जहां एक तरफ प्रदेश में कई जिले साम्प्रदायिकता की आग में जल रहे हैं और वहां की जनता कफर््यू और दंगों के कारण भूख एवं भय में जीने को मजबूर हैं। वहीं समाजवादी पार्टी आगरा में कार्यकारिणी बैठक में अपनी सियासी रोटियां सेंकने में व्यस्त है।
उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के प्रवक्ता अमरनाथ अग्रवाल ने आज यहां जारी बयान में कहा कि आगरा में चल रही समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में जहां एक ओर पार्टी के सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक प्रस्ताव पारित किये जा रहे हैं, बेहतर होगा कि सपा अपना साम्प्रदायिक प्रस्ताव भी बैठक में पारित करे, ताकि प्रदेश की जनता विशेषकर अल्पसंख्यकों में सपा के रूख पर भ्रम की स्थिति न रहे।
प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश जिन विषम परिस्थितियों से गुजर रहा है, ऐसे में समाजवादी पार्टी द्वारा ‘फाइव स्टार सम्मेलन’ शर्म की बात है। सपा नेता फाइव स्टार होटलों की सुविधा भोग रहे हैं। ऐसे में प्रदेश सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि दंगा ग्रस्त मुजफ्फरनगर और अन्य जिलों की जनता को राहत कब, कैसे और कौन देगा? इस बात की सरकार को कोई चिंता नहीं है, क्योंकि सरकार और सरकारी मशीनरी तो आगरा में व्यस्त है।
श्री अग्रवाल ने कहा कि यह वाकई दुर्भाग्यपूर्ण है जबकि स्वयं समाजवादी पार्टी के नेता मुजफ्फरनगर के दंगों का ठीकरा अधिकारियों की निष्क्रियता पर फोड़ रहे हैं और सरकार अपनी जिम्मेदारी अधिकारियों पर डालकर अपनी जिम्मेदारियों से बचना चाह रही है। प्रदेश की जनता अब समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी की साझा रणनीति को भलीभांति समझ चुकी है जिसके चलते चाहे वह अल्पसख्ंयकों के धर्मगुरू हों, चाहे वह हिन्दुओं के धर्मगुरू हों, सभी ने सरकार की दंगे के सम्बन्ध में की गयी कार्यवाहियों पर सवालिया निशान खड़े किये हैं और समाजवादी पार्टी को जिम्मेदार ठहराया है।
प्रवक्ता ने कहा कि ऐसे मौके पर भी समाजवादी पार्टी के कद्दावर मंत्री सरकार के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं, यह समझ में नहीं आता कि वह कहना क्या चाहते हैं। अगर वह मुजफ्फरनगर दंगों में सरकार की निष्क्रियता से नाराज हैं तो अवाम उनसे एक ठोस कदम की उम्मीद रखता है। ऐसे में बेहतर होगा कि वह राजगद्दी छोड़कर जनता की सेवा में जुट जायें।
श्री अग्रवाल ने कहा कि जिस तरह श्री मुलायम सिंह यादव ने सरकारी अधिकारियों की बैठक ली और उन्हें निर्देश दिये यह समझ से परे है, ऐसा प्रतीत होता है कि प्रदेश के अधिकारियों को प्रदेश सरकार द्वारा निर्देश न देकर समाजवादी पार्टी द्वारा दिये जा रहे हैं, जिसकी परिणति ध्वस्त कानून व्यवस्था है। जैसा कि मुजफ्फरनगर की एक छोटी सी घटना ने अधिकारियों की उचित समय पर कार्यवाही न किये जाने के कारण विकराल साम्प्रदायिक दंगे का रूप ले लिया। जिसके चलते प्रदेश की जनता भय के वातावरण में जीने केा मजबूर है।
प्रवक्ता ने कहा कि जिस शासन और प्रशासन पर प्रदेश के जनता की सुरक्षा और संरक्षा की जिम्मेदारी है वही अगर किसी राजनैतिक पार्टी के एजेण्डे को पूरा करने में जुट जायेगा तो जनता को सुरक्षा और संरक्षा कौन मुहैया करायेगा।
भारतीय जनता पार्टी, उ0प्र0 के प्रदेश अध्यक्ष मा0 डाॅ0 लक्ष्मीकान्त वाजपेयी जी के निर्देशानुसार, 4 जनपदों के महिला मोर्चा की जिलाध्यक्षों की घोषणा की जाती है।
जिलाध्यक्षों के नाम
क्रम जिला जिलाध्यक्षों के नाम
1 अलीगढ़ जिला श्रीमती रीता राजपूत
2 संतकबीरनगर श्रीमती उमा सिंह
3 इटावा श्रीमती उर्मिला शुक्ला
4 मुरादाबाद श्रीमती मंजू शर्मा
सभी मनोनीत जिला अध्यक्षों से अपेक्षा है कि वे संगठन में सभी को साथ लेकर सम्पूर्ण क्षमता से पार्टी को गति प्रदान करेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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