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अवमुक्त धनराशि का शत-प्रतिशत उपयोग कर सभी विभाग उपयोगिता प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करें: कृषि उत्पादन आयुक्त

Posted on 02 August 2013 by admin

  • मत्स्य विभाग को अवमुक्त धनराशि का उपयोग न होने पर संबंधित पर कार्यवाही होगी: आलोक रंजन

कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक रंजन ने बुद्धवार  को अपने कार्यालय के सभागार में जारी बजट/जारी वित्तीय स्वीकृतियों/व्यय/केन्द्रीय सहायता/अप्रयुक्त धनराशि की समीक्षा की, जिसमें कृषि, ग्राम्य विकास, सिंचाई, पंचायती राज, रेशम, युवा कल्याण, पशुधन, दुग्ध, भूमि विकास एंव जल संसाधन, कृषि शिक्षा एंव अनुसंधान, उद्यान, खाद्य प्रसंस्करण, मत्स्य, की विभागवार रिपोर्टांे के आधार पर अवमुक्त धनराशि के उपयोग न होने पर नाराजगी जताते हुए धन के सदुपयोग करने के खाद्य प्रसंस्करण को निर्देश दिये। कृषि उत्पादन आयुक्त ने पंचायती राज विभाग में स्वीकृति के सापेक्ष व्यय 8.74 प्रतिशत ही हुआ है। यह बहुत कम है इसको बढ़ाने के लिये लोहिया समग्र ग्राम, अम्बेडकर ग्राम के कार्यों में तेजी लाकर कार्य कराने के साथ-सफाई पर हुए कम व्यय को बढ़ाने को कहा तथा भूख मुक्ति से जीवन से सम्बन्धित पत्रावली अविलम्ब प्रस्तुत करने के साथ निर्मल भारत अभियान में कम व्यय को शीघ्रातिशीघ्र पूरा करने के आदेश दिये।
कृषि उत्पादन आयुक्त ने ग्राम विकास विभाग के कार्यों पर असंतोश  व्यक्त करते हुये कहा कि इन्दिरा आवास और लोहिया समग्र आवास योजना के कार्यों पर ंकिये गये व्यय के उपयोग धन का प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करें तथा पी0एल0ए0 के खाते में जमा धन का प्रमुख सचिव अपने स्तर से समीक्षा कर पत्रावली मेरे समक्ष प्रस्तुत करें। सरकार द्वारा जारी धन का उपयोग न होना कार्यों के प्रति उदासीनता का द्योतक है। इसी के साथ दुग्ध विकास के सुदृढ़ीकरण के लिये जारी धन का समुचित उपयोग कर उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करें।    उन्होंने लघु सिंचाई में भी व्यय की कमी को दूर करने के कड़े निर्देश दिये। रेशम विभाग ने अपनी कमी को स्वीकार करते हुये आश्वासन दिया कि 05 अगस्त, 2013 तक धन का उपयोग कर प्रमाण-पत्र प्रस्तुत कर दिया जायेगा। युवा कल्याण विभाग, उद्यान विभाग के निदेशक को कम धन खर्च करने पर उन्होंने रोष व्यक्त किया। खाद्य प्रसंस्करण विभाग में स्वीकृतियों के सापेक्ष 35 प्रतिशत खर्च हुआ है, जिसमें दवा, फास्ट फूड, वर्तमान में चल रहे प्रशिक्षण और 22 करोड़ के प्रोजक्ट्स स्वीकृत हो गये हैं। शेष 10 करोड़ की स्वीकृति आनी बाकी है तो प्रयास करे और अवमुक्त धनराशि का उपयोगकर  उपयोगिता प्रमाण-पत्र शीघ्र प्रस्तुत करें। पशुधन विभाग एवं मत्स्य विभाग में दवा, रिवैलिडेशन, वैक्सीन खरीद का टेंडर हो गया है। रूरल पोल्ट्री के अतिरिक्त अभी तक पशु रोग में स्वीकृति जारी नहीं हुई है। इसे निदेशक पशु व्यक्तिगत रूप से प्रयास करे शीघ्र जारी करा के मुझे सूचित करें। मत्स्य विभाग की कार्यप्रणाली से नाराज होकर कृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा कि 29.43 करोड़ की स्वीकृति में सिर्फ 7.5 करोड़ जारी होने के बावजूद अब तक केवल 0.0 प्रतिशत व्यय हुआ है। स्थिति स्पष्ट करते हुये आंकड़ों सहित मत्स्य निदेशक तुरंत मिलें। परफार्मेंस शून्य प्रतिशत होने से संबंधित पर होगी कार्रवाई। प्रमुख सचिव कृषि उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करें सभी प्रमुख सचिव अपने स्तर से 15 दिन में संबंधित समीक्षा करें और मुझे रिपोर्ट प्रस्तुत करें तथा 30 सितम्बर, 2013 तक सभी निदेशक/सहायक निदेशक सभी योजनाओं का खरीफ बजट पूरा खर्च करें। कृषि शिक्षा कृषि शिक्षा के लिये लखीमपुर में जो जमीन मिली है, उसके लिए कृषि शिक्षा की स्कीमों की कार्यवार सूची बनाकर प्रस्तुत करें। सूचना दें।
बैठक में प्रमुख सचिव कृषि श्री देबाशीष पाण्डा, विशेष सचिव कृषि श्री निखिल चन्द्र शुक्ला, विशेष सचिव कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान, श्री चक्रपाणि, स्टाफ आॅफिसर कृषि उत्पादन आयुक्त श्री अजय कुमार उपाध्याय, निदेशक कृषि श्री डी0एम0 सिंह के अतिरिक्त पशुधन, रेशम, मत्स्य, पंचायतीराज, युवा कल्याण, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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