भा0ज0पा0 किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष श्री विजय पाल सिंह तोमर ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि बाढ़ के कारण आम किसान के जन-जीवन प्रभावित होने के लिए प्रदेश सरकार पूर्ण रुप से जिम्मेदार है।
उन्होनेे कहा कि उ0प्र0 के 1000 से अधिक गाॅव बाढ़ से प्रभावित है। सरकार की ओर से पशुओं के आवास की टीके की , चारे की , किसी प्रकार की कोई व्यवस्था सरकार ने नही की है। किसान अपने आप को बाढ़ से बचाने के लिए जब अपने परिवार एवं पशुओं के साथ जब सड़क पर आ रहे है, तो सरकार उन विस्थापितो के साथ में अपराधियो जैसा सलूक कर रही है श्री तोमर ने कहा कि - सरकार ने बाढ़ आपदा के लिए पूर्व में कोई ठोस जमीनी काम नही किया और पहली बैठक भी विलम्ब से 13 जून को हुई , इसके साथ ही सरकार ने बाढ़ के लिए 3280 लाख रु0 का प्रावधान किया जिसमें से अभी तक केवल 20 प्रतिशत ही जारी किया, जिनका भी लाभ नीचे तक नही पहुचा सरकार को चाहिए था कि समय पूर्व बाढ़ के प्रभाव को रोकने के लिए समुचित व्यपस्था करनी चाहिए थी, लेकिन सरकार की लापरवाही चरम पर है।
श्री तोमर ने सरकार से मांग की, कि सरकार बाढ़ प्रभावित किसानों को 20,000रु0 प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दे, तथा सभी प्रकार की वसूली तत्काल रोके और शिक्षा स्वास्थ एवं पशुओं के देख-भाल की समुचित व्यवस्था करे उनके चारा, टीका आदि की व्यवस्थ करें।
श्री तोमर ने कहा कि - बाढ़ प्रभावित गन्ना किसानो का बकाया करीब 3600 करोड़ रुपया भुगतान अविलम्ब व्याज सहित किया जाय क्योकि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में गन्ने की अगली फसल भी चैपट हो गयी है। गन्ने का अवशेष भुगतान तत्काल ब्याज सहित दें तथा यह भी सुनिश्चित करे कि अगले सत्र् में चीनी मिले पेराई समय पर करें श्री तोमर ने सरकार को धान खरीद की समुचित व्यवस्था अविलम्ब करने का ध्यान दिलाया तथा साथ ही सरकार से 100 रु0 प्रति कुन्तल बोनस घोषित करने की मांग की , एक एकड से कम वाले किसान को बी.पी.एल सूची में रखे तथा 10 हार्स पावर वाले नलकूप निःशुल्क दें आलू का समर्थन मूल्य सरकार घोशित करें तथा मण्डी शुल्क पूरी तरह माफ किया जाये साथ ही श्री तोमर ने कहा कि - परम्परागत फसलो से कृषि आय इतनी कम हो गयी है कि किसानो के बच्चे इस धंधे से हटते जा रहे है। इसलिए किसान मोर्चा ने संकल्प लिया है। कि परम्परागत फसलो के अतिरिक्त कृषि के अन्य साधन जैसे- मत्ष्य पालन , मधुमक्खी पालन , पुष्प उत्पादन एवं जैविक अच्छी आय प्राप्त की जा सकती है। अफसोस की बात यह है कि उत्तर प्रदेश में दुधारु पशुओं का अंधाधुंध कटान हो रहा हैं सरकार इसे रोकने में असफल है। गुजरात के किसानों की आर्थिक दशा अच्छी होने का कारण दुग्ध एवं ड़ेरी को जाता है। उ0प्र0 सरकार ने जो उत्तर प्रदेश सरकार ने जो कामधेनु योजना चलाई है। उससे भी किसानांे को कोई लाभ नही मिलने वाला न तो 100 गाय खरीदने की पॅूजी आम किसान पर होगी और न ही 100 गाय रखने की ढाॅचागत सुविधा किसान के पास होगी। अतः इसका लाभ बड़े पूॅजीपति उठायेगंे किसान को इसका कोई लाभ नही होगा।
अतः किसानो की उपरोक्त समस्याओं को लेकर किसान मोर्चा ने संकल्प लिया है कि अपनी क्षेत्रीय बैठक कर पूर्णं तैयारी करके सितम्बर माह में दो दिवसिय बाराबंकी से लखनऊ किसान मार्च कर राजभवन का घेराव करेगा। प्रेस वार्ता में प्रणीत भाटी प्रदेश महामंत्री, के. के. सिंह प्रदेश उपाध्यक्ष, राम निवास यादव प्रदेश प्रवक्ता, सुधीर सिंह सिद्धू प्रदेश मंत्री एवं संचित सिंह क्षेत्रीय प्रभारी उपस्थित थे
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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