केन्द्र सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को उ0प्र0 सरकार पूरी तरह लागू करने में एक ओर जहां विफल रही, वहीं मनरेगा सहित विभिन्न योजनाओं में व्याप्त भारी पैमाने पर भ्रष्टाचार के चलते केन्द्रीय योजनाओं का भरपूर लाभ आम जनता तक नहीं पहुंच पा रहा है। भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर बार-बार मा0 न्यायालय द्वारा हस्तक्षेप किया जाना, राज्य सरकार के लिए शर्मनाक है।
उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के मीडिया कोआर्डिनेटर अशोक सिंह ने आज यहां जारी बयान में कहा कि चाहे वह भ्रष्ट अधिकारियों की नियुक्तियों का मामला हो अथवा मनरेगा में हो रहे घोटाले के मामले हों, अवैध खनन हो, जमीनों पर जबरिया कब्जे हों, ऐसे तमाम मामलों में राज्य सरकार की जमकर किरकिरी हुई है। इसी प्रकार केन्द्र सरकार की अतिमहत्वाकांक्षी जनकल्याणकारी योजना महात्मा गांधी नरेगा के धन में उ0प्र0 में हुई व्यापक अनियमितता, बंदरबांट और राज्य सरकार द्वारा मनरेगा की ईओडब्लू से करायी जा रही जांच पर मा0 उच्च न्यायालय द्वारा असंतोष जताये जाने एवं सरकार द्वारा पुनः ईओडब्लू से जांच कराये जाने के आदेश से यह साबित हो गया है कि मनरेगा में व्यापक धांधली हुई है।
उन्होने कहा कि उ0प्र0 के विभिन्न जिलांे में मनरेगा योजना के धन में हुई धांधली की शिकायतों पर कई अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्यवाही भी हो चुकी है। किन्तु राज्य सरकारें केन्द्र की इस अतिमहत्वपूर्ण योजना को लागू करने में विफल रही है। जिसकी वजह से इस योजना का लाभ आम जनता को नहीं मिल सका और मनरेगा का धन राज्य सरकार और सरकारी अधिकारियों और नेताओं की भेंट चढ़ गया।
श्री सिंह ने कहा कि बार-बार कांग्रेस पार्टी द्वारा मनरेगा में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया जाता रहा किन्तु केन्द्र के धन का जमकर दुरूपयोग किया गया। सोनभद्र, बलरामपुर, संतकबीरनगर, कुशीनगर, महोबा, गोण्डा, उन्नाव, चित्रकूट, कानपुर देहात, बांदा, औरैया, सिद्धार्थनगर सहित तमाम जनपदों में व्यापक पैमाने पर मनरेगा के धन का दुरूपयोग किया गया और इस योजना का लाभ आम जनता को नहीं मिल सका।
श्री सिंह ने कहा कि शुरू से ही कांग्रेस पार्टी द्वारा मनरेगा योजना में व्याप्त भ्रष्टाचार के सम्बन्ध में राज्य सरकार को आगाह किया जाता रहा है किन्तु राज्य सरकारों की केन्द्रीय योजनाओं के प्रति उदासीनता के चलते मनरेगा के धन में बंदरबांट जारी रहा। प्रदेश की पूर्ववर्ती सरकार की हीं भांति वर्तमान प्रदेश सरकार ने भी इस योजना में जमकर न सिर्फ बंदरबांट की बल्कि इस योजना को प्रदेश में बंद करने की भी साजिश रची।
श्री सिंह ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग की है कि उ0प्र0 में मनरेगा के धन में की गयी धांधलियों की निष्पक्ष जांच करायें और इस योजना में किये जा रहे भ्रष्टाचार को रोकने हेतु सख्त कदम उठायें, ताकि इस योजना का लाभ आम जनता को मिल सके।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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