प्रदेश के प्रमुख सचिव, गन्ना एवं चीनी उद्योग तथा गन्ना आयुक्त श्री राहुल भटनागर ने आज यहाँ बताया कि गन्ना सूचना प्रणाली को नेशनल ई-गवर्नेन्स, ‘‘कपाम’’ः अन्तर्राट्रीय नवोन्मेष एवं प्रधानमंत्री पुरस्कार प्राप्त हुआ है। इसके अतिरिक्त चीनी नीति-2013 के लागू होने के फलस्वरूप 24 जिलों की नई चीनी मिलों में, को-जेनरेशन इकाई तथा आसवनियों की स्थापना होने से चीनी उद्योग सुदृढ़ सहभागिता की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि जिला योजना में वर्ष 2013-14 के लिये 14 करोड़ रुपये प्राविधानित किया गया है, जबकि पिछले वर्षों में केवल 2-3 करोड़ रुपये तक ही प्राविधान होता था। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में वर्ष 2013-14 हेतु 59 करोड़ प्राविधानित किया गया है जबकि इसके पहले के वर्षों में केवल 5-6 करोड़ का ही प्राविधान होता होता था।
प्रमुख सचिव ने बताया कि 10 नई गन्ना विकास परिषदों का गठन किया गया है, जिससे चीनी मिल क्षेत्र में गन्ना विकास कार्यों में गति प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि गन्ना प्रजातियों के सुधार एवं प्रजातीय संतुलन हेतु सार्थक प्रयास किये जा रहे हैं, जिसमें अधिक उपज वाली कई गन्ना प्रजातियाँ किसानों के बीच अत्यधिक लोकप्रिय हो रही हैं। उन्होंने कहा कि गन्ना संघ तथा गन्ना समितियों के मध्य एकमुश्त समाधान योजना लागू की गई हैं, जिसमें मूल धन से अधिक ब्याज हो जाने के कारण गन्ना समितियों को राहत प्राप्त होगी, जिससे गन्ना संघ के कर्मियों की देनदारी के भुगतान में भी सुविधा प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि गन्ना संघ प्रेस कर्मियों का गन्ना समितियों में संविलियन, यथाआशय सेवा नियमावली में संशोधन किया जा रहा है तथा मृत गन्ना पर्यवेक्षक संवर्ग को पुनर्जीवित किया गया और 3767 गन्ना पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की आधारभूमि तैयार की जा रही है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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