- दो देशों के सम्बन्ध मात्र शासको के बीच न होकर, लोगों के बीच हों: टर्की राजदूत बुराक एकपार
- इण्डो टर्किश फ्रेण्डशिप एण्ड कल्चरल सोसाइटी के रजत जयन्ती समारोह का उद्घाटन
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि किन्हीं भी दो देशों के सम्बन्ध तभी मजबूत बनते हैं, जब उन दोनों देशों के लोगों के परस्पर सम्बन्ध अच्छे हों। उन्होंने कहा कि आज दुनिया बदलाव के दौर से गुजर रही है। ऐसे में दूर-दराज के देशों के साथ-साथ पड़ोसी देशों से भी सम्बन्ध अच्छे होने चाहिए।
मुख्यमंत्री आज यहां एम0बी0 क्लब, लखनऊ में इण्डो टर्किश फ्रेण्डशिप एण्ड कल्चरल सोसाइटी के रजत जयन्ती समारोह के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत व टर्की के बीच अच्छे रिश्ते एक लम्बे समय से रहे हैं। इन दोनों देशों ने सामाजिक, आर्थिक व सांस्कृतिक स्तर के विभिन्न पहलुओं पर एक-दूसरे को प्रभावित किया है। उन्होंने कहा कि इस बात का सबूत यह है कि लगभग 6 हजार शब्दों से ज्यादा टर्की शब्दों का प्रयोग भारत में किया जाता है। उन्होंने कहा कि किन्हीं भी दो देशों के सम्बन्ध वहां के निवासियों की जीवनशैली, संस्कृति व सोच पर बहुत निर्भर करते हैं।
श्री यादव ने कहा कि इण्डो टर्किश फ्रेण्डशिप एण्ड कल्चरल सोसाइटी के माध्यम से हमें यह मौका मिला है कि हम दोनों देशों के बीच की दोस्ती को और प्रगाढ़ बनाएं। उन्होंने कहा कि यदि कोई आर्थिक तौर पर मजबूत होता है तो उस देश की भाषा, संस्कृति, रहन-सहन का प्रभाव दूसरे देश व समाज पर भी पड़ता है। उन्होेंने कहा कि एकता और मित्रता की भावना ही दो देशों के सम्बन्धों को मजबूत बनाती है।
इस अवसर पर भारत में टर्की के राजदूत श्री बुराक एकपार ने कहा कि यहां पर आकर मैं अभिभूत हूं। लखनऊ एक खूबसूरत शहर है और इसकी भूमिका आजादी की लड़ाई में मुख्य रूप से रही है। उन्होंने कहा कि बेगम हजरत महल का योगदान स्वाधीनता संग्राम मंे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि किन्हीं दो देशों के बीच की दोस्ती तभी मजबूत होती है, जब ये सम्बन्ध सिर्फ शासकों के बीच न होकर, उन देशों के लोगों के बीच भी हों। उन्होंने इस बात की आवश्यकता जताई कि भारत और टर्की के बीच आर्थिक, राजनैतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक सम्बन्धों को और अधिक विकसित किया जाए। उन्होंने कहा कि इस दिशा में टर्की कार्य कर रहा है और भारत से हवाई मार्ग को और अधिक विस्तृत करने पर कार्य किया जा रहा है।
श्री एकपार ने नौजवान पीढ़ी पर जोर देते हुए कहा कि आने वाले समय में नौजवानों को दोनों देशों के बीच दोस्ती की मशाल को कायम रखते हुए और आगे ले जाना होगा, क्योंकि दुनिया के परिवर्तन में नौजवानों की एक अहम भूमिका है। उन्होंने मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताते हुए कहा कि श्री यादव ने भारत-तुर्की दोस्ती को मजबूत बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है, जो काबिले तारीफ है।
इण्डो टर्किश फ्रेण्डशिप एण्ड कल्चरल सोसाइटी के संस्थापक डाॅ0 अम्मार रिजवी ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि भारत व टर्की ने विभिन्न क्षेत्रों में एक-दूसरे को सहयोग प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि टर्की के मौलाना रूमी के नाम से सभी परिचित हैं, जिनका मोहब्बत और विश्व बंधुत्व की भावना से लबरेज काव्य हर जगह सराहा जाता है। उन्होंने कहा कि टर्की से कई लोग भारत में आए और वे यहां के जीवन और संस्कृति से प्रभावित होकर यहीं के होकर रह गए।
किंग जाॅर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति डाॅ0 डी0के0 गुप्ता ने अपने संस्मरणों का जिक्र करते हुए कहा कि वे जब टर्की गए, तो वहां के लोगों के प्यार और स्नेह से चकित रह गए। लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति
प्रो0 एस0बी0 निम्से ने कहा कि उच्च शिक्षा एवं संस्कृति के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच परस्पर सहयोग की अपार संभावनाएं हैं।
लखनऊ के महापौर श्री दिनेश शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि भारतवर्ष विभिन्न संस्कृतियों का देश है और यह एक ऐसा अवसर है, जब विभिन्न विचारधाराओं और क्षेत्रों के लोग एक मंच पर इकट्ठा हैं।
इस मौके पर टर्की के राजदूत श्री बुराक एकपार ने मुख्यमंत्री को शब्दकोश भेंट किया। मुख्यमंत्री ने उन्हें स्मृति चिन्ह् प्रदान किया। रजत जयन्ती समारोह का उद्घाटन मुख्यमंत्री एवं टर्की के राजदूत ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
इस अवसर पर राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री एन0सी0 बाजपेयी, इंटीग्रल यूनिवर्सिटी लखनऊ के कुलपति श्री वसीम अख्तर, इरम एजूकेशनल सोसाइटी के डाॅ0 ख्वाजा मोहम्मद युनुस, सरस्वती डेण्टल काॅलेज के डाॅ0 कर्नल माथुर, ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती उर्दू, अरबी-फारसी विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ0 अनीस अंसारी, लखनऊ विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति सुश्री रूपरेखा वर्मा सहित अनेक शिक्षाविद्, वरिष्ठ अधिकारीगण, मीडियाकर्मी व गणमान्य नागरिक मौजूद थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com