राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष चै0 अजित सिंह ने उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से विफल होने एवं प्रदेश में फैले सांप्रदाियक दंगों को काबू करने में नाकाम रहने के कारण केन्द्रीय सरकार से मांग की है कि उत्तर प्रदेश में जल्द से जल्द राष्ट्रपति शासन लागू करे।
प्रदेश में समजवादी पार्टी के सत्ता में आने के समय से उत्तर प्रदेश में सौ से भी अधिक सांप्रदायिक दंगे हो चुके हैं। मुजफफरनगर में हुए दंगों ने प्रदेश सरकार की दुर्बल, बेअसर और लापारवाही को उजागर किया है अखिलेश यादव सरकार पिछले दरवाजे से दंगों को भड़का रही है। स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को अपनी जान गंवाने के डर से क्षेत्र को छोड़ना पड़ा। प्रदेश में शांति स्थापित करने के लिए भारतीय सेना को बुलाना पड़ा है।
यह विडंबना है कि श्री अखिलेश यादव की सरकार ने सांप्रदायिक दंगों के पीडि़तों को दो तरह के मुआवजे दिए हैं जो कि एक समान होने चाहिए। निवर्तमान वी0एच0पी0 की यात्रा को रोकने के लिए प्रदेश सरकार ने 8000 सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया है लेकिन प्रदेश में व्याप्त तनाव व हिंसा को रोकने के लिए आवश्यक सुरक्षा का अंदाजा लगाने में वह पूर्णत विफल रही। हिंसक दंगों को भड़काने वाले भाषण देने वाले राजनेताओं के विरूद्व कार्यवाही करने में प्रदेश सरकार नाकाम रही।
समाजवादी पार्टी समाज और शांति एवं भाईचारे में रह रहे लोगों का जातीय आधार पर विभाजन कर रही है तथा अपनी अकर्मण्यता को छुपाने के लिए सांप्रादायिकता एवं जातीयता को बढ़ावा दे रही है।
चै0 अजित सिंह ने जनता से अपील की है कि वे अवांछनीय तत्वों द्वारा फैलायी जा रही अफवाहों से उत्तेजित न हों और सदियों पुराने चले आ रहे शांति और भाईचारे को बनाए रखें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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