प्रदेश में गंगा, बेतवा, केन, शारदा व घाघरा नदियों का जलस्तर कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर है। राप्ती व गंगा का जलस्तर कई स्थानों पर खतरे के निशान से 0.50 मीटर नीचे है। बिजनौर जनपद में गंगा नदी के बांये तट पर स्थिति 14 गंावों की स्थिति संवेदनशील बनी हुई है। लो-लाइंग एरिया में 14 गांव बसे हैं, जिनकी आबादी एवं कृषि भूमि प्रभावित हुई है। शाहजहाॅपुर, हरदोई कन्नौज, उन्नाव, फतेहपुर, संतकबीर नगर, अम्बेडकरनगर, गोरखपुर, मऊ, देवरिया तथा बलिया में बाढ़ की स्थिति सामान्य बनी हुई है।
केन्द्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष द्वारा जारी सूचना के अनुसार गंगा नदी का जलस्तर नरौरा में खतरे के निशान से 0.220 मीटर ऊपर है। इसी प्रकार गंगा नदी का जलस्तर बलिया में 0.905 मीटर, बेतवा नदी का जलस्तर बलिया मोहाना में 1.126 मीटर, केन का जलस्तर बांदा में 0.500 मीटर, शारदा नदी का जलस्तर पलियाकलां में 0.490 मीटर, एल्गिनब्रिज मे ं0.206 मीटर, घाघरा नदी का जलस्तर अयोध्या में 0.070 मीटर तथा तुर्तीपार (बलिया) में 0.370 मीटर ऊपर है। इसी प्रकार गंगा नदी का जलस्तर फतेहगढ़ में खतरे के निशान से 0.100 मीटर नीचे है। गंगा का जलस्तर अंकिनघाट (कानपुर देहात) में 0.500 मीटर, गाजीपुर में 0.455 मीटर, राप्ती नदी का जलस्तर बांसी (सिद्धार्थनगर) में 0.110 मीटर तथा गोरखपुर में 0.210 मीटर नीचे है।
जारी सूचना के अनुसार बिजनौर जनपद में गंगा नदी पर बने मुबारकपुर बंध के किमी0 0.00 से किमी0 0.50 तक, बाकरपुर-यूसुफपुर बांध के किमी0 1.00 से किमी0 4.00 तक तथा मुबारकपुर बंध के किमी0 0.00 से किमी0 0.50 तक तथा रावली बांया एफलक्स बंध किमी0 9.00 तथा बंधे की नोज व मालन नदी के बीच का क्षेत्र संवदेनशील है। गंगा नदी के बायंे तट पर स्थित ग्राम कोहरपुर-मीरापुर एवं गोरखपुर, मिर्जापुर के समीप स्टड नम्बर-1 के अपस्ट्रीम में काटर स्थिर बना हुआ है। जनपद पीलीभीत में शारदा नदी बेसिन पर 20 गांव संवेदनशील बने हुए हैं। लो-लाइंग एरिया में 15 गांव प्रभावित हो सकते हैं। जनपद में स्थित तटबंधों पर ग्राम नौजलहा-नकटहा, गभिय, हराई व रमनगरा संवेदनशील हैं। बनबसा बैराज में 2.50 लाख क्यूसेक से अधिक मात्रा में पानी डिस्चार्ज होने से उक्त गंावों में जलभराव का खतरा बना हुआ है। जनपद बहराइच की कैसरगंज एवं महसी तहसील के 36 गांवों के 227 मजरों में 76693 जसंख्या प्रभावित है। सात जनहानि हुई है तथा बचाव कार्य में 295 नावें, 04 मोटरबोट एवं 14 बाढ़ चैकियां संचालित की जा रही है। प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जारहा है तथा जिला प्रशासन द्वारा लोगों को जरूरत की सभी वस्तुएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। बाराबंकी जनपद में बाढ़ की स्थिति संवेदनशील होने पर 92 गांव प्रभावित होते हैं। जनपद के अलीनगर-रानीमऊ बांध, घाघरा नदी दांया तट किमी0 2.500 से किमी0 3.500 तक, किमी0 17.000 से किमी0 18.000 तक, किमी0 19.500 से 22.800 तक एवं किमी0 27.000 से 28.000 तक, एल्गिनब्रिज-चरसरी बांध, घाघरा नदी बांया तट किमी0 8.000 से किमी0 12.000 तक संवेदनशील हैं। बाढ़ व अतिवृष्टि से 11 जन हानि हुई है तथा सिरौली गौसपुर, रामसनेही घाट एवं रामनगर तहसीलों के 56 गांवों की 25172 जनसंख्या में से 6795 आबादी प्रभावित है। प्रभावित क्षेत्रों में 53 नावें, 16 शिविर व 12 मेडिकल टीमें राहत कार्य में लगी हुई है। जनपद बस्ती में घाघरा व कुआनों नदी का जलस्तर स्थिर बना हुआ है। जनपद की 102 गांव की 43958 जनसंख्या आशिंक रूप से प्रभावित हो रही है। वर्तमान में 73 गांव बाढ़ से प्रभावित है तथा 15476 हेक्टेयर क्षेत्रफल प्रभावित हुआ है। बाढ़ प्रभावित लोगों के बचाव के लिए 36 राहत शिविर लगाये गये है तथा पांच मेडिकल टीमें लगातार प्रभावित लोगों की देखभाल कर रही है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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