पशिचमी उत्तर प्रदेश के पांच मण्डलों के 18 जनपदों के 170 विकासखण्डों में क्राप डाइवर्सिफिकेशन प्रोजेक्ट वर्तमान वित्तीय वर्ष में ही प्रारम्भ कराकर किसानों को कम पानी की खपत वाली फसल पैदा करने हेतु प्रोत्साहित किया जाएगा : मुख्य सचिव
किसानों को एस.एम.एस. के माध्यम से बाजार मूल्य एवं अन्य तकनीकी जानकारियां समय से उपलब्ध करार्इ जाए : मुख्य सचिव
परियोजना का क्रियान्वयन यू.पी. डास्प द्वारा
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी ने कहा कि पशिचमी उत्तर प्रदेश के पांच मण्डलों के 18 जनपदों के 170 विकासखण्डों में क्राप डाइवर्सिफिकेशन प्रोजेक्ट वर्तमान वित्तीय वर्ष में ही प्रारम्भ कराकर किसानों को मक्का, खरीफ उर्द, खरीफ मूंग, ग्वार तथा पापलर पौधा रोपण के साथ-साथ पापलर में अन्त: फसली खेती-चना, मटर व मसूर की फसल पैदा करने हेतु प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के तहत 125.28 करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे। इस परियोजना से सहारनपुर मण्डल के सहारनपुर, मुजफ्फरनगर व शामली, मेरठ मण्डल के मेरठ, बागपत, बुलन्दशहर, गाजियाबाद व हापुड़, बरेली मण्डल के बरेली, बदायूं, शाहजहांपुर व पीलीभीत, मुरादाबाद मण्डल के मुरादाबाद, अमरोहा, रामपुर, बिजनौर व सम्भल तथा अलीगढ़ मण्डल का अलीगढ़ जनपद लाभानिवत होगा। उन्होंने कहा कि लगभग 70500 हेक्टेयर धान के क्षेत्रफल को उपरोक्त फसलों से प्रतिस्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से कम भूमि जल की आवश्यकता होने के कारण इन फसलों के उत्पादन को प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पापलर पेड़ के उत्पादन से किसानों को प्रतिवर्ष लाभानिवत कराने हेतु उधोगों से समन्वय स्थापित कर उन्हें विक्रय मूल्य का प्रतिवर्ष कुछ धनराशि प्रतिपूर्ति करार्इ जाए ताकि किसानों को निरंतर आय प्राप्त होती रहे। उन्होंने कहा कि किसानों को इन फसलों के उत्पादन हेतु निशिचत अनुदान पर फार्म मशीनें भी उपलब्ध करार्इ जाएंगी। किसानों को उत्पाद का उचित मूल्य दिलाने हेतु छोटी प्रसंस्करण इकाइयाों की स्थापना भी कराने हेतु अनुदान भी उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों को एस.एम.एस. के माध्यम से बाजार मूल्य एवं अन्य तकनीकी जानकारियां समय से उपलब्ध करार्इ जाएगी।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन सिथत अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में पशिचमी उत्तर प्रदेश में क्राप डाइवर्सिफिकेशन प्रोजेक्ट क्रियानिवत करने हेतु आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि योजना का क्रियान्वयन 10-10 हेक्टेयर के क्लस्टर बनाकर कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि परियोजना में किसान, लाभार्थी व अन्य किसी के द्वारा प्राप्त शिकायतों का निस्तारण सुनिशिचत कराने हेतु सप्ताह में प्रत्येक बुधवार को यू.पी. डास्प के जिला परियोजना समन्वयक जनपद स्तर पर तथा परियोजना मुख्यालय पर तकनीकी समन्वयक पूर्वान्ह 10 बजे से 01 बजे तक कार्यालय में उपसिथत रहकर निराकरण करेंगे। उन्होंने कहा कि विवाद की सिथति में परियोजना समन्वयक, डास्प स्वयं अथवा जांच समिति गठित कर शिकायतों का निस्तारण सुनिशिचत करेंगे। उन्होंने कहा कि इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि प्राप्त शिकायतों का निस्तारण एक माह के अंदर अवश्य सुनिशिचत कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि परियोजना का क्रियान्वयन यू.पी. डास्प द्वारा किया जाएगा।
श्री उस्मानी ने कहा कि इस परियोजना में 20 प्रतिशत अल्पसंख्यक लाभार्थियों को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि परियोजना में लाभानिवत होने हेतु लाभार्थियों को निर्धारित प्रारूप पर आवेदन पत्र विकासखण्ड अथवा डास्प जिला कार्यालय में देना होगा। लाभार्थियों को आवेदन पत्र के साथ फोटोग्राफ के साथ-साथ धान फसल की खतौनी लगाना अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा कि लाभार्थियों का चयन मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में गठित चयन समिति (प्रोजेक्ट मैनेजमेंट ग्रुप) द्वारा पारदर्शिता के आधार पर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार कराने हेतु राज्य स्तरीय कार्यशाला, सेमीनार आदि भी आयोजित कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि परियोजना में उत्कृष्ट उत्पादकता वाले लाभार्थियों को किसान सम्मान दिवस
(23 दिसम्बर) के अवसर पर सम्मानित भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि परियोजना में नामित प्रतिनिधियों को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों पर विशेष प्रशिक्षण दिलाया जाएगा ताकि मानव संसाधन की कौशल व क्षमता का विकास हो सके।
बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक रंजन, प्रमुख सचिव विज्ञान एवं प्रौधोगिकी, श्री हरशरण दास,प्रमुख सचिव कृषि श्री देवाशीष पाण्डा, प्रमुख सचिव समन्वय एवं परियोजना समन्वयक, डास्प श्री राजन शुक्ला सहित, प्रमुख सचिव, उधान,सुश्री जूथिका पाटकर अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपसिथत थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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