- अधिकारी बाढ़ प्रभावित जनपदों में दौरा कर राहत कार्यों का स्थलीय निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें: जावेद उस्मानी
- राजस्व एवं सिंचाई के प्रमुख सचिवों एवं सचिवों, राहत आयुक्त को बाढ़ से प्रभावित जनपदों तथा मण्डलायुक्तों को अपने अधीन बाढ़ प्रभावित जनपदों का दौरा कर राहत कार्यों की रिपोर्ट शासन को प्रस्तुत करने के निर्देश: मुख्य सचिव
- दैवी आपदा से प्रभावित परिवारों को राहत प्रदान किये जाने हेतु 98.33 करोड़ रूपये तथा क्षतिग्रस्त परिसम्पत्तियों के मरम्मत हेतु 78.05 करोड़ रूपये की धनराशि राज्य आपदा मोचक निधि से निर्गत: जावेद उस्मानी
- प्रत्येक तहसील में साधारण वर्षा मापी यंत्र की व्यवस्था जिलाधिकारी अवश्य सुनिश्चित करें: मुख्य सचिव
- मीडिया को राहत कार्यों के प्रगति से प्रतिदिन जानकारी फोटोग्राफ सहित अवश्य उपलब्ध करायी जाय: जावेद उस्मानी
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी ने निर्देश दिये हैं कि बाढ़ प्रभावित जनपदों में राहत कार्यांे में किसी भी स्तर पर लापरवाही की शिकायत प्राप्त हुई तो संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। उन्होंने कहा कि अधिकारी बाढ़ प्रभावित जनपदों में दौरा कर राहत कार्यों का स्थलीय निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि प्रमुख सचिव राजस्व, राहत आयुक्त, प्रमुख सचिव सिंचाई एवं सचिव सिंचाई को बाढ़ से प्रभावित जनपदों का तथा मण्डलायुक्तों को अपने अधीन बाढ़ प्रभावित जनपदों का दौरा कर राहत कार्यों की रिपोर्ट शासन को प्रस्तुत करनी होगी। उन्हांेने कहा कि वरिष्ठ अधिकारी अपने दौरे की सूचना मीडिया को भी देते हुए स्थानीय नागरिकों से सम्पर्क कर उनकी समस्याओं से अवगत होकर तत्काल निराकरण कराये। उन्होंने कहा कि राहत कार्यों के प्रगति से प्रतिदिन मीडिया को जानकारी फोटोग्राफ सहित अवश्य उपलब्ध करायी जाये। उन्होंने कहा कि राहत मद से विभिन्न जनपदों को दैवी आपदा से प्रभावित परिवारों को राहत प्रदान किये जाने हेतु 98.33 करोड़ रूपये तथा क्षतिग्रस्त परिसम्पत्तियों के मरम्मत हेतु 78.05 करोड़ रूपये की धनराशि राज्य आपदा मोचक निधि से निर्गत कर दी गयी है। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी यह सुनिश्चित करें कि प्रत्येक तहसील में साधारण वर्षा मापी यंत्र की व्यवस्था अवश्य सुनिश्चित हो।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार मंे बाढ़ राहत कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित जनपदों में पर्याप्त दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित कराते हुए मेडिकल टीमों का गठन करते हुए पर्याप्त चिकित्सा शिविर स्थापित किये जाये। उन्होंने कहा कि बाढ़ राहत शिविरों में पर्याप्त खाद्य सामग्री, मिट्टी का तेल तथा पशुओं हेतु चारा एवं भूसा की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित होनी चाहिए। उन्होेंने कहा कि प्रभावित व्यक्तियों एवं परिवारों के लिये पुर्नवास एवं राहत की सुविधा सुनिश्चित करायी जाये। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित जनपदों के ग्रामीण क्षेत्रों के प्रभावित व्यक्तियों एवं परिवारों को 100 दिन के स्थान पर 150 दिन का रोजगार उपलब्ध कराने हेतु भारत सरकार से अनुरोध किया जाये। उन्होंने कहा कि शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने हेतु क्लोरीन की पर्याप्त मात्रा अवश्य उपलब्ध रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि फील्ड स्तर पर किसी भी प्रकार की कठिनाई आम नागरिकों को कतई नहीं होनी चाहिए।
बैठक में प्रमुख सचिव सिंचाई श्री दीपक सिंघल, प्रमुख सचिव राजस्व श्री के0 एस0 अटोरिया, प्रमुख सचिव पशुपालन श्री योगेश कुमार, प्रमुख सचिव खाद्य एवं रसद श्री दीपक त्रिवेदी, खाद्य आयुक्त श्रीमती अर्चना अग्रवाल, राहत आयुक्त श्री एल0 वेंकेटेश्वर लू, आयुक्त ग्राम विकास श्री के0 रवीन्द्र नायक सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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