उत्तर प्रदेश बाढ़ की विभिषिका व अतिवृष्टि से प्रभावित है और प्रदेश सरकार हाथ पर हाथ रखे बैठी है। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष श्री शिवप्रताप शुक्ला ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में प्रत्येक वर्ष बाढ आती है जिससे जनहानि, धनहानि व पशुहानि होती है। भाजपा ने विभिन्न जिलों में धरना-प्रदर्शन व प्रदेश अध्यक्ष डा0 लक्ष्मीकंात बाजपेयी के नेतृत्व में मा0 राज्यपाल को ज्ञापन देकर बाढ़ के प्रति आगह किया था किन्तु बाढ़ से बचने के लिए कोई ठोस पहल सरकार द्वारा नही की गई।
श्री शुक्ला ने कहा कि इलाहाबाद के लगभग 250 गांव जलमग्न है। इलाहाबाद में सेना बुलानी पड़ी। सेना की सहायता में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, छात्र-युवा और आम जनता को भी सहयोग में लगना पड़ा, गाजीपुर में लगभग 300 गांव बाढ़ से प्रभावित है, बलिया में द्वाबा, फेफना के लगभग 100 गांव बाढ़ प्रभावित है, लखीमपुर मे धरोहरा, निघासन, क्षेत्र के लगभग 300 गांव बाढ़ प्रभावित है। इसके अतिरिक्त आगरा, मिर्जापुर, सिद्धार्थनगर, हमीरपुर समेत कई जिले जलमग्न है।
श्री शुक्ला ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश सरकार बाढ़ से उत्पन्न समस्याओं के समाधान के प्रति गम्भीर नही है। पार्टी के द्वारा बार-बार चेतावनी देने के बाद भी न बाढ़ आने के पूर्व और न तो बाढ़ आने पर सरकार कोई सहायता कर रही है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों को सरकार ने उनके हाल पर छोड़ दिया है। सरकार द्वारा प्रभावित क्षेत्रों में राशन, ईधन, त्रिपाल, नौका, दवाईयां, जैसी आवश्यक सामग्री तक की आपूर्ति नही की जा रही है।
श्री शुक्ला ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि बाढ़ पीडि़तों को तत्काल आपदा राहत सामग्री मुहैया करायी जाये। बाढ़ पीडि़त क्षेत्र के किसानों का कर्ज एवं लगान माफ किया जाये, उनकी फसल तथा नागरिकों की अन्य हानि की क्षतिपूर्ति शतप्रतिशत किया जाये। प्रभावित क्षेत्रों में फैलने वाली वर्षा जनित बीमारियों से बचाव के लिए समुचित चिकित्सा व्यवस्था मुहैया करायी जाये। बाढ़ की रोकथाम हेतु लम्बित प्रस्तावों को शीघ्र स्वीकृत कर कार्य प्रारम्भ कराया जाये।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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