चित्रकार का हृदय और हाथ दोनों ही कोमल होते हैं। वह सदैव रचनात्मक कार्यों की ओर प्रवृत्त रहता है, इसलिये मुझे आशा है कि युवाओं ने इस तीन दिवसीय फेविक्रिल कार्यशाला में सम्मिलित होकर, जो सुन्दर-सुन्दर कलाकृतियां तैयार की है, वे अपने जीवन को भी अपनी कला, उर्जा एवं रचनात्मकता से परिपूर्ण रखेंगे। यह विचार मानव संसाधन विकास मंत्रलालय भारत सरकार द्वारा संचालित जन शिक्षण संस्थान के निदेषक श्रीपति रस्तोगी ने संस्थान परिसर में पिडिलाईट इण्डस्ट्रीज लिमिटेड के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित तीन दिवसीय ”फेविक्रिल डेकोरेटिव आईटम्स मेकिंग“ कार्यशाला के समापन एवं प्रमाण पत्र वितरण कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किये।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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