उत्तर प्रदेश द्वारा राजनीतिक दलों को सूचना के अधिकार, कानून 2005 से बाहर करने हेतु, मूल आर0टी0आई, कानून मंे संशोधन हेतु प्रस्तावित बिल के बारे में आम नागरिकों की राय जानने हेतु 16 अगस्त, 2013 को आयोजित जनमत सर्वेक्षण में, 97.53 प्रतिशत नागरिको ने, इस बिल को नकार दिया है। इस बिल के समर्थन में मात्र 2.47 प्रतिशत मत पड़े। इस परिणाम से अवगत कराने के लिए, जिजीविषा, उ0प्र0 ने महामहिम राष्ट्रपति, मुख्य निर्वाचन आयुक्त तथा समस्त राष्ट्रीय दलों के अध्यक्ष को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि उक्त लंबित बिल के विरोध में उत्तर प्रदेश की जनता ने 97.53 प्रतिशत मत देकर उसे खारिज कर दिया है।
अतः उपर्युक्त परिदृश्य में जनता की सम्प्रभु इच्छा का सम्मान करते हुए, सरकार उक्त बिल को वापस ले लें तथा, अन्य राष्ट्रीय राजनीतिक दल भी, ऐसा करने के लिए सत्ताधारी दल को विवश करें।
ऐसा आश्चर्य जनक तथ्य पहली बार आया प्रतीत होता है जिसमें लगभग शतप्रतिशत राजनीतिक दलों की एक मत राय को जनता ने शिरे से खारिज कर दिया है।
जिजीविषा, उ0प्र0 इस बिल को वापस लिये जाने तक जनजागरण अभियान जारी रखेगी तथा एक लाख नागरिकों के हस्ताक्षर से ज्ञापन राष्ट्रपति को सौपेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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