उत्तर प्रदेश की समाजवादी सरकार ने खनन माफियाओं के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। कथित धर्मनिरपेक्ष सपा सरकार मुस्लिम तुष्टीकरण करते-करते शतप्रतिशत साम्प्रदायिक हो गयी है उक्त उद्गार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ0 लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने गाजियाबाद में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान व्यक्त किया।
डाॅ0 बाजपेयी ने ग्रेटर नोएडा की एसडीएम दुर्गा शक्ति नागपाल के निलम्बन प्रकरण पर कहा कि निर्माणाधीन मस्जिद ग्राम सभा की भूमि पर बिना किसी विधिक अनुमति से बन रही थी। जबकि 2005 में तत्कालीन समाजवादी पार्टी की सरकार ने ही एक आदेश जारी किया था कि सार्वजनिक सरकारी भूमि पर कोई धार्मिक स्थल नहीं बनेगा यदि बना तो सम्बन्धित अधिकारी जिम्मेदार होगा। और इस आदेश का आधार सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय ष्कि सार्वाजनिक भूमि पर कोई धार्मिक स्थल का निर्माण न होष् था।
डाॅ0 बाजपेयी ने कहा कि जब वहां के जिलाधिकारी की जाँच रिपोर्ट में एसडीएम दुर्गा शक्ति नागपाल का निर्दोष होना सिद्ध हो गया है, तब सरकार के मंत्री आजम खान व सपा नेता नरेश अग्रवाल द्वारा जिलाधिकारी की रिपोर्ट को असत्य बताना और डीएम पर भी कार्यवाही की धमकी देना उनके तानाशाही रवैये को दर्शाता है और ष्जबरा मारे रोवय न देयष् कहावत को चरितार्थ करता है।
डाॅ0 बाजपेयी ने सपा नेता प्रो0 रामगोपाल यादव द्वारा एसडीएम पर मंदिर से मूर्ति उठा ले जाने के आरोप को मिथ्या बताया।
डाॅ0 बाजपेयी ने सपा सरकार से पूछा क्या अन्य धर्मावलम्बियों को भी ऐसी छूट देगी? क्या सरकार आईएएस/आईपीएएस अधिकारियों को कठपुतली बनाना चाहती है?
डाॅ0 बाजपेयी ने मांग किया कि दुर्गा शक्ति नागपाल का निलंबन तत्काल वापस हो। भारत सरकार तत्काल हस्तक्षेप कर अपने कैडर की रक्षा करे। उ0प्र0 सरकार श्रीमती नागपाल द्वारा खनन माफियाओं के जो ट्रैक्टर, ट्राली, जे0सी0बी0 मशीन जब्त की गई थी उनके मालिको का नाम व उनके राजनैतिक सम्बन्धों को जगजाहिर करें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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