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अनुसूचित जाति के छात्रों को जीरो बैलेंस पर प्रवेश हेतु अधिकारी संस्थान प्रमुखों से समन्वय स्थापित करे -समाज कल्याण मंत्री

Posted on 08 August 2013 by admin

  • विभागीय चल-अचल सम्पत्ति का लेखा-जोखा रखने के निर्देश

उत्तर प्रदेश के समाज कल्याण मंत्री श्री अवधेश प्रसाद ने अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि अनुसूचित जाति के छात्रों के जीरो बैलेंस पर प्रवेश हेतु संस्थानों के प्रमुखों से समन्वय स्थापित करें। उन्होंने कहा कि सरकार की प्रतिबद्धता है कि कोई भी अनुसूचित जाति का छात्र शिक्षा से वंचित न रहेे। उन्होंने आवेदन पत्र के साथ अनावश्यक दस्तावेज मांगे जाने पर रोक लगाने के भी निर्देश दिये। उन्होंने विभागीय चल-अचल सम्पत्ति का लेखा-जोखा रखने के भी निर्देश दिये।
इस सम्बन्ध में समाज कल्याण मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि कतिपय जनपदों को शिकायत मिल रही हैं कि अनुसूचित जाति के प्रवेश में शुल्क प्रतिपूर्ति के चलते काफी परेशानियां उत्पन्न हो रही हंै। उन्होंने जिला समाज कल्याण अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे अपने-अपने जनपदों में शिक्षण संस्थाओं के प्रमुखों से समन्वय स्थापित कर अनुसूचित जाति के छात्रों का प्रवेश सुनिश्चित करायें। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि कोई भी अनुसूचित जाति का छात्र शिक्षा से वंचित न रह पाये। उन्होंने छात्रों का भी आह्वान किया कि जिन छात्रों के खातों में शुल्क प्रतिपूर्ति की धनराशि जमा हो चुकी है, वे अपने शिक्षण संस्थानों को उक्त शुल्क का भुगतान कर दें।
श्री अवधेश प्रसाद ने कहा कि छात्रवृति आवेदन पत्रों में आ रही दिक्कतों के चलते नियमावली में आवश्यक बदलाव किये जायेगे। उन्होंने कहा कि छात्रवृत्ति आवेदन पत्र के साथ छात्रों से मूल निवास प्रमाण-पत्र तथा शपथ पत्र की मांग अनुचित है। उन्होंने कहा कि इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिये गये है। उन्होंने कहा कि इन प्रमाण -पत्रों की मांग से अनुसूचित जाति के छात्रों को अनावश्यक धन की बर्बादी व परेशानी का सामना करना पड़ता है। साथ ही मूल निवास प्रमाण-पत्र बनवाने के लिए तहसील व जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय के चक्कर लगाने पडते हैं। इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखते हुए सरकार ने मूल निवास प्रमाण पत्र व शपथ पत्र की अनिवार्यता को समाप्त करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को इसके लिए आवश्यक आदेश जारी करने के निर्देश दे दिये गये हैं।
समाज कल्याण मंत्री ने कहा कि आश्रम पद्धति विद्यालय में संविदा पर रखे जाने वाले शिक्षकों के संविदा नवीनीकरण की प्रक्रिया हर स्थिति में 15 अगस्त तक पूर्ण करने के निर्देश दिये गये है। उन्होंने कहा कि इसमें किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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