प्रदेश में डेंगू जैसी जानलेवा बीमारी अपना पैर तेजी से पसार रही है और स्वास्थ्य विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा है। सिर्फ प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ही डेंगू के मरीजों की तादात सौ का आंकड़ा पार चुकी है। इससे पूरे प्रदेश की स्थिति का आंकलन किया जा सकता है। फिर भी प्रदेश सरकार की तरफ से बयानबाजी के अलावा अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है जो दुःखद और शर्मनाक है। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सैय्यद जीशान हैदर ने आज यहां जारी बयान में कहा कि जो मौसम चल रहा है उसमें अक्सर गंभीर बीमारियां दस्तक देती हैं जिसकी समय रहते रोकथाम के लिए समुचित उपाय करवाना प्रदेश सरकार की नैतिक जिम्मेदारी बनती है। लेकिन यहां रोकथाम के उपाय की बात तो दूर सरकारी अस्पतालों में इलाज मिलना भी दूभर है। राजधानी लखनऊ के विभिन्न अस्पतालों में ओपीडी में मरीजों की संख्या इतनी ज्यादा हो गयी है कि उचित इलाज न मिल पाने की वजह से मरीजों को खासकर डेंगू पीडि़तों को निजी अस्पतालों में इलाज कराना पड़ रहा है जहां उनसे मनमानी पैसा वसूला जा रहा है। लखनऊ में ही डेंगू मरीजों की संख्या सौ के पर हो चुकी है यही हालत प्रदेश के विभिन्न शहरों जैसे मेरठ, गाजियाबाद, आगरा, नोएडा आदि में भी है फिर भी न तो प्रदेश सरकार को परवाह है और न ही स्वास्थ्य विभाग को कोई चिंता है। बावजूद इसके स्वास्थ्य मंत्री न जाने किस मुंह से यह दावा कर रहे हैं कि स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। श्री हैदर ने कहा कि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री द्वारा शहरों में मच्छरों के रोकथाम के लिए अभियान चलाने की बात करना और जनसहयोग न मिलने से विफलता जाहिर करने वाला बयान सरासर झूठ है। उन्होंने कहा कि शहर में न तो कीटनाशकों का छिड़काव किया गया और न ही फागिंग की गयी। जागरूकता के लिए भी कोई अभियान नहीं चलाया गया। अब जब डेंगू ने कईयों को मौत की नींद सुला दिया तब जाकर प्रदेश सरकार की नींद टूटी और स्वस्थ्य मंत्री ने पूरे प्रदेश में हाई एलर्ट की घोषणा की है। जो जले पर नमक छिड़कने के सामान है। श्री हैदर ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि संक्रामक और मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाये तथा ऐसे मरीजों को सरकारी अस्पतालों में इलाज की पूरी सुविधा मुहैया कराये।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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