श्री दुर्गा शिक्षा निकेतन महाविद्यालय, देवरी रूखारा, बख्षी का तालाब, लखनऊ में स्वामी विवेकानन्द की 150वीं जयंती के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी में वक्ताओं ने समाजवाद, युवा षक्ति और आत्मविश्वास पर विवेकानन्द के विचारों और राष्ट्रीय चेतना के साथ अध्यात्म को जोड़ने के उनके प्रयासों से प्रेरणा लेने पर बल दिया।
स्ंगोष्ठी का प्रारम्भ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। महाविद्यालय की प्रबंध समिति के अध्यक्ष श्री रामशंकर यादव ने अपने स्वागत भाषण में बताया कि पिछले दिनों डा0 राम मनोहर लोहिया और समाजवादी आंदोलन पर गोष्ठी में चर्चा हुई थी। अगली गोष्ठी कबीर पर आधारित होगी। इस भाषण श्रंखला से नौजवान पीढ़ी को मार्गदर्शन प्राप्त होगा।
पद्मश्री प्रो0 महेन्द्र सिंह सोढ़ा, पूर्व कुलपति इन्दौर एवं लखनऊ विश्वविद्यालय ने विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि स्वामी विवेकानन्द वह व्यक्ति हैं जिन्होने परमहंस रामकृष्ण के मिशन को बढ़ाया और विश्व से प्रतिष्ठा प्राप्त की। उन्होने व्यक्ति के चरित्र निर्माण पर जोर दिया और वेंदांत दर्शन का व्यावहारिक पक्ष निरूपित किया। उन्होने धर्म की क्रांतिकारी व्याख्या की और राष्ट्रीय चेतना को जगाने का काम किया।
प्रमुख वक्ता श्री रविराज सिंह ने कहा कि शिक्षा व्यक्तित्व का पूर्ण विकास करती है। यदि उससे मूल्यों का आदर्शो का विकास न हो तो वह अधूरी है। उन्होने कहा युवा स्वामी विवेकानन्द से जीवन जीने की शिक्षा ले सकते हैं।
संगोष्ठी में सर्वश्री डा0 अंशु केडिया ने समाजवाद और विवेकानन्द, श्री एस0आर0 पाण्डेय ने विवेकानन्द और आत्म विश्वास तथा प्रो0 एस0एन0 कपूर ने युवाशक्ति एवं विवेकानन्द पर सारगर्भित वक्तव्य दिए।
श्री दुर्गा शिक्षा निकेतन महाविद्यालय के प्रबंधक श्री जगजीवन प्रसाद ने सभी अतिथियों के प्रति आभार प्रकट करते हुए उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट किए।
कार्यक्रम में विशेष रूप से श्री एस0सी0 पाण्डेय, कोआर्डिनेटा, कृष्ण मुरारी, उपप्रबंधक तान्या पाण्डे, कोषाध्यक्ष तथा सभी विद्यालयों के प्राचार्य, अध्यापक एवं बी0एड0 व बीटीसी के छात्र भी उपस्थित रहे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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