- जल्द कानून साकार रूप लेगा
उत्तर प्रदेश की वर्तमान सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में वक्फ सम्पत्तियों पर हुये अवैध कब्जों को हटाने और उन्हें वक्फ बोर्ड के हवाले करने के लिये जो वादा किया था वह जल्दी ही साकार रूप लेने वाला है। इस संबंध में अलग से कानून बनाने की सभी तैयारियाँ लगभग पूर्ण हो गयी हैं, विधेयक का ड्राफ्ट तैयार हो चुका है और पूरी कोशिश है कि इस विधेयक को इसी विधान मण्डल सत्र में पेश किया जाये। वर्तमान सरकार ने घोषणा की थी कि वक्फ जायदादों की हिफाजत के लिये अलग से कानून बनाकर वक्फ बोर्ड की सम्पत्ति से अवैध कब्जे हटाकर उन्हें वक्फ बोर्ड के हवाले कर दिया जायेगा। वक्फ बोर्ड की जायदादों को भूमि अधिग्रहण अधिनियम के दायरे से बाहर रखा जायेगा। जिन जमीनों पर कब्जा कर फर्जी किरायेदारी कायम की गयी हैं, उन पर बनी इमारतों को जमीन के साथ वक्फ बोर्ड के नियंत्रण में दे दिया जायेगा।
इस कानून को बनाये जाने के सम्बन्ध में प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ मंत्री मोहम्मद आज़म खाँ की अध्यक्षता में आज यहाँ एक बैठक हुई जिसमें इस प्रस्तावित कानून से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर व्यापक विचार-विमर्श हुआ। बैठक में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के नव-नियुक्त सचिव श्री देवेश चतुर्वेदी और पूर्व सचिव श्रीमती लीना जौहरी के अलावा अपर महाधिवक्ता श्री ज़फरयाब जीलानी, उच्च न्यायालय के वकील श्री मुश्ताक अहमद सिद्दीकी, सुन्नी सेण्ट्रल वक्फ बोर्ड के चैयरमैन श्री जुफर फारूकी, न्याय विभाग के विशेष सचिव व अन्य अधिकारीगण मौजूद थे।
बैठक को सम्बोधित करते हुये मोहम्मद आज़म खाँ ने कहा उनकी पूर्व की सरकार में वक्फ की सम्पत्तियों को रेंट कंट्रोल कानून से मुक्त रखने का निर्णय लिया गया था, किन्तु इसे अमल में नहीं लाया जा सका था। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में सभी औपचारिकतायें पूरी कर इसे भी अमल में लाया जाये क्योंकि ऐसा करने से वक्फ जायदादों से होने वाली आमदनी बहुत बढ़ जायेगी। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित कानून से अच्छे परिणाम तभी मिलेंगे, जब इसे पूर्वगामी प्रभाव से लागू किया जाये, क्योंकि पिछले आठ-दस वर्षों में वक्फ की बेशकीमती सम्पत्तियों पर बेतहाशा अवैध कब्जे हुये हैं और इन्हें हटाना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि यह प्रस्तावित कानून सुन्नी व शिया दोनों की वक़्फ सम्पत्तियों पर लागू होगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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