मुजफ्फरनगर की ताजा हिंसा की घटनाओं से यह साबित हो गया है कि स्थिति प्रदेश सरकार के नियंत्रण से बाहर हो गया है, यदि आसपास के जनपदों में इसे फैलने से नहीं रोका गया तो स्थिति और भी भयावह हो सकती है। जिस प्रकार ईमानदार और योग्य अधिकारियों की अनदेखी कर जातीय वोटों को साधने के लिए भ्रष्ट एवं अक्षम अधिकारियों की नियुक्तियां की गयीं, उसी का परिणाम है कि मुजफ्फरनगर में एक चिंगारी ने शोले का रूप धारण कर लिया और हालात वर्ष 1992 जैसे हो गये और एक बार फिर सेना को मुजफ्फरनगर में स्थिति संभालने के लिए आगे आना पड़ा है।
उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के प्रवक्ता द्विजेन्द्र त्रिपाठी ने आज यहां जारी बयान में कहा कि मुजफ्फरनगर ही नहीं बल्कि समूचे पश्चिमी उ0प्र0 में फिरकापरस्त ताकतें सिर उठाने का प्रयास कर रही हैं, ऐसे में सरकार को और अधिक सतर्कता बरतनी चाहिए। राज्य सरकार को चाहिए कि वह क्षेत्रवार पीस कमेटियों का गठन कर उन कमेटियों में शहर और क्षेत्र के सभी वर्गों के मुअज्जिज और साभ्रान्त नागरिकों को शामिल करें। सामाजिक सौहार्द कायम रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। इतना ही नहीं राज्य सरकार को चाहिए कि वह चुनावी दृष्टिकोण से किसी भी मसले को न देखे बल्कि निष्पक्ष और प्रभावी कार्यवाही करे एवं अराजक तत्वों के विरूद्ध सख्त से सख्त कदम उठाये।
प्रवक्ता ने कहा कि उ0प्र0 में चुनाव नजदीक आते देखकर भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी नूरा कुश्ती कर रही है। यह दोनों पार्टियां साम्प्रदायिक तनाव पैदाकर वोटों का धु्रवीकरण करना चाहती हैं जिसके चलते आज प्रदेश के मुजफ्फरनगर में हालात इस कदर बिगड़े कि न सिर्फ तमाम निर्दोषों को अपनी जान गंवानी पड़ी बल्कि हिंसा को रोकने में सरकार और सरकारी तंत्र पूरी तरह फेल हो गये।
श्री त्रिपाठी ने कहा कि प्रदेश में जब-जब समाजवादी पार्टी की सरकार रही है साम्प्रदायिक शक्तियां सिर उठाने में कामयाब हुई हैं और इसके चलते एक ओर जहां प्रदेश के विकास पर बुरा प्रभाव पड़ा वहीं सामाजिक एकता-अखण्डता को गहरी चोट पहुंची है। इसलिए प्रदेश सरकार को संयम एवं धैर्य बरतते हुए इन साम्प्रदायिक ताकतों के विरूद्ध कठोर कदम उठाने चाहिए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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