उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि प्रदेश को तेजी से तरक्की के रास्ते पर आगे ले जाने के लिए राज्य सरकार ने लगातार बड़े फैसले लिए हैं। इसके परिणामस्वरूप राज्य पुनः सही दिशा की तरफ चल पड़ा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में खुशहाली लाने और लोगों का जीवन सुखमय बनाने के लिए हम सब को समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर विकास के पथ पर आगे बढ़ना है।
मुख्यमंत्री 67वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कल यहां विधान भवन में ध्वजारोहण करने के पश्चात् उपस्थित लोगों को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने इलाहाबाद में सम्पन्न कुम्भ मेले के सफल आयोजन के लिए 25 अधिकारियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया। उन्होंने नगर विकास मंत्री मो0 आजम खां, लोक निर्माण मंत्री श्री शिवपाल सिंह यादव तथा मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी को भी हार्दिक बधाई दी, जिन्होंने प्रभावी अनुश्रवण कर कुम्भ मेले को सफल बनाया।
मुख्यमंत्री द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किए जाने वाले अधिकारियों में तत्कालीन प्रमुख सचिव नगर विकास श्री प्रवीर कुमार, तत्कालीन मण्डलायुक्त इलाहाबाद श्री देवेश चतुर्वेदी, पुलिस महानिरीक्षक इलाहाबाद श्री आलोक शर्मा, विशेष सचिव नगर विकास श्री श्रीप्रकाश सिंह, तत्कालीन मेलाधिकारी श्री मणिप्रसाद मिश्रा, इलाहाबाद के जिलाधिकारी श्री राज शेखर व तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री मोहित अग्रवाल, तत्कालीन एस.एस.पी. कुम्भ मेला श्री राजेश कुमार सिंह राठौर शामिल हैं।
मुख्यमंत्री द्वारा प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किए जाने वाले अधिकारियों में लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियन्ता श्री आर.सी. भारद्वाज, पावर काॅर्पोरेशन के प्रबन्ध निदेशक श्री ए.पी. मिश्रा, सी. एण्ड डी.एस. जल निगम के मुख्य अभियन्ता श्री वीरेन्द्र पाल सिंह, अपर निदेशक स्वास्थ्य श्री आर.सी. श्रीवास्तव, उप निदेशक सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग श्री इन्दल सिंह भदौरिया, अधीक्षण अभियन्ता लोक निर्माण विभाग श्री अशोक श्रीवास्तव, इलाहाबाद के तत्कालीन सम्भागीय खाद्य नियंत्रक श्री अटल कुमार राय, उपाध्यक्ष इलाहाबाद विकास प्राधिकरण श्री अजय कुमार सिंह, नगर आयुक्त श्री राघवेन्द्र विक्रम सिंह, प्रबन्धक पर्यटन श्री डी.पी. सिंह, महाप्रबन्धक दुग्ध संघ श्री सी.बी. सिंह, वरिष्ठ महाप्रबन्धक टेलीकाॅम श्री आर.एस. यादव, महाप्रबन्धक टेलीकाॅम श्री अरुण कुमार चैबे, वन निगम के क्षेत्रीय प्रबन्धक श्री के.पी. दुबे, परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबन्धक श्री पी.आर. बलवेरिया तथा कमाण्डेंट होमगार्ड श्री सुधाकराचार्य पाण्डेय आदि शामिल हैं।
अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को नमन् करते हुए कहा कि गांधी जी के नेतृत्व में देश विदेशी शासन से मुक्त हुआ। उन्होंने डा0 राम मनोहर लोहिया, आचार्य नरेन्द्र देव तथा लोकनायक जय प्रकाश नारायण आदि समाजवादी चिन्तकों का भी स्मरण किया और कहा कि इनके विचारों से देश को नई दिशा मिली। उन्होंने कहा कि यह दिन सभी ज्ञात-अज्ञात शहीदों व सेनानियों को श्रद्धांजलि देने का दिन है। उन्होंने कहा कि राज्य के लिए यह गौरव की बात है कि सन् 1857 के प्रथम स्वाधीनता संग्राम की शुरूआत उत्तर प्रदेश से हुई थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस पर हमें चिन्तन करना चाहिए कि जिन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हमने आजादी हासिल की थी, उन्हें पाने की दिशा में हम कितना आगे बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि देश ने सभी क्षेत्रों में शानदार उपलब्धियां अर्जित की हैं, लेकिन आज भी तमाम ऐसे क्षेत्र हैं, जहां हमें और आगे जाना है। यह महान कार्य सभी के सहयोग से ही संभव है। पड़ोसी राज्य उत्तराखण्ड की दैवीय आपदा का उल्लेख करते हुए श्री यादव ने कहा कि वहां भयानक तबाही हुई और अनेक लोग लापता हो गए। आपदा से प्रभावित लोगों को राहत पहुँचाने के लिए प्रदेश सरकार के साथ-साथ राज्य की जनता ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। उन्होंने भरोसा जताया कि जल्द ही उत्तराखण्ड इस आपदा से उबरकर आगे बढ़ेगा।
श्री यादव ने कहा कि मानव संसाधन के मामले में उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा राज्य है तथा यहां भरपूर मात्रा में प्राकृतिक संसाधन भी उपलब्ध हैं। आजादी के बाद कभी यह राज्य विकास में देश का अग्रणी प्रदेश हुआ करता था। इसके बावजूद पिछले कुछ वर्षों में राज्य तरक्की की दौड़ में पीछे छूट गया। ऐसी स्थिति में कार्यभार ग्रहण करने के साथ ही वर्तमान राज्य सरकार ने प्रदेश से तानाशाही एवं अविश्वास के वातावरण को समाप्त कर, विकास की गाड़ी को समाजवादी सोच के साथ पुनः पटरी पर लाने का प्रयास किया है।
श्री यादव ने कहा कि पिछले वित्तीय वर्ष 2012-13 में बजट पारित होने के बाद काम करने के लिए मात्र 7-8 महीने ही मिल पाए थे, इसके बावजूद सरकार ने जनता से किए गए कई वायदे पूरे किए हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय योजना आयोग ने स्वीकार किया है कि वर्तमान सरकार के आने के बाद प्रदेश ने विकास एवं मानव संसाधन के सभी सूचकांकों में अच्छी वृद्धि की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाजवादी सरकार की प्राथमिकता किसान, श्रमिक, अल्पसंख्यक, महिलाएं, नौजवान व अन्य कमजोर वर्ग हैं। मुसलमानों एवं अन्य अल्पसंख्यक समुदाय के शैक्षिक, सामाजिक तथा आर्थिक विकास के लिये प्रदेश सरकार पूरी गंभीरता से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने शुरू से ही किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए कई फैसले लिए हैं। घोषणा पत्र में किसानो के हितों के लिये किये गये वादों को पूरा किया जा रहा है। इसके तहत खेती की जमीन को बंधक रखकर उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम्य विकास बैंक से कर्ज लेने वाले किसानो की कर्ज माफी के लिये कुल 1 हजार 650 करोड़ रुपए की व्यवस्था सरकार द्वारा की गयी है। इससे लगभग 8 लाख किसानों का कर्ज माफ होगा।
इसके अलावा सरकार किसानों को मुफ्त सिंचाई सुविधा भी उपलब्ध करा रही है। इसके लिए बजट में 200 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। किसान दुर्घटना बीमा राशि को एक लाख रुपए से बढ़ाकर पांच लाख रुपए कर दिया है। किसानों को समय से खाद उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने अग्रिम भण्डारण हेतु 100 करोड़ रुपए की व्यवस्था की है। सरकार ने गन्ना मूल्य में प्रति कुन्तल 40 रुपए से अधिक इजाफा किया है, जो देश के अन्य राज्यों की तुलना में काफी अधिक है। राज्य सरकार ने इस पेराई सत्र में गन्ना किसानों से लगभग 22 हजार करोड़ रुपये से अधिक का गन्ना क्रय किया है। प्रदेश सरकार द्वारा चीनी उद्योग, को-जनरेशन एवं आसवनी प्रोत्साहन नीति-2013 लागू किए जाने के फलस्वरूप चीनी उद्योग में पूंजी निवेश आकर्षित हो रहा है। अब तक 1 हजार 600 करोड़ रुपए के निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं, जिसका लाभ किसानों को मिलेगा।
प्रदेश में अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास हेतु बेहतर वातावरण तैयार करने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में निवेश प्रोत्साहित करने की नीतियां बनाई गई हैं। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि देश ही नहीं, बल्कि विदेशों के भी अनेक उद्योगपतियों एवं औद्योगिक प्रतिनिधिमण्डलों ने प्रदेश में निवेश की इच्छा जाहिर की है। सरकार ने उद्योग बन्धु को और अधिक प्रभावी बनाया है, जिससे उद्यमियों की समस्याओं का समाधान करने में मदद मिलेगी।
श्री यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में उच्च कोटि की अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु भी लगातार काम कर रही है, जिनमें आगरा से लखनऊ एक्सप्रेस-वे, आगरा इनर रिंग रोड, गाजियाबाद नार्दन पेरीफेरल रोड के अलावा प्रदेश के समस्त जनपद मुख्यालयों को चार लेन की सड़कों से जोड़ने तथा आगरा एवं कुशीनगर में अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण कार्य शामिल हैं। अन्य राज्यमार्गों के कार्य भी प्रगति पर हैं। प्रदेश के 16 बड़े नगरों को भी चार लेन की सड़कों द्वारा जोड़े जाने की योजना है।
राज्य में रेल परिवहन की अवस्थापना सुविधाओं को मजबूत करने के लिए राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार से वेस्टर्न फ्रेट काॅरीडोर की तरह ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट काॅरीडोर का विकास सुनिश्चित करने का आग्रह किया, जिससे पूरा प्रदेश लाभान्वित होगा और सीधे कलकत्ता बंदरगाह से जुड़ जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के इस प्रयास के फलस्वरूप केन्द्र सरकार ने इस दिशा में कार्य शुरु कर दिया है।
मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार द्वारा इलाहाबाद में दुनिया के सबसे बड़े जनसमागम कुम्भ मेला-2013 को सभी के सहयोग से सकुशल सम्पन्न कराए जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि 55 दिनों तक चले कुम्भ मेले में दुनिया के कोने-कोने से आए लोगों ने भाग लिया और यहां की व्यवस्था एवं प्रबन्धतंत्र की सभी ने तारीफ की। इस कुम्भ मेले से दुनिया भर में उत्तर प्रदेश का नाम रोशन हुआ। उन्होंने कहा कि राज्य के लिए यह भी गौरव की बात है कि उत्तर प्रदेश विधान मण्डल के 125 वर्ष पूरे होने पर उत्तरशती रजत जयन्ती समारोह का तीन दिवसीय आयोजन किया गया, जिसमें राष्ट्रपति भी सम्मिलित हुए।
श्री यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार महिलाओं के सम्मान, सुरक्षा एवं समाज में उनकी बराबरी की भागीदारी के लिए लगातार काम कर रही है। महिलाओं को मोबाइल के माध्यम से परेशान किए जाने की लगातार शिकायतें मिल रही थीं। इस समस्या पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए सरकार ने विमेन पावर लाइन-1090 शुरु की। आज दूरदराज के क्षेत्रों की महिलाएं भी इस व्यवस्था का लाभ उठाते हुए अराजक तत्वों की शिकायत कर रही हैं, जिस पर तत्काल प्रभावी कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने आश्वस्त किया कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए वर्तमान सरकार कड़े से कड़ा कदम उठाने के लिए तत्पर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को प्रभावी बनाने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं तथा गम्भीर किस्म की बीमारियों के इलाज की सरकारी अस्पतालों में मुफ्त व्यवस्था की है। अब इलाज पाने वालों को एक बार में पाँच दिन की दवाएं मुफ्त दी जाती हैं। कई अस्पतालों को उच्चीकृत करने तथा लखनऊ में देश का सबसे बेहतरीन कैंसर इंस्टीट्यूट स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। जनपद आजमगढ़ तथा जालौन में नये मेडिकल काॅलेज भी शुरु किए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश ग्रामीण आयुर्विज्ञान संस्थान, सैफई, इटावा में भी 50 अतिरिक्त सीटों को बढ़ाने की अनुमति मिल गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों के फलस्वरूप पिछले एक वर्ष में एम.बी.बी.एस. की पढ़ाई के लिये 500 सीटों की बढ़ोत्तरी हुयी है।
श्री यादव ने कहा कि राज्य सरकार ने समाजवादी स्वास्थ्य सेवा के नाम से 108 इमरजेन्सी मेडिकल ट्रांसपोर्ट सर्विस शुरु की। यह समाजवादी सेवा अत्यन्त लोकप्रिय हो रही है। गर्भवती महिलाओं एवं बीमार बच्चों को निकटतम स्वास्थ्य केन्द्र तक पहुँचाने के लिए बेसिक उपकरणों से युक्त एम्बुलेन्स सेवा संचालित करने का निर्णय प्रदेश सरकार ने लिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की सार्थक पहल पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थापना हेतु रायबरेली में केन्द्र सरकार को 148 एकड़ भूमि उपलब्ध करा दी गई है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि केन्द्र सरकार शीघ्र ही रायबरेली में एम्स की स्थापना का कार्य शुरू करेगी।
ऊर्जा के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार विद्युत उत्पादन के साथ-साथ पारेषण एवं वितरण प्रणाली को प्रभावी, तकनीक आधारित एवं हानिरहित बनाना चाहती है। इसलिए इस दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले वर्षों में प्रदेश की विद्युत व्यवस्था में काफी सुधार होगा और ग्रामीण क्षेत्रों में भी पर्याप्त बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज के सभी वर्गों के छात्र-छात्राओं को तकनीक की समान सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने 12वीं पास छात्रों को निःशुल्क लैपटाॅप उपलब्ध कराने का फैसला किया था। अब तक भारी संख्या में लैपटाॅपों का वितरण हो चुका है। प्रदेश के नौजवानों को लैपटाॅप मिल जाने से उन्हें अपने कैरियर को उच्चतम शिखर तक ले जाने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की इस योजना को पिछले दिनों हैदराबाद में सर्टिफिकेट आॅफ एक्सीलेन्स अवार्ड से नवाजा गया।
श्री यादव ने कहा कि समाजवादी विचारधारा के लोग हमेशा से महिलाओं की शिक्षा के प्रबल समर्थक रहे हैं। सरकार ने बालिकाओं, विशेष रूप से मुस्लिम समाज की बालिकाओं को शिक्षा के संसाधन उपलब्ध कराने के लिए आर्थिक मदद देने की पहल की है। इसके साथ ही, मुस्लिम समाज की कक्षा 10 पास लड़कियों को ‘हमारी बेटी उसका कल योजना’ के अन्तर्गत 30 हजार रुपए की आर्थिक मदद दी जा रही है। इसके अलावा सरकार ने बालिकाओं के लिए सरकारी एवं वित्तीय सहायता प्राप्त विद्यालयों में स्नातक तक की पढ़ाई निःशुल्क कर दी है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि राज्य सरकार की इन योजनाओं का लाभ बालिकाओं को मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की नई योजनाओं से प्रदेश में पूंजी निवेश आकर्षित हआ है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में राज्य सरकार ने 72,861 करोड़ रुपए का राजस्व संग्रह करने का लक्ष्य रखा है। इन संसाधनों को दृष्टिगत रखते हुए केन्द्रीय योजना आयोग द्वारा इस वर्ष प्रदेश के लिए 69,200 करोड़ रुपए की रिकार्ड वार्षिक योजना पर सहमति प्रदान की गई।
श्री यादव ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है, ताकि आर्थिक असमानता की खाई को कम किया जा सके। डाॅ0 राम मनोहर लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना के तहत 10 हजार ग्रामों में चिन्हित योजनाओं का लाभ पहुंचाने के साथ-साथ इन समस्त ग्रामों को सम्पर्क मार्ग से जोड़ा जाएगा। शहरी क्षेत्रों में अल्पसंख्यक बाहुल्य तथा मलिन बस्तियों में आसरा योजना के अन्तर्गत चयनित लाभार्थियों को मुफ्त आवास उपलब्ध कराए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाजवादी सरकार साहित्य, कला, संस्कृति के प्रति समर्पित है। उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा विगत कई वर्षों से बंद हुए सभी 111 सम्मानों व पुरस्कारों को न केवल पुनर्जीवित किया गया, बल्कि सभी पुरस्कारों की धनराशि को दुगुना किया गया, जिससे साहित्यकारों, लेखकों, साहित्य प्रेमियों में उत्साह का संचार हुआ है। साथ ही सरकार ने राजर्षि पुरुषोत्तमदास टण्डन के नाम पर 4 लाख रुपए के एक नए सम्मान का भी प्रारम्भ इस वित्तीय वर्ष से किया है।
अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री ने यह विश्वास भी दिलाया कि सरकार जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेगी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को सर्वोत्तम प्रदेश सबके सहयोग से ही बनाया जा सकता है।
इस अवसर पर राज्य सरकार के अनेक मंत्रिगण, पूर्व मुख्यमंत्री श्री नारायण दत्त तिवारी, अन्य जनप्रतिनिधिगण, वरिष्ठ अधिकारी, मीडिया प्रतिनिधि तथा अन्य लोग उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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