भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया कि अखिलेश सरकार नियामानुसार कार्रवाई करने वाले अधिकारियों का उत्पीड़न कर रही है। प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि दलगत हितों को सर्वोपरी रखकर कर काम कर रही सपा सरकार हठधर्मिता पर उतारू है। राग-द्वेष से फैसले लिये जा रहे है नतीजा निष्ठापूर्वक काम कर रहे अधिकारी सरकार के निशाने पर है।
पार्टी के राज्य मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा में प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने नोएडा कों जिलाधिकारी रविकांत सिंह के तबादले पर हैरानी जताई। उन्होंने कहा दुर्गाशक्ति नागपाल के मामले में निष्पक्ष जांच रिपोर्ट प्रेषित करना जिलाधिकारी के तबादले का कारण बना। जब जिलाधिकारी की रिपोर्ट मीडिया में प्रकाशित हुई तो सरकार में बैठे मंत्रियों व नेताओं ने जिलाधिकारी पर कार्रवाई की मांग कर डाली थी क्योंकि मामला तूल पकड़ चुका था इसलिए सरकार ने तत्समय तो चुप्पी साध ली और अब उसे अंजाम दिया गया। 17 माह पुरानी सरकार ताश के पत्तों की तरह अधिकारियों को फेट रही है। 5हजार से ऊपर तबादलों को अंजाम दे चुकी अखिलेश सरकार यह तय ही नही कर पा रही है कि किस अधिकारी से कहां काम लेना है? इसीलिए एक अधिकारी के बारे में एक मंत्री कुछ कहता है तो दूसरा मंत्री की ठीक उससे उलट राय। दबाव बनाने में जहां सपाई कामयाब हो जाते है वहां उनके अनुसार फैसले हो जाते है। नौकरशाही हतोत्साहित हो रही है निराशा का वातावरण है।
उन्होंने कहा कि खनन माफियाओं के दबाव में दुर्गाशक्ति नागपाल को निलंबित किया गया। बाद में पूरे मामले की निष्पक्ष जांच रिपोर्ट भेजने की सजा जिलाधिकारी को भी तबादले के रूप में भुगतनी पड़ी। प्रदेश में प्रशासनिक अधिकारियों के तबादले लाभ हानि को ध्यान में रखकर किये जा रहे है। दुर्गा शक्ति नागपाल से जुड़े मामले को लेकर दिये गये एक वक्तव्य में स्वयं मुख्यमंत्री ने कहा था कि दुर्गा शक्ति नागपाल के साथ कई अन्य अधिकारियों पर भी दण्डात्मक कार्रवाई होनी थी। लेकिन मीडिया के दबाव कार्रवाई नही हुई। अब जिन अधिकारियों पर प्रशासनिक दृष्टि से कार्यवाही की जानी थी उसे क्यों रोक दिया गया? जिन अधिकारियों पर कठोर कार्यवाही के संकेत मुख्यमंत्री ने सार्वाजनिक रूप से दिये थे उन पर अब आश्चर्यजनक चुप्पी सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े करती है।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा सरकार अधिकारियों को अपने राजनैतिक ऐजेण्डे के लिए प्रयोग करना बंद करें। साथ ही तबादलों/निलंबन का आधार प्रशासनिक हो। केवल खनन माफियाओं, अवैध शराब के कारोबारियों और सत्तारूढ़ दल के लोगों को खुश करने के लिए अधिकारियों का उत्पीड़न न हो।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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