केन्द्री य संस्कृकति मंत्री श्रीमतीी चन्द्रेटश कुमारी कटोच ने कल राजस्थागन में चितौड़गढ़ दुर्ग में विश्वी धरोहर पट्टिका का अनावरण किया। इस अवसर पर उन्हों्ने दुर्ग के बारे में हिन्दीव और अंग्रेजी में प्रकाशित विवरण पुस्तिकाओं का भी विमोचन किया। चितौड़गढ़ दुर्ग राजस्थांन के उन छह पर्वतीय दुर्गों में से एक हैए जिसे हाल ही में युनेस्को़ की विश्वे धरोहर समिति द्वारा विश्वे धरोहर सूची में शामिल किया गया है। इस दुर्ग के चुनाव को समिति के जून 2013 में हुए 37वें अधिवेशन में स्वीिकृत किया गया था।
इस अवसर पर केन्द्रीोय आवास एवं शहरी गरीबी उन्मू लन मंत्री डॉण् गिरिजा व्या स भी विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थीं। दोनों मंत्रियों ने संयुक्तड रूप से पुनर्स्थाापित तोपखाने का और कुंभ महल में एक चित्र प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया।
श्रीमती चन्द्रेुश कुमारी कटोच ने राजस्था न के छह पर्वतीय दुर्गों को विश्वु धरोहर सूची में शामिल कराने के लिए उनके मंत्रालय द्वारा किए गये प्रयासों के बारे में बताया। उन्होंमने कहा कि ये छह दुर्ग अरावली पर्वत श्रृंखला में विभिन्ने स्थबलों पर स्थित हैं। ये दुर्ग राजपूतों के पर्वतों पर सैन्यअ वस्तु्शिल्पव को दर्शाते हैंए जो राजपूतों की शक्ति और सत्ता के अद्वितीय उदाहरण हैंए जो राजसी संस्कृ ति और कला तथा संगीत को दिए जाने वाले संरक्षण के अलावा व्यादपार.कारोबार आदि को दर्शाते हैं। इन दुर्गों के अवशेष आठवीं से उन्नीणसवीं शताब्दीप के बीच के हैं। दुर्गो में जाने के लिए कई बड़े द्वार हैं तथा विशाल ऊंची.ऊंची दीवारेंए महलए मंदिरए स्माबरक और जलाशय हैं। दुर्ग का क्षेत्र 20 किलोमीटर के घेरे में पर्वतीय क्षेत्र के छोर तक और विशेष रूप से गागरान की नदीए रणथम्भोोर के घने जंगल और जैसलमेर के रेगिस्ता न तक फैला है।
श्रीमती कटोच ने सदियों तक देश की सांस्कृकतिक विरासत को बचाकर रखने के लिए राजस्था न के लोगों की सराहना की और कहा कि देशी और विदेशी पर्यटकों की सूची में राजस्थाचन हमेशा शामिल होता है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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