एस0डी0एम0 गौतमबुद्धनगर श्रीमती दुर्गा शक्ति नागपाल के निलम्बन की परिस्थिति और उसके बाद उभरे जनाक्रोश तथा सरकार की दुराग्रह से उत्पन्न परस्थिति के संबंध में आपसे संवैधानिक मुखिया के नाते हस्तक्षेप हो इस आग्रह के साथ आपके समक्ष हम उपस्थित हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार ने उपरोक्त आई.ए.एस. अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही का आधार एल0आई0यू0 से प्राप्त रिपोर्ट को बनाया था। लेकिन एल0आईयू0 की वह रिपोर्ट दिनांक 27.07.2013 को सायं 05ः10 बजे गृह विभाग और डी0जी0पी0 कन्ट्रोल को प्रभारी नियंत्रण कक्ष अभिसूचना मुख्यालय उ0प्र0 द्वारा भेजी गयी है, उसमें तथ्य सरकार के कथन के बिल्कुल विपरीत हैं।
’’गौतमबुद्धनगर-विदित हुआ है कि ग्राम-कादलपुर, थाना-रघुपुरा में स्थानीय मुस्लिमों द्वारा एक नई मस्जिद का निर्माण कराया जा रहा था जिसमें 10 फिट की तीन तरफ की दीवारें खड़ी कर दी गयी थीं।’’
उक्त मस्जिद के निर्माण की सूचना सी0ओ0/एस0डी0एम0 जेवर व थानाध्यक्ष रघुपुरा द्वारा दिनांक 27.07.2013 को 13ः00 बजे मौके पर पहुँच कर निर्माणाधीन दीवार को को गिरवा दिया। प्रशासन का कहना है कि इस मस्जिद के निर्माण की अनुमति न होने के कारण यह कार्यवाही की गयी।
उल्लेखनीय बिन्दु:
ऽ ’’मौके पर गये एस0डी0एम0 जेवर और सरकार ने बताया एस0डी0एम0 गौतमबुद्धनगर तथा श्रीमती दुर्गा शक्ति नागपाल पर सरकार ने कथित एल.आई.यू. की रिपोर्ट को आधार बनाया जबकि एल.आई.यू. की रिपोर्ट में दुर्गा शक्ति नागपाल का चर्चा भी नहीं है।’’
रिपोर्ट का दूसरा भाग:-
’’यह जानकारी मिल रही है कि निर्माण फंड के लिए तीन माह पहले श्री नरेन्द्र भाटी घोषित सपा प्रत्याशी ने 51000 रूपये दिये और उसका उद्घाटन किया।’’
उल्लेखनीय बिन्दु:
ऽ श्री नरेन्द्र भाटी का ही बयान था कि मैंने 41 मिनट में ही ट्रांसफर करा दिया। (संलग्न)
उपरोक्त तथ्यों के आधार पर यह स्पष्ट है कि जैसा जन मानस में व्याप्त है कि खनन माफियाओं के दबाव में दुर्गा शक्ति नागपाल को हटाया गया है, सत्य सिद्ध हो रहा है।
अर्थात् मस्जिद की दीवार तो एक बहाना है और उससे सरकार ने एक तीर में दो निशाने किये है, एक अपने समर्थक खनन माफियाओं को बचाया है, दूसरा साथ ही मुस्लिम तुष्टीकरण की पराकाष्ठा का परिचय दिया है।
यदि दुर्गा शक्ति नागपाल के निलम्बन का कारण मस्जिद की दीवार और कानून व्यवस्था थी तब दिनांक 31.07.2013 की प्रातःकाल 06ः30 बजे सरकार की नाक के नीचे थाना-बाजार खाला, लखनऊ में हुए शिया-सुन्नी दंगे और आगजनी सहित प्रदेश में अब तक घटे 47 साम्प्रदायिक उन्माद की घटनाओं पर किसी भी प्रशासनिक अधिकारी को निलंबित किया गया है ऐसा प्रतीत नहीं होता है। उदाहरणार्थ लखनऊ में भगवान बुद्ध और महावीर की मूर्ति तोड़े जाने की घटना के बाद भी जिलाधिकारी लखनऊ यथावत हैं और अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
इस संबंध में मेरा आपसे विशेष आग्रह है कि श्रीमती दुर्गा शक्ति नागपाल द्वारा खनन माफियाओं के विरूद्ध की गई कार्यवाही के अधीन जो ट्रक, ट्रैक्टर, ट्राली, डम्पर, जे.सी.बी. मशीन जब्त की गई उसके मालिक कौन, किस व्यक्ति या फर्म के यहाँ किराये पर थे। मालिक, फर्म और व्यक्ति कौन हैं और उनके राजनैतिक संबंध क्या है, यह विषय जनता के समाने स्पष्ट हो जायेगा तो इस प्रकरण का दूध का दूध, पानी का पानी अलग हो जायेगा।
इस संबंध में एक पृष्ठ इस प्रकरण की सामान्य जानकारी का तथा एक पृष्ठ एल.आई.यू. की मूल रिपोर्ट का व एक पृष्ठ एल.आई.यू. की मूल रिपोर्ट की साफ टंकित प्रति भी आपके अवलोकनार्थ संलग्न की जा रही है।
मेरा निवेदन है कि राज्य के संवैधानिक मुखिया होने के नाते एक ईमानदार अधिकारी को आपका संरक्षण प्राप्त हो तथा सरकार की असत्य और अवैधानिक कार्यवाही निरस्त हो, ऐसा प्रभावी हस्तक्षेप करने का आग्रह है।
(ओम प्रकाश सिंह) (डा0 लक्ष्मी कान्त बाजपेयी) (गोपाल टण्डन)
पूर्व मंत्री विधायक प्रदेश उपाध्यक्ष
प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा, उ0प्र0
(दया शंकर सिंह) (अनूप गुप्ता) (विजय बहादुर पाठक)
प्रदेश मंत्री प्रदेश मंत्री प्रदेश प्रवक्ता
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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