भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग द्वारा त्रिस्तरीय आरक्षण व्यवस्था को वापस लेने को छात्रों के संघर्ष की जीत बताया। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा0 लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग को चयन की धांधली का अड्डा बताया। उन्होंने आयोग के अध्यक्ष डा0 अनिल यादव को बर्खास्त कर लोकसेवा आयोग को भंग करने की मांग प्रदेश सरकार से की है।
प्रदेश अध्यक्ष डा0 बाजपेयी ने आयोग से पूंछा कि इस तिकड़म भरे त्रिस्तरीय आरक्षण के फार्मूले के तहत कितने चयन किये गये है? उन्होनंे कहा कि यदि कोई चयन इस फार्मूले के तहत किया गया है तो उसे तत्काल रदद् करके प्रतिस्पर्धियों को न्याय दिया जाये। संघर्षशील छात्रों द्वारा आयोग को निर्णय वापस लेने पर मजबूर करने के लिए छात्रों व विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं को बधाई।
डा0 बाजपेयी ने आरोप लगाया कि प्रदेश का लोकसेवा आयोग गम्भीर सन्देह के घेरे में है। प्रतियोगियों का इस आयोग पर बिल्कुल भी भरोसा नही है। एक तरफा चयन की शिकायते आम है तथा भ्रष्टाचार की चर्चा जन मानस में तैर रही है। उन्होंने कहा कि आयोग की कार्य प्रणाली पारदर्शी नही है। डा0 बाजपेयी ने मांग की कि इस आयोग द्वारा की गई भर्तियों की न्यायिक जांच हो तथा भविष्य में पारदर्शी चयन प्रक्रिया आयोग को सुनिश्चित किया जाना चाहिए। आयोग में भ्रष्ट व्यवस्था को छिपाने के लिए तथा पारदर्शी बनाने के लिए कोडिंग का खेल चल रहा है। इस खेल के कारण सैकड़ो प्रतियोगी छात्र अन्याय के शिकार हो रहे है।
पार्टी प्रवक्ता डा0 बाजपेयी ने आयोग के अध्यक्ष डा0 अनिल यादव को तत्काल बर्खास्त किये जाने की मांग की तथा आयोग को भंग कर प्रदेश के प्रतियोगियों को न्याय दिलाया जाये। आंदोलन के दौरान छात्रों के ऊपर दर्ज मुकदमों को बिना शर्त वापस लिया जाये। चयन प्रक्रिया पर भरोसा दिलाये जाने के लिए एक वैधानिक प्रक्रिया अपनाये जाने की आवश्यकता है। सरकार को आयोग की शुचिता को बहाल करने की हर संभव प्रयास सुनिश्चित करने चाहिए। डा0 बाजपेयी ने चेताया कि पार्टी छात्रों के साथ खिलवाड़ को बर्दाश्त नही करेगी। जरूरत पड़ी तो हर तरह संघर्ष पार्टी करेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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