समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के प्रशासनिक कौशल से सांप्रदायिकता की आग पर काबू पा लिया गया है। समाजवादी पार्टी की सरकार ने पीडि़तों के पुनर्वास और राहत के कर्इ कदम उठाए हैं। अपेक्षा तो यह थी कि सभी संवेदनशील लोग और विभिन्न दलों के नेता सिथति की गम्भीरता को देखते हुए इसमें सरकार का साथ देगें, सांप्रदायिक ताकतों के उभार को रोकने में सहयेागी होगें, लेकिन अफसोस है कि अभी कुछ दल और नेता सिथति को बिगाड़ने में ही दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
चुनाव नजदीक हैं तो वोटों की चिन्ता स्वाभाविक है। लेकिन इंसान की कीमत पर ऐसा कोर्इ खेल नहीं होना चाहिए जिससे सामाजिक तानाबाना टूटे और राष्ट्र की एकता अखंडता की भावना पर चोट पहुचे। सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के इरादे से दंगे करानेवाले हिन्दू-मुसलमानों के पुराने रिश्तों में जहर घोल रहे हैं, इसका प्रतिफल किसी के लिए अच्छा नहीं होगा। जनता का दु:खदर्द बांटने के बहाने मुजफफरनगर जानेवाले विपक्षी नेताओं ने सौहार्द और सदभाव के बजाय अलगाव और आक्रोश बढ़ाना चाहते है। किसी ने भी पीडि़तों की मदद के लिए कोर्इ ठोस एलान नहीं किया। सियासत का यह खेल नहीं होना चाहिए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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प्रदेश में भाजपा बसपा और रालोद मिलकर अशांति फैलाने का काम कर रही है। बसपा को जनता ने विधानसभा चुनावों में बुरी तरह पराजय दी थी और उस आघात को आज भी वह भूल नहीं पा रही है। भाजपा प्रदेश और केन्द्र दोनों की सत्ता से दूर-दूर है। इनकी रूचि प्रदेश के विकास में नहीं है। ये दल जाति धर्म की राजनीति के ठेकेदार हैं। समाजवादी पार्टी की नीतियों से इनका बुनियादी विरोध है। समाजवादी पार्टी धर्मनिरपेक्षता की प्रबल पक्षधर है और वह विकासपरक विचारधारा की पोशक है। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने डेढ़ साल के कार्यकाल में कर्इ ऐतिहासिक निर्णय लेकर किसानों, नौजवानों, महिलाओं और गरीबों की जिन्दगी में बदलाव लाने का प्रयास किया हैं। वे कानून व्यवस्था को हरहाल में बनाए रखने को संकलिपत है। उन्होने भ्रष्टाचार और जनधन की लूट पर रोक लगार्इ है। वे प्रदेश को पिछड़ेपन से बाहर लाना चाहते हैं। जनता का उन पर गहरा विश्वास है। उत्तर प्रदेश अब सौहार्द बिगाड़ने वालों को कड़ा सबक सिखाएगा।