राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय सचिव अनिल दुबे ने प्रदेष सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों के हितों हेतु किये जा रहे दावों को खोखला बताते हुये कहा है कि केन्द्र सरकार की एक रिपोर्ट से प्रदेष सरकार का अल्पसख्यक हितैषी होने का दावा उजागर हो गया है जिसके अनुसार देष के सबसे बड़े राज्य उ0प्र0 में मुस्लिमों की स्थिति प्राथमिक षिक्षा में बहुत ही चिन्ता जनक है और अन्य सभी राज्यों से पीछे है।
श्री दुबे ने आज लखनऊ में जारी बयान में कहा कि प्रदेष में मुस्लिमों की आबादी 18 प्रतिषत से अधिक है और उन मतों के लिए पहले बसपा सरकार और अब सपा सरकार उनके हितों के लिए बड़े बड़े प्रलाप कर रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर कहीं कुछ नजर नहीं आ रहा है। दोनो ही सरकारों ने अल्पसख्यकों को सिर्फ छलने का काम किया और जबकि समाजवादी पार्टी ने तो विधान सभा चुनाव के पूर्व घूम घूम कर अल्पसख्यक मुसलमान के लिए 18 प्रतिषत आरक्षण देने तथा सच्चर कमेंटी की सिफारिषों को हूबहू लागू करने तथा सभी सरकारी योजनाओं, संस्थानों में आरक्षण देेने की घोषणा की थी परन्तु सरकार बनने के बाद उन पर कोई अमल नहीं किया, केवल दिखावे के तौर पर कुछ योजनाओं में आरक्षण देने की घोषणा कर रस्म अदायगी भर की, वो भी उन योजनाओं में जो केन्द्र सरकार द्वारा संचालित है।
श्री दुबे ने कहा कि अपने आपको मुसलमानों का सच्चा हिमायती कहने वाली सरकार में, प्रदेष में जब मुसलमानों के बच्चे प्राथमिक षिक्षा में ही वांछित है, ऐसे में उनका विकास कैसे होगा मुसलमानों का हितैषी होने का उनका दावा कितना सही है, स्वतः स्पष्ट हो जाता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार यदि अल्पसख्यकों के लिए वास्तव में कुछ करना चाहती हैं तो अपने चुनावी घोषणा पत्र में उल्लिखित बातों को पूरा करे, और पिछड़ों के लिए दिये गये 27 प्रतिषत आरक्षण में मुसलमानों का 8.44 प्रतिषत हिस्सा ही उनको देने की घोषणा करे तथा उनकी बुनियादी षिक्षा के लिए युद्वस्तर पर प्रयास करे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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