जिन विभागों ने विगत 31 अगस्त तक 50 प्रतिशत से कम धनराशि व्यय की है, उन्हें चेतावनी निर्गत की जाय : जावेद उस्मानी राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत व्यकितगत लाभार्थीपरक तथा अवस्थापना संबंधी योजनाओं में अल्पसंख्यक समुदाय के विकास के लिये भौतिक लक्ष्य का 20 प्रतिशत मात्राकरण सुनिशिचत कराया जाय : मुख्य सचिव
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत विभिन्न योजनाओं के तहत उपलब्ध 509.09 करोड़ रूपये धनराशि का 75 प्रतिशत व्यय आगामी 31 अक्टूबर तक सुनिशिचत कराया जाये। उन्होंने कहा कि जिन विभागों ने विगत 31 अगस्त तक 50 प्रतिशत से कम धनराशि व्यय की है, उन्हें चेतावनी निर्गत की जाये। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत व्यकितगत लाभार्थीपरक तथा अवस्थापना संबंधी योजनाएं, जिनमें विकास हेतु ग्रामों का चयन होना है, में अल्पसंख्यक समुदाय के विकास के लिये भौतिक लक्ष्य का 20 प्रतिशत मात्राकरण सुनिशिचत कराया जाये। उन्होंने कहा कि यह मात्राकरण 31 जुलार्इ तक कराये जा चुके कार्यों के पश्चात अवशेष भौतिक लक्ष्यों में सुनिशिचत कराया जाये। उन्होंने कहा कि वित्तीय प्रगति के साथ-साथ निष्पादित कार्यों की गुणवत्ता पर संबंधित विभागों को विशेष ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि कार्यों का मूल्यांकन स्वतंत्र रूप से थर्ड पार्टी से कराकर इंगित कमियों को दुरूस्त कराना होगा।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन सिथत अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मृदा स्वास्थ्य सुधार कार्यक्रम, कटरी क्षेत्र का सुधार, पूर्वी उत्तर प्रदेश में हरित क्रानित, न्यूट्री फार्म, वर्षा आधारित क्षेत्र का विकास, त्वरित चारा विकास कार्यक्रम, सबिजयों के नर्सरी विकास योजना, कामधेनु योजना, बकरी पालन, मत्स्य बीज उत्पादन कार्यक्रम एवं गन्ना बीज उत्पादन आदि योजनाओं को कि्रयानिवत कराकर अधिक से अधिक लाभार्थियों को लाभानिवत कराया जाये। उन्होंने कहा कि प्रदेश के कृषि उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि सुनिशिचत की जाये।
बैठक में क्रृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक रंजन, प्रमुख सचिव कृषि श्री देवाशीष पण्डा, प्रमुख सचिव पशुपालन एवं मत्स्य, श्री योगेश कुमार, कृषि निदेशक श्री देवमित्र सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपसिथत थे।