- राज्य मंे बने कपड़े को निर्यात हेतु बन्दरगाह तक ले जाने के खर्चे पर सब्सिडी दी जायेगी
- राज्य में वस्त्र उद्योग को पुनर्जीवित करने के लिए ड्राफ्ट नीत पर गहन विचार
26 जुलाई, 2013
राज्य सरकार प्रदेश मंे वस्त्र उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें पूंजीगत ब्याज उपादान योजना 07 प्रतिशत की दर पर उपलब्ध करायेगी। इसके अलावा ड्राफ्ट वस्त्र उद्योग नीति में पूंजीगत ब्याज उपादान योजना का लाभ लेने के लिए प्रस्तावित 50 लाख से 01 करोड़ की अधिकतम मौद्रिक सीमा को भी वर्तमान वास्तविक परिस्थतियों के अनुरूप बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
यह निर्णय अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त श्री आलोक रंजन की अध्यक्षता में एसोचैम (एसोसिएटेड चेम्बर्स आफॅ कामर्स एण्ड इण्डस्ट्री आफॅ यू0पी0) एवं निट्रा (नार्दन इण्डिया टेक्सटाइल रिसर्च एसोसिएशन) के प्रतिनिधियों और वस्त्र उद्योग सहित राज्य सरकार के वित्त, वाणिज्य कर, विद्युत, कर एवं निबन्धन तथा व्यावसायिक शिक्षा विभागों की उ0प्र0 की ड्राफ्ट वस्त्र उद्योग नीति -2013 पर विचार हेतु आयोजित बैठक में लिया गया। एसोचैम ने बैठक में कहा कि पूंजीगत ब्याज उपादान योजना में जिस तरह से चीनी उद्योग इकाइयों को 07 प्रतिश्त का पूंजीगत ब्याज उपादान प्राप्त होता है, उसी तरह वस्त्र उद्योग को भी लाभ प्राप्त होना चाहिए। उन्होने यह भी कहा कि गुजरात, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल एवं राजस्थान में वस्त्र उद्योग इकाइयों को 07-08 प्रतिशत तक यह सुविधा मिलती है।
ड्राफ्ट नीति में राज्य में बने कपड़े के निर्यात को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से उसे बंदरगाह तक ले जाने में लगने वाले परिवहन व्यय पर सब्सिडी देने की व्यवस्था किए जाने का निर्णय लिया गया है। मेगा प्रोजेक्ट के अन्तर्गत वस्त्र उद्योग इकाइयों के लिए पूंजी निवेश की सीमा में छूट प्रदान करने का भी निर्णय लिया गया है। बैठक में यह तय हुआ कि वस्त्र उद्योग इकाइयां और उनकी अनुसांगिक (सब्सिडियरी) इकाइयों की स्थापना से बड़ी संख्या में रोजगार पैदा होता है। अतः मेगा प्रोजेक्ट के अन्तर्गत 200 से 500 करोड़ एवं 500 करोड़ तथा उससे अधिक पूंजी निवेश की सीमा को वस्त्र उद्योग की बड़ी संख्या में रोजगार देने की क्षमता के मद्देनजर केस-टू-केस आधार पर शिथिल किया जायेगा।
बैठक में इकाइयों द्वारा पावर सेविंग इक्विपमेण्टस लगाने वाली इकाइयों को सब्सिडी दिए जाने के निट्रा के प्रस्ताव को स्वीकार किया गया है और वस्त्र उद्योग से सम्बन्धित कानपुर स्थित संस्थान के आधुनिकीकरण को भी हरी झण्डी दी गयी। इसके अलावा बुनकरों के हित में उन्हें घरेलू उपयोग में इस्तेमाल की गई बिजली का शुल्क औद्योगिक दर के बजाय डोमेस्टिक दर पर निर्धारित किए जाने पर भी निर्णय लेते हुए उसे अग्रिम विचार हेतु पावर कारपोरेशन को संदर्भित किया गया है।
वस्त्र उद्योग इकाइयों के विस्तार एवं नई तकनीक के अपनाये जाने पर उन्हें नई इकाइयों जैसी सुविधाएं देने पर भी ड्राफ्ट नीति में सहमति दी गई है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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