उत्तर प्रदेश की समाजवादी सरकार का चेहरा अब खुलकर जनता के सामने आ गया है। सरकार में शामिल गुण्डा तत्व खुलकर अराजकता का वातावरण बनाने लगे है। मुलायम सिंह यादव ने सत्ता की बागडोर अखिलेश के हाथों में सौंपकर चेहरा बदलने की कोशिश की थी लेकिन अखिलेश यादव भी अराजकता पर लगाम लगाने में असफल सिद्ध हुए है।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्र मोहन ने पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से नियमित वार्ता में कहा कि अखिलेश यादव ने पार्टी विधायकों व उनके परिजनों की दबंगाई पर निलम्बन का जो नाटक किया है उससे पीडि़तों को कोई इंसाफ नही मिला है। विधायक पुत्रों ने रायबरेली व सीतापुर में जिस प्रकार से खुलेआम गुण्डागर्दी की है उस पर पुलिस की शिथिलता सरकार की मंशा पर प्रश्न खड़े कर रही है?
प्रदेश प्रवक्ता डा0 मोहन ने कहा कि इससे पहले भी निलम्बन की सांकेतिक कार्यवाही हुई है जो बाद में वापस ले ली जाती है। गोण्डा के विनोद सिंह उर्फ पण्डित और प्रमोद गुप्ता का निलम्बन वापस लिया जाना इसके प्रमाण है। प्रदेश प्रवक्ता डा0 मोहन ने सपाईयों द्वारा कानून को हाथ में लिए जाने पर कड़ा विरोध जताते हुए कठोर कार्यवाही की मांग की, जिससे प्रभावित पक्ष का विधि के शासन में विश्वास बना रहे।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 मोहन ने कहा मुख्यमंत्री द्वारा पंचम तल पर अघोषित रूप से विधायकों एवं मंत्रीयों के प्रवेश प्रतिबंध करना यह बताता है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने निरंकुश एवं अराजक मंत्री एवं विधायकों से त्रस्त है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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