भारतीय जनता पार्टी ने कहा अवैध खनन को लेकर सरकार कटघरे में है, मुख्यमंत्री के दावों के उलट खनन माफिया सक्रिय है। अखिलेश सरकार अवैध खनन को लगातार नकार रही है। बावजूद इसके राज्य भर में यह कारोबार फल-फूल रहा है। पार्टी प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि दुर्गा शक्ति नागपाल प्रकरण के बाद अवैध खनन के खिलाफ जन जागरूकता बढ़ी है। उस जन जागरूकता के कारण अब ग्रामीण खुद ही अवैध खनन की शिकायत कर रहे है। अवैध खनन के खिलाफ बढ़ती शिकायते अखिलेश सरकार के दावों की पोल खोल रही है। खुद पर्यावरण मंत्रालय की कमेटी ने नोएडा में अवैध खनन की पुष्टि की।
पार्टी के राज्य मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि अवैध खनन को लेकर कार्रवाई का दावा तो खूब होता है, लेकिन दावे हकीकत में नही बदलते। रात के अंधेरे में अवैध खनन का कारोबार बदस्तूर जारी है। राज्य के सिचाई मंत्री शिवपाल यादव एक तरफ दावा करते है कि राज्य में कहीं अवैध खनन नही हो रहा है। दूसरी तरफ नोएडा मे दसियो डम्पर और जालौन में जेसीबी मशीने और रेत लदे ट्रक बरामद होते है। आखिर जब खनन नही हो रहा तो फिर दावों के विपरीत ये मशीने, डम्पर और ट्रक कहां से आये? जालौन में तो जिलाधिकारी को यह कहना पड़ा कि ग्रामीणों की शिकायत के आधार पर जब छापा मारा गया तो अवैध खनन करते हुए लोग पाये गये। श्री पाठक ने सवाल किया कि जब अवैध खनन के खिलाफ आमजन शिकायत करता है तभी मामले संज्ञान में क्यों आते है? अवैध खनन रोकने के लिए पूरा प्रशासनिक अमला और खनन विभाग क्या कर रहा है?
उन्होंने कहा उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी खनन कारोबार तेजी से बढ़ा है। जगह-जगह ग्रामीणों के मोर्चा सम्भालने के बाद स्थिति यह बनी कि विगत तीन महीने में अवैध खनन के कारोबार में लिप्त 83 वाहन जब्त किये गये और 13 लाख रूपये से अधिक की रायल्टी की रकम सरकारी कोष में जुर्माने के रूप में जमा हुई। स्थिति यह है कि अवैध खनन के लिए राजकीय निर्माण निगम पर 22 लाख 21 हजार 772 रूपये की रायल्टी की नोटिस है जबकि अंसल एपीआई पर 81 लाख 43 हजार 847 रूपये की नोटिस है। इन संस्थानों से इतनी धनराशि वसूल की जानी है। यही हाल नोएडा का है जहां पर्यावरण मंत्रालय की गठित समिति ने माना कि यमुना नदी के इर्द गिर्द कई स्थानो पर व्यापक, अवैज्ञानिक अवैध खनन जारी है। उच्च न्यायालय, उच्चतम न्यायालय और एनजीटी के निर्देशों को धता बताते हुए राज्य के विभिन्न हिस्सों में अवैध खनन के कारोबारी अपनी सत्ता का संचालन करते है। कहीं-कहीं जन दबावों के कारण जुर्माने की रकम अदा करके फिर अपने कारोबार को नये सिरे से बढ़ाने में जुटे हैं।
श्री पाठक ने कहा प्रशासनिक अधिकारियों पर अवैध खनन माफियाओं के हमले लगातार जारी है। दुर्गा शाक्ति नागपाल के मामले पर जब वे हमलावर नही हो पाये तो दबाव में निलंबन की कार्यवाही करा ले गये। अभी पिछले दिनों शामली झीझौना थाना क्षेत्र के यमुना के तलहटी में हो रहे अवैध खनन को रोकने गये नायाब तहसीलदार और थाना अध्यक्ष पर हमले किये गये और पुलिस की एके 47 रायफल भी छीन ली गई। इसी तरह मऊरानी पुर में सीओ पर हमले का प्रकरण रहा हो या फिर जालौन में खनन अधिकारी के साथ दुव्र्यवहार, या फिर आगरा सहित प्रदेश के अन्य हिस्सों में अवैध खनन को रोकने की कोशिश कर रहे सरकारी कर्मचारियों पर हमले हुए। बाराबंकी के सतरिख थाना क्षेत्र में तो अनुसूचित जाति के किसान को अवैध खनन का विरोध करने पर डम्पर से कुचल कर मार डाला गया। खनन माफियाओं की इस करतूत पर आज तक कोई कार्रवाई नही हुई। इससे साबित होता है कि राज्य में हर बार खनन माफियाओं की जीत हुई। कठोर कार्यवाही के अभाव में राज्य का प्रशासनिक तंत्र इनके आगे असहाय और मजबूर हो जा रहा है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री अपने दावे और भरोसे का इकबाल कायम करे और अपने कथन के अनुरूप राज्य में चल रहे अवैध खनन पर अंकुश लगाने हेतु प्रभावी कार्यवाही का संदेश दे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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