कानून व्यवस्था पर पूरी तरह घिर चुकी प्रदेश सरकार उन अधिकारियों को प्रताडि़त करने का काम कर रही है जो र्इमानदारी से अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे थे किन्तु अनावश्यक सरकारी हस्तक्षेप से आजिज आखिरकार ए.डी.जी. कानून एवं व्यवस्था श्री अरूण कुमार ने प्रदेश सेवा से केन्द्रीय सेवा में जाने के लिए न ही सिर्फ आवेदन किया बलिक उन्होने तत्काल छुटटी पर जाना उचित समझा। सरकार बतावे कि प्रदेश में र्इमानदार अधिकारियों के लिए कोर्इ स्थान है अथवा नहीं?
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता द्विजेन्द्र त्रिपाठी ने आज यहां जारी बयान में कहा कि यही कारण है कि मुजफ्फरनगर दंगे में सरकार अपनी असफलता से बौखलाकर जिस तरह से अधिकारियों को प्रताडि़त कर रही है और दूसरी तरफ अपने मंत्री को बचाने का काम कर रही है इससे यह स्पष्ट है कि उक्त दंगा सुनियोजित था और इसकी सूचना होने के बावजूद भी सरकार रोकने में नाकाम रही।
श्री त्रिपाठी ने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार मेें सिर्फ उन्हीं अधिकारियों को सम्मान मिलता रहा है जो या तो भ्रष्ट रहे हैं अथवा समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में उनके इशारे पर काम करते रहे हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण तत्कालीन मुख्य सचिव श्री ए0पी0 सिंह एवं श्रीमती नीरा यादव हैं जिन्हें मा0 उच्चतम न्यायालय की फटकार के बाद हटाया गया। किन्तु आज जिस तरह से पहले र्इमानदार आर्इएएस अधिकारी श्रीमती दुर्गा नागपाल का निलंबन और अब सरकारी एवं समाजवादी पार्टी के लगातार हस्तक्षेप से आजिज आकर जिस तरह से ए.डी.जी. कानून एवं व्यवस्था श्री अरूण कुमार ने प्रदेश सेवा से केन्द्रीय सेवा में जाने के लिए आवेदन किया और तत्काल छुटटी पर चले गये हैं, इससे प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा दिया गया वह बयान खोखला साबित हो रहा है जिसमें उन्होने कहा है कि प्रदेश में अब कहीं भी दंगे नहीं होंगे और जो लोग इसमें आरोपित हैं उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जायेगी। किन्तु सरकार यह बताने में नाकाम रही कि आखिर जब र्इमानदार अधिकारियों का यही हश्र है तेा आखिर वह किन अधिकारियों के बल पर कानून व्यवस्था सुधारने का दावा करती है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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