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समाज को दिषा देने का कार्य साहित्यकार करता है - श्री अखिलेष यादव

Posted on 16 September 2013 by admin

उत्तर प्रदेष हिन्दी संस्थान के तत्त्वावधान में      सम्मान समारोह का आयोजन यषपाल सभागार, हिन्दी भवन, लखनऊ में किया गया। श्री अखिलेष यादव, मा0 मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेष एवं अध्यक्ष उत्तर प्रदेष हिन्दी संस्थान ने सभा अध्यक्ष तथा मा0 सांसद श्री मुलायम सिंह यादव जी मुख्य अतिथि के रूप में सम्मान समारोह के गौरव को बढ़ाया।
मा0 श्री अखिलेष यादव जी, सभाध्यक्ष मा0 सांसद श्री मुलायम सिंह यादव, मा0 कार्यकारी अध्यक्ष श्री उदय प्रताप सिंह जी एवं डा0 सुधाकर अदीब, निदेशक, उ0प्र0 हिन्दी संस्थान सहित अन्य मंचासीन अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन माँ सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्पार्पण के उपरान्त प्रारम्भ हुए कार्यक्रम में भारत भारती सम्मान से सम्मानित डा0 लक्ष्मीशंकर मिश्र ‘निशंक’ द्वारा रचित वाणी वन्दना ‘माँ मुझको भी अपना वर दो’ तथा हिन्दी गौरव सम्मान से सम्मानित प्रो0 सोम ठाकुर का सुप्रसिद्ध गीत - ‘करते हैं तन-मन से वन्दन, जन गण मन की अभिलाषा का’ की प्रस्तुति श्री ओंकार शंखधर द्वारा की गयी। तबले पर श्री सुभाष चन्द्र शर्मा तथा मंजीरे पर श्री ज्योति चन्द्र द्वारा सहयोग किया गया।
अभ्यागतों का स्वागत करते हुए श्री उदय प्रताप सिंह, मा0 कार्यकारी अध्यक्ष, उ0प्र0 हिन्दी संस्थान ने कहा - मा0 मुख्यमंत्री श्री अखिलेश जी के कुशल मार्गदर्शन में नित नवीन ऊचार्इयों को छू रहा है। इसी का शुभ परिणाम यह भी है कि अनेक वषोर्ं के अन्तराल के बाद इस वर्ष ‘हिन्दी दिवस’ के पावन अवसर पर ही हम हिन्दी के तथा अन्य भारतीय भाषा-भाषी विद्वानों को यहाँ एक साथ सम्मानित कर गौरव का अनुभव कर रहे हैं।यहाँ विशेष रूप से यह उल्लेख करना आवश्यक है कि हिन्दी दिवस 14 सितम्बर, 2006 के बाद अब यह शुभ अवसर आया है जब हम ‘हिन्दी दिवस’ को उसी रूप में मना रहे हैं जिस रूप की परिकल्पना हिन्दी संस्थान की स्थापना करने वाले मनीषियों ने की थी।  मा0  नेता जी श्री मुलायम सिंह यादव जी की उदारता एवं हिन्दी के प्रति अनन्य निष्ठा ही है  कि  हिन्दी  संस्थान  आज इस भव्य रूप में आप सबके सामने है। उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा दिये जाने वाले सम्मानों एवं पुरस्कारों के निर्णय के समय पुरस्कार समिति की उपसिथति में हमारा प्रयास यह रहता है कि इस दिशा में पूर्ण पारदर्शिता बरती जाये। हमको सुनने को मिला कि कुछ आदरणीय साहित्यकारों ने संस्थान का सर्वोच्च सम्मान एक कवि को देने में कुछ प्रतिकूल टिप्पणी की। इस सम्बन्ध में सभी विद्वानों से यह विन्रम निवेदन है कि हिन्दी संस्थान का संकल्प है कि हम हिन्दी को लोकप्रिय बनाकर जन-जन तक पहुँचाने की दिशा में तन-मन-धन से समर्पित रहेंगे। हिन्दी को जन-जन तक पहुँचाने के स्तुत्य कार्य में कवियों का महत्वपूर्ण योगदान है। उसे हमें नहीं भूलना चाहिए। इस प्रकार कवियों का सम्मान कर हमने अपनी गौरवशाली परम्परा को आगे बढ़ाने का प्रयास किया है।

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समारोह के मुख्य अतिथि मा0 सांसद श्री मुलायम सिंह यादव अपने उदबोधन में कहा - मुझे खुशी है कि आज हिन्दी दिवस के दिन साहित्यकारों को सम्मानित किया जा रहा है। हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिए साहित्यकारों का बहुत योगदान है। दक्षिण भारत में हिन्दी को लोगों से स्वीकार कर लिया है। फिल्म इंडस्ट्री से हिन्दी को आगे बढ़ाने का कार्य किया है। हम अंग्रेजी के विरोधी नहीं हैं मैं भारतीय भाषाओं को बढ़ाने की बात करता हूँ। जिस देश को मजबूत करना है तो भारतीय भाषाओं का सम्मान करना होगा। देश में एकता समरसता में साहित्यकारों का बहुत योगदान है।
समारोह के सभा अध्यक्ष मा0 श्री अखिलेष यादव, मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेष एवं अध्यक्ष उत्तर प्रदेष हिन्दी संस्थान ने अपने उदबोधन में कहा - मेैं सभी साहित्यकारों का आभार व्यक्त करता हूँं। समाज को दिशा देने का कार्य साहित्यकार करता है। पं0 श्रीनारायण चतुर्वेदी तथा विधि भूषण सम्मान के पुरस्काराें की घोषणा करता हूँ तथा जिन पुरस्कारों की राशि रु0 चालीस हजार है उसे बढ़ाकर रु0 पचास हजार करने की घोषणा करता हूँ।
इस अवसर पर मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा निम्नलिखित घोषणाएँ की गयी - हिन्दी विदेश प्रसार सम्मान की धनराशि रु0 पचास हजार से बढ़ाकर रु0 एक लाख की जाती है। विदेश से सम्मान ग्रहण करने हेतु पधारने वाले साहित्यकारों को मार्ग व्यय संस्थान द्वारा वहन किया जायेगा। ‘विधि भूषण सम्मान’ जिसकी धनराशि रु0 दो लाख होगी को सहर्ष स्वीकृति। ‘पं0 श्रीनारायण चतुर्वेदी सम्मान’ जिसकी धनराशि रु0 दो लाख होगी को सहर्ष स्वीकृति।
भारत भारती सम्मान से सम्मानित श्री गोपालदास नीरज ने कहा - वर्षों बाद किसी गीतकार को सर्वोच्च पुरस्कार दिया गया। यहाँ हर चीज लय में घूमती हैं। हवा लय में घूमती है, मैं 72 वर्षों से फिल्मों में जितने गीत लिखे उतने अन्य के द्वारा नहीं लिखे गये। कविता हदय को छूती है। शिक्षा वही है जो सभी प्रकार के बन्धनों से मुक्त करती है।
राजर्षि पुरुषोत्तमदास टण्डन सम्मान से सम्मानित केरल हिन्दी प्रचार सभा संस्था के सचिव प्रो0 एन0 माधवन कुटटी नायर ने कहा - केरल देव भूमि है। हमारा नारा है कम बोलो, तथा हिन्दी की अधिक सेवा करो। केरल हिन्दी प्रचार सभा को संस्थान द्वारा पुरस्कृत किया गया है। इससे अन्य हिन्दी प्रचार संस्थायें आशानिवत होंगी। केरल प्रचार सभा हिन्दी में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमाें को चला रही है।
सभा अध्यक्ष मा0 मुख्यमंत्री, श्री अखिलेश यादव जी, मुख्य अतिथि मा0 सांसद         श्री मुलायम सिंह यादव जी तथा मा0 कार्यकारी अध्यक्ष महोदय हिन्दी संस्थान ने      भारत भारती सम्मान से डा0 गोपालदास नीरज का उत्तरीय, गंगाजी की प्रतिमा, ताम्रपत्र व पाँच लाख दो हजार रुपये की धनराशि भेंट कर सम्मानित किया। लोहिया साहित्य सम्मान से प्रो0 चौथीराम यादव, हिन्दी गौरव सम्मान से प्रो0 सोम ठाकुर,     पं0 दीनदयाल उपाध्याय सम्मान से डा0 बलदेव वंशी, अवन्तीबार्इ सम्मान से श्रीमती चित्रा मुदगल को सम्मानित  करते  हुए  उत्तरीय,  गंगाजी  की  प्रतिमा, ताम्रपत्र   तथा चार लाख रुपये की धनराशि भेंट की गयी। साहित्य भूषण सम्मान से श्री चन्द्रसेन विराट, श्री विनोद चन्द्र पाण्डेय ‘विनोद’, डा0 रामशंकर त्रिपाठी, डा0 पुष्पपाल सिंह,     श्री  नसीम  साकेती,  डा0  जितेन्द्र  नाथ मिश्र, डा0 बुद्धिनाथ मिश्र, श्री वीरेन्द्र यादव,
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श्री शैलेन्द्र सागर एवं डा0 शिवओम अम्बर। लोक भूषण सम्मान से डा0 अवध किशोर जडि़या, कला भूषण सम्मान से श्री सूर्य मोहन कुलश्रेष्ठ, विधा भूषण सम्मान से       प्रो0 अशोक चक्रधर, विज्ञान भूषण सम्मान से डा0 (प्रो0) कृष्णा मुकर्जी, पत्रकारिता भूषण सम्मान से श्री त्रिलोक दीप, प्रवासी भारतीय हिन्दी भूषण सम्मान से श्री तेजेन्द्र शर्मा की पुत्री सुश्री दीपित शर्मा, बाल साहित्य भारती सम्मान से श्री प्रकाश मनु, मधुलिमये सम्मान से श्री अशोक निगम को सम्मानित किया गया। राजर्षि पुरुषोत्तमदास टण्डन सम्मान केरल हिन्दी प्रचार सभा, तिरुवनन्तपुरम के प्रो0 एन0 माधवन कुटटी नायर, मंत्री को दिया गया।
सौहार्द सम्मान से डा0 विष्णु राजाराम देवगिरी (कन्नड़), डा0 कीर्ति केसर (पंजाबी),   डा0 सीएच. निशान नींतम्बा (मणिपुरी), श्री महेंद्र शर्मा (उडि़या), डा0 हरीश द्विवेदी (गुजराती), डा0 सु0 नागलक्ष्मी (तमिल), श्रीमती रजनी पाथरे ‘राज़दान’ (कश्मीरी), श्रीमती पारननिद निर्मला (तेलुगु), डा0 वी0वी0 विश्वम (मलयालम)। हिन्दी विदेश प्रसार सम्मान से डा0 विमलेश कानित वर्मा, विश्वविधालय स्तरीय सम्मान से   प्रो0 आरिफ़ नज़ीर एवं प्रो0 सोमेश कुमार शुक्ला को सम्मान, धनराशि उत्तरीय, ताम्रपत्र भेंट कर समादृत किया गया।
वर्ष 2012 में प्रकाशित पुस्तकाें पर देय नामित पुरस्कार से सुश्री कामना सिंह, आचार्य सूर्य प्रसाद शर्मा ‘निशिहर, श्री रवीन्द्र श्रीवास्तव ‘जुगानी भार्इ डा0 परशुराम शुक्ल विरही, डा0 परशुराम गुप्त, डा0 सुशील कुमार पाण्डेय ‘साहित्येन्दु, डा0 नरेश कुमार, श्री धमेन्द्र सिंह, एवं श्री मोहम्मद हसन जैदी के प्रतिनिधि, डा0 सुरेश कुमार पाण्डेय, श्री राजेन्द्र वर्मा, डा0 विनोद जैन, श्री रामजी प्रसाद ‘भैरव, डा0 उर्मिला किशोर, डा0 रामशंकर त्रिपाठी, डा0 श्रद्धानन्द पाण्डेय, श्री ओम धीरज, डा0 दिनेश मणि, श्री चन्द्रमणि सिंह, श्री विनय दास, डा0 लक्ष्मीनारायण गर्ग के प्रतिनिधि,        श्री कमलेश भटट कमल, श्री आबिद हुसैन, सुश्री नताशा अरोड़ा तथा सुश्री रंजना जायसवाल को उत्तरीय, प्रशसित पत्र व चालीस हजार रुपये धनराशि भेंट कर पुरस्कृत किया गया।
उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के निदेशक, डा0 सुधाकर अदीब ने आभार व्यक्त करते हुए कहा - मैं आप सभी का हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन करता हूँ। हिन्दी के प्रति समर्पित साहित्यकारों को पुरस्कृत कर हम गौरवानिवत कर रहे हैं। हमारे साहित्यकार गध एवं पध में निरन्तर साहित्य की सेवा कर रहे हैं।
मा0 सांसद श्री मुलायम सिंह यादव जी को उत्तरीय एवं स्मृति चिहन के रूप में प्रथम समाजवादी चिन्तक कबीरदास का चित्र तथा श्री अखिलेश यादव,     मा0 मुख्यमंत्री, उ0प्र0 एवं अध्यक्ष, उ0प्र0 हिन्दी संस्थान को हिन्दी के प्रबल समर्थक राजर्षि पुरुषोत्तमदास टण्डन का चित्र तथा उत्तरीय श्री उदय प्रताप सिंह,       मा0 कार्यकारी अध्यक्ष, उ0प्र0 हिन्दी संस्थान द्वारा भेंट किया गया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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