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मुख्यमंत्री ने नई कुक्कुट विकास नीति के अंतर्गत कामर्शियल लेयर्स एवं ब्रायलर पैरेण्ट्स फार्म इकाइयों की स्थापना का शुभारम्भ किया

Posted on 07 August 2013 by admin

  • कामधेनु डेयरी योजना का लोकार्पण तथा दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ, लखनऊ के परिसर में स्थापित होने वाले आटोमैटिक दही प्लाण्ट एवं आटोमैटिक फ्लेवर्ड मिल्क प्लाण्ट का शिलान्यास भी किया

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने आज यहां पशुपालन विभाग की नई कुक्कुट विकास नीति के अंतर्गत कामर्शियल लेयर्स एवं ब्रायलर पैरेण्ट्स फार्म इकाइयों की स्थापना का शुभारम्भ, कामधेनु डेयरी योजना का लोकार्पण तथा दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ, लखनऊ के परिसर में स्थापित होने वाले 25 टन प्रतिदिन क्षमता के आटोमैटिक दही प्लाण्ट एवं 10 हजार बोतल की प्रतिदिन क्षमता के आटोमैटिक फ्लेवर्ड मिल्क प्लाण्ट का शिलान्यास किया। इस मौके पर उन्होंने गरीबों एवं ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए इन योजनाओं को अत्यन्त लाभकारी बताते हुए कहा कि इनसे लाखों लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार हासिल होगा।
अपने सरकारी आवास पर आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि दुग्ध विकास तथा पशुपालन विभागों द्वारा शुरू की जा रहीं इन रोजगारोन्मुखी योजनाओं से ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। उन्होंने उत्तर प्रदेश को दुग्ध का बड़ा बाजार बताते हुए कहा कि दुग्ध विकास क्षेत्र को प्रतियोगी बनाने से यहां के किसानों तथा उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा। इसीलिए अमूल को भी प्रदेश में काम करने की इजाजत दी गई है। इसी प्रकार कुक्कुट पालन को आर्थिक रूप से काफी सम्भावनाओं वाला रोजगार बताते हुए उन्होंने कहा कि अण्डे, ब्रायलर तथा दूध की मांग मौसम के हिसाब से काफी बढ़ जाती है।
पिछली राज्य सरकार पर दुग्ध विकास विभाग की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए श्री यादव ने कहा कि कानपुर में दुग्ध संघों का काफी दिनों से पैसा बकाया था, जिसकी वजह से किसानों का भुगतान नहीं हो रहा था। फलस्वरूप पराग डेयरी बंद होने के कगार पर पहुंच गई थी। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने पिछले दो वित्तीय वर्षों में काफी प्रयास कर इस समस्या का समाधान किया। उन्होंने कहा कि यदि कहीं दुग्ध आपूर्ति करने वाले किसानों का भुगतान लम्बित है तो विभाग उन किसानों की बकाया धनराशि का भुगतान शीघ्र कराएगा। उन्होंने आधुनिक बाजार व्यवस्था के अनुरूप तब्दीली लाने का सुझाव देते हुए कहा कि दुग्ध विकास विभाग को पराग उत्पादों की पैकेजिंग, मार्केटिंग के अलावा इसके उत्पादों के विविधिकरण पर भी ध्यान देना होगा।
मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि आगे आने वाले समय में कृषि उत्पादन आयुक्त शाखा द्वारा संबंधित विभागों के माध्यम से ऐसी योजनाएं संचालित की जाएंगी, जिनसे ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था में काफी सुधार होगा और किसानों की आमदनी में बढ़ोत्तरी होगी। उन्होंने दुधारू पशुओं की नस्लों को सुधारने के लिए गम्भीरता से प्रयास करने का निर्देश देते हुए कहा कि प्रति पशु दुग्ध उत्पादन बढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पशुओं के इलाज के लिए मण्डल स्तर पर अच्छे पशु चिकित्सालयों की स्थापना का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जनपद अम्बेडकरनगर में संतुलित पशु आहार निर्माणशाला की स्थापना पर विचार किया जाएगा।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश सरकार की नई कुक्कुट विकास नीति- 2013 के अंतर्गत 36 यूनिटों के लिए उद्यमियों को स्वीकृत पत्र वितरित करते हुए कहा कि कामर्शियल लेयर्स पालन योजना पर नीति के अनुसार ब्याज रहित ऋण उपलब्ध कराने, मण्डी शुल्क पर अनुदान इत्यादि से उद्यमियों को छूट दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इन यूनिटों की स्थापना के बाद अगले पांच वर्षों में प्रदेश अण्डे की खपत की प्रतिपूर्ति अपने स्तर से ही करने में सक्षम हो जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने कामर्शियल लेयर फार्म तथा ब्रायलर पैरेण्ट्स फार्म की यूनिट स्थापना के लिए हैदराबाद से आए उद्यमियों से भी मुलाकात की।
इसी प्रकार कामधेनु डेयरी योजना का शुभारम्भ करते हुए उन्होंने कहा कि योजना के तहत स्थापित होने वाली 100 दुधारू पशुओं की एक यूनिट लगाए जाने पर योजना की कुल लागत का 75 फीसदी बैंक ऋण प्राप्त करने पर 12 प्रतिशत वार्षिक की दर से पांच वर्षों तक बैंक द्वारा लिए गए ब्याज की प्रतिपूर्ति की जाएगी।
कार्यक्रम में प्रस्तावित योजनाओं की जानकारी देते हुए दुग्ध विकास मंत्री श्री राममूर्ति वर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश द्वारा सर्वाधिक दुग्ध उत्पादन किया जाता है। लेकिन प्रति पशु दुग्ध उत्पादन में राज्य अभी काफी पीछे है। इसकेे लिए पशुओं की नस्ल सुधार के कार्यक्रम सघनता से चलाए जाएंगे।
इस मौके पर पशुधन मंत्री श्री राजकिशोर सिंह ने कहा कि अण्डा उत्पादन हेतु कामर्शियल लेयर्स पालन की योजना को पारदर्शी ढंग से चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि योजना के तहत प्रति इकाइ लागत 180 लाख निर्धारित की गई है, जिसमें 30 प्रतिशत धनराशि मार्जिन मनी के रूप में उद्यमी को देनी होगी। उन्होंने कहा कि योजना के तहत पांच वर्षों में 10 प्रतिशत बैंक ऋण के ब्याज की प्रतिपूर्ति की जाएगी।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री अहमद हसन ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश की जनता के हित में लगातार काम कर रही है।    इससे पूर्व मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी ने कहा कि उत्तर प्रदेश भौगोलिक विविधता से परिपूर्ण है। ग्रामीण परिवेश में कृषि एवं पशुपालन परम्परागत रूप से आजीविका का आधार रहे हैं। किन्तु पशुपालन को सदैव कृषि के मुकाबले कम प्राथमिकता दी गई। फलस्वरूप पशुपालन में अपार सम्भावनाओं के बावजूद प्रमुख क्षेत्र के रूप में राज्य विकसित नहीं हो पाया। राज्य सरकार इस कमी को पूरा करने के लिए गम्भीरता से प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि कुक्कुट पालन के लिए शुरू की जा रही योजना से अगले पांच साल में प्रदेश आत्मनिर्भर हो जाएगा। इसी प्रकार डेयरी के लिए शुरू की जा रही कामधेनु डेयरी योजना से 75 इकाइयां स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसे बाद में बढ़ाया जाएगा। इससे दुग्ध उत्पादन में काफी बढ़ोत्तरी होगी।
इस अवसर पर कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक रंजन ने कहा कि मुख्यमंत्री की रूचि को देखते हुए पशुधन विभाग को लघु उद्योग के रूप में विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कृषि के साथ-साथ पशुपालन को बढ़ावा देने से किसानों की आमदनी में तीन से चार गुना तक की वृद्धि हो सकती है। उन्होंने कहा कि पशुओं को तत्काल चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के लिए सचल पशु चिकित्सालय शुरू किए गए हैं, जिनकी आवश्यकता को देखते हुए उनकी संख्या बढ़ाई जाएगी।
इस अवसर पर राज्य मंत्रिमण्डल के सदस्यगण, विधायकगण एवं अन्य जनप्रतिनिधि तथा प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री राकेश गर्ग, प्रमुख सचिव पशुधन श्री योगेश कुमार, प्रमुख सचिव दुग्ध विकास श्री कुमार अरविन्द सिंह देव सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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