झांसी - दस दिनों तक चलने बाले आयुर्वेद झांसी महोत्सव महोत्सव का शुभारम्भ मुक्ताकाशी मंच पर महामहिम राज्यपाल श्री बी0एल0जोशी द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर और झांसी रानी के चित्र पर माल्यार्पण करके किया गया। महामहिम राज्यपाल ने कहा वीरांगना की नगरी में आना उनके लिये गौरव की बात है। उन्होंने कहा बचपन में सुभद्रा कुमारी चौहान द्वारा रचित कविता `खूब लड़ी मर्दानी वो तो झांसी वाली रानी थी´ पढ़ने और अब भी सुनते समय रोंगटे खड़े हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि वीरांगना की वीरगाथा झांसी ही नहीं अपितु पूरे देश के लिये गौरव की बात है और हम आज ऐसे ही वीरों के कारण सीना तानकर खड़े हैं।
महामहिम ने अपने सम्बोधन में संचालन कर रही अनीता सहगल की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने संचलिका से कहा कि आप बहुत अच्छा बोलती हैं। बहुत अच्छे तरीके से झांसी की रानी के बारे बताया, जिसकी दर्शको ने तालियों से सराहना की।
झांसी महोत्सव की सांस्कृतिक संध्या का आगाज पाणिनी कन्या महाविद्यालय, वाराणसी के छात्राओं द्वारा किये गये मन्त्रोच्चारण के साथ हुआ। इसके बाद कलाकारों ने तीर के माध्यम से वीरांगना के चित्र पर माल्यार्पण की बेहतरीन प्रस्तुति की। इसके बाद राश्ट्रीय कथक संस्थान, लखनऊ के कलाकारों ने वीरता का परिचय `रानी झांसी की अमर कहानी´ नृत्य नाटिका के माध्यम से किया। इस नाटिका के माध्यम से कलाकारों ने वीरांगना के काशी में जन्म से लेकर अंग्रेजों से लोहा लेना और जीवन पर्यन्त तक का सजीव चित्रण किया। इसके बाद उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के माध्यम से अतुल यदुवंशी द्वारा निर्देशित सप्तरंग कार्यक्रम में हरियाणा का फाग नृत्य, उत्तराखण्ड का हारूल व जौनसारी जनजाति के लोगों द्वारा पाण्डव दर्शन की प्रस्तुति शानदार रही। वहीं मध्य प्रदेश के कलाकारों ने यादव जाति द्वारा दीवाली से पूर्णिमा के बीच किये जाने वाले लोकनृत्य बरेदी को प्रस्तुत किया। भगवान कृश्ण और ग्वाल बालों पर आधारित नृत्य में कलाकारों ने बेहद रोचक प्रस्तुति दी। इसके बाद राजस्थान का चकरी नृत्य, बिहार का झिंझिंया और ब्रज की होली की मनमोहन प्रस्तुति ने दर्शको को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया।
गरिमामयी संचालन अनीता सहगल द्वारा किया गया। अनीता ने जब अपने मनमोहक अन्दाज और मधुर वाणी से संचालन करना शुरू किया तो दर्शक बिना ताली बजाये और प्रशंसा किये बिना नहीं रह पाये। अनीता सहगल ने जो शेर-शायरी अपने संचालन के दौरान कही वह काबिले तारीफ थी। इस बार जिला प्रशासन ने नौ दिन चलने वाले झांसी महोत्सव में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों का संचालन करने का जिम्मा लखनऊ की प्रतिष्ठित संचालिका अनीता को दिया। सांस्कृतिक संध्या के समापन पर जिलाधिकारी राजशेखर ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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