- राज्य स्तरीय वेटलैण्ड स्टीयरिंग कमेटी की बैठक वर्ष में दो बार कराकर कार्यों में प्रगति लायी जाये: जावेद उस्मानी
- बैठक मे लिये गये निर्णयों का पालन समय से सुनिश्चित न होने पर कड़ी कार्रवाही सुनिश्चित होगी: मुख्य सचिव
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी ने निर्देश दिये हैं कि 19 वेटलैण्ड (आर्द्र भूमि) के प्रस्ताव लगभग 9.27 करोड़ है, के अतिरिक्त प्रदेश में अन्य क्षेत्रों में स्थित वेटलैण्ड हेतु प्रस्ताव तैयार कराकर भारत सरकार को वित्त पोषण हेतु भेजा जाये। उन्होंने कहा कि राज्य स्तरीय वेटलैण्ड स्टीयरिंग कमेटी की बैठक वर्ष में दो बार कराकर कार्यों में प्रगति लायी जाये। उन्होंने कहा कि भविष्य में यह सुनिश्चित किया जाये कि बैठक मे लिये गये निर्णयों का पालन समय से सुनिश्चित हो अन्यथा कड़ी कार्रवाही सुनिश्चित होगी।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में राज्य स्तरीय वेटलैण्ड (आर्द्र भूमि) स्टीयरिंग कमेटी की 7वीं बैठक की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने बताया कि 13 वेटलैण्ड का प्रस्ताव-समस्तपुर, रायबरेली, लाखबहोसी-कन्नौज, नवाबगंज-उन्नाव, कीठम झील-चम्बल आगरा, पटना झील-एटा, समान-मैनपुरी, शेखाझील-अलीगढ़, चन्दोताल-बस्ती, बघेलताल-श्रावस्ती, सरसई नावर-इटावा, नगरिया-लखीमपुर-खीरी, सेमरई-लखीमपुर-खीरी के भेजे जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि उक्त के अतिरिक्त 2 नये वेटलैण्ड आदि जल जीव झील-हाथरस, सिगरना ताल-महारजगंज तथा 4 पूर्व में भेजे गये वेटलैण्ड ताल सलौना वेटलैण्ड-आजमगढ़, कोकिला वन झील-मथुरा, कालीढाव वेटलैण्ड-जे0पी0 नगर, अछजार झील-झांसी के प्रस्ताव को भी भेजे जा रहे हैं।
प्रमुख सचिव वन श्री वी0एन0 गर्ग ने बताया कि राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान लखनऊ (एन0बी0आर0आई0) द्वारा सांण्डी पक्षी विहार एवं नवाबगंज पक्षी विहार में जलीय वनस्पति एवं जल की गुणवत्ता का अध्ययन करने हेतु प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया जिसको वित्त पोषण हेतु भारत सरकार को भेजने के निर्देश दिये गये। वेटलैण्ड से काफी लोगों की आजीविका जुड़ी होती है और इसका सीधा असर पर्यावरण पर पड़ता है।
बैठक में सचिव वन श्री पवन कुमार, प्रमुख वन संरक्षक वन्य जीव उ0प्र0 डा0 रूपक डे, निदेशक पर्यटन, एन0बी0आर0आई एवं लखनऊ विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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