप कुमार बनर्जी ने आज के सुलह करने वाले जोड़े ओमेन्द्र कुमार एवं ममता, फरमान एवं अफसाना, वीरू एवं श्रीमती रेखा, आशीष एवं डिम्पल के जोड़ो की आपस में सुलह कराकर जनपद न्यायाधीश से आर्शीवाद दिलाया ।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

May 2024
M T W T F S S
« Sep    
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031  
-->









 Type in