भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश के विकास के लिए विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की वकालत करते हुए कहा कि राज्य के पिछड़ेपन के लिए पूरी तौर पर कांगे्रस के साथ नापाक गठबंधन कर रही सपा-बसपा बराबर की जिम्मेदार है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा चुनाव की आहट और नाकामियों से घबराई समाजवादी पार्टी द्वारा नित नये हथकण्डे की तलाश में अब उत्तर प्रदेश के विकास को लेकर मांग उठाई जा रही। केन्द्र की यूपीए सरकार को पिछले दस वर्षों से समर्थन दे रही सपा-बसपा ने आखिर उत्तर प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की शर्त समर्थन देते समय ही क्यों नही रखी?
पार्टी के राज्य मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि पिछले ग्यारह वर्षो में राज्य में सपा-बसपा ही सत्तारूढ़ है। प्रदेश के खजानों में लूट हुई। अनुत्पादक मदों मंे खर्चे बढ़े। केन्द्र की योजनाएं मनरेगा और एन.आर.एच.एम. पूरी तौर पर भ्रष्टाचार का शिकार हुई। मनरेगा को लेकर केन्द्र व राज्य सरकार का टकराव जगजाहिर है। केन्द्र जांच कराने की बात करता है। सी.बी.आई. से भी जांच की वकालत होती है किन्तु राज्य की सरकार जांच करने का राजी नही। पिछली बसपा सरकार भी राजी नहीं हुई और मौजूद सपा सरकार भी जांच के लिए तैयार नहीं। केन्द्र की कांग्रेस नीत गठबंधन वाली यू.पी.ए. सरकार भी महज बयान बाजी में लगी रही है। यह तक कि महाकुम्भ जैसे बड़े आयोजन में भी धनराशि को लेकर प्रदेश की जनता को दोनों सरकारों ने गुमराह ही किया। केन्द्र की वित्त पोषित योजनाओं में भी जमकर लूट हुई। उनके लिए जिम्मेदार सपा-बसपा की सरकारों पर कोई कार्रवाई नही हुई। भ्रष्टाचार के मामले पर सपा-बसपा-कंाग्रेस का गठबंधन है।
श्री पाठक ने कहा कि वास्तव में उत्तर प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग कर समाजवादी पार्टी अपनी चुनावी वैतरणी को पार करना चाहती है। राज्य की बर्बादी के लिए सपा बसपा बराबर के दोषी है। राज्य का सबसे बड़ा गन्ना उद्योग चैपट हो गया। चीनी मिले बिक गई, आज भी किसान अपने गन्ना बकाये के भुगतान के लिए न्यायालय के आदेश के बावजूद दर-दर भटक रहा है। चीनी मिले औने-पौने दामों पर बिकी। जांच हुई कार्यवाही के इंतजार में पत्रावलियां मुख्यमंत्री का बाट जोह रही है।
उन्होनंे कहा राज्य का मूलभूत ढ़ाचा गत विकास धवस्त हुआ, पैकेज को लेकर लगातार राजनीति होती रही। पिछली बसपा सरकार 80हजार करोंड़ रूपये के विशेष पैकेज की मांग करती रही। राज्य में भ्रष्टाचार होता रहा। केन्द्र की सरकार को समर्थन जारी रहा। दिन बीत गये सरकार चली गई। अखिलेश सरकार को भी आये 17 महीनें हो गये केन्द्र की यूपीए सरकार को बदस्तूर समर्थन जारी है। महाकुम्भ मे विशेष आर्थिक पैकेज का हाल सबने देखा अब विशेष आर्थिक पैकेज की मांग जारी है। चुनाव संनिकट है बुन्देलखण्ड पैकेज के द्वितीय चरण के पैकज के लिए सरकार ने 4737.13 करोड़ रूपये के नवीन प्रस्ताव के अनुमोदन हेतु भेज चुकी है। हालात यह है कि 3606 करोड़ रूपये के पैकेज में से 1695 करोड़ रूपये ही राज्य को आवंटित हुए, जिसमें से केवल 1212 करोड़ रूपये की ही केन्द्रीय सहायता राज्य को मिल पायी। इस पूरी धन राशि में से केवल 744 करोड़ रूपये ही खर्च हो पायंे।
श्री पाठक ने कहा कि कांगे्रस-सपा-बसपा की तिकड़ी जनहित के मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा अपने दामन को बेहतर बताने में जुटी है। राज्य के पिछडे़ पन के लिए इनकी तिकड़ी दोषी है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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